हार्ट बर्न के कारण, लक्षण और उपाए

 

हार्ट बर्न जो की किसी भी व्यक्ति को कभी-भी और कही-भी हो सकता है ऐसे समय में आपके सीने में जलन या दर्द होता है यह अक्सर खाना खाने के बाद होता है और इसकी सबसे बड़ी वजह है गलत खान-पान और ज्यादा तला-भुना खाने का सेवन। आज कल लोगों में एसिडिटी और हार्टबर्न की समस्या देखने को मिलती है। हार्टबर्न के कारण पेट और सीने में भी दर्द होता है और, सूजन, गले में खट्टा स्‍वाद और मतली आने ये सभी इसके लक्षण होते है। ये तो आप जानते ही है की एसिडिटी की वजह से पेट में तेज जलन होती है या कभी-कभी खट्टी डकारें आना शुरू हो जाती है। इससे राहत पाने के लिए ज्यादातर  लोग दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन उससे कोई भी फर्क नजर नहीं आता। तो ऐसे में आज हम आपको ऐसे फ्रूड्स के बारे में बताएंगे जो आपका खाना डाइजेस्ट करके एसिडिटी और हार्टबर्न होने से छुटकारा दिला सकते हैं।

 

क्या होता है हार्ट बर्न ?

 

हार्ट बर्न किसी भी व्यक्ति के शरीर में तब होता है जब वह आवश्यकता से अधिक खाना खा लेता है, जिसकी वजह से निकल कर आपकी भोजन नली में पहुँच जाता है। अगर डॉक्टर की भाषा में बात करें तो आपके पेट और इसोफेगस जिसे हम भोजन नली कहते है उसके बीच में एक वाल्व द्वार बन जाती है। जब यह वाल्व पेट में बनने वाले एसिड को इसोफेगस की तरफ़ धकेलती है तभी हार्टबर्न की  समस्या शुरू होती है। कई बार ऐसी स्थिति में लोगो को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। जिसे अपने खान-पान की आदतों में सुधार लाकर ठीक कर सकते हैं।

 

क्या है हार्ट बर्न के कारण

 

  • ज्यादा मसालेदार भोजनप का सेवन करना
  • खट्टे व अम्लीय पदार्थप टमाटर से निर्मित चीज़ें या अचार
  • तली चीजे और फ्राइड फूड का अधिक सेवन करना
  • पुदीने का उपयोग चॉकलेट पर करना या अल्कोहल
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्सप कॉफी या कैफीन युक्त पेय पदार्थप मोटापा
  • खाने के तुरंत बाद लेट जाना
  • खाने के साथ पानी पीना या ज्यादा पानी पीना

 

क्या है हार्ट बर्न लक्षण

 

  • हार्ट बर्न होने पर इसके लक्षणों को जाने
  • खान निगलने में समस्या होना (डिसफैजिया)
  • जी मचलना
  • छाती में दर्द
  • अपच
  • उल्टी होना
  • सीने में तेज जलन

 

क्या है हार्ट बर्न से बचने के उपाए

 

खाना खाने के बाद दाई करवट सोए :  जब आप खान खा के लेटते है तो आपके शरीर में एसिड ज्यादा मात्रा में बनता है, फिलाडेल्फिया में हुए एक शोध के अनुसार जिन लोगों को रात में सोने के समय एसिडिटी की समस्या है अगर वह दायीं करवट से सोएं तो उन्हें इसकी समस्या से छुटकारा मिलेगा। सीधे व कमर के बल सोने पर एसिड वापस फिसलकर सांस की नली में आ जाता है जिसकी वजह से एसिडिटी होने लगती है।

 

ठंडा दूध : जिन लोगों को अक्सर एसिडिटी या हार्टबर्न की प्रॉब्लम होती है उन्हें रोज 1 गिलास ठंडा दूध पीना चाहिए, ठंडा दूध पेट में जाकर एसिड को न्यूट्रिलाइज करता है और ठंडक पहुंचाता है।

 

पुदीना : यदि आप पुदीने के पत्तों को अच्छी तरह चबाकर खाते है तो इससे आपका डाइजेशन सिस्टम अच्छा रहता है और आपके शरीर में बढ़ी एसिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है तो पुदीने की पत्तियों को अच्छी तरह से चबाकर खाएं।

 

खाना ढंग से चबाए :  भोजन करते समय ये जरूरी है कि हर कौर को ठीक तरीके से चबाया चाहिए, किसी भी तरह की जल्दबाजी खाना खाते समय नहीं करनी चाहिए। इसकी वजह से आपको पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं लेकिन बाद में यही हार्ट बर्न  होने का कारण बनती है। इसके अलावा पानी कम पीना भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है।

 

यदि किसी व्यक्ति को हार्ट बर्न की समस्या है तो उससे अपने खान-पान पर बहुत ध्यान देने की जरुरत है और व्यायाम भी करना बहुत जरूरी होता है क्योकि कई बार व्यायाम से ऐसी समस्या दूर हो जाती है। वहीं अगर आप खाना खाने के कुछ देर बाद ही पानी पिए तो ये आपके लिए बहुत अच्छा होगा और खाना खाने आधा घंटे पहले दो गिलास पानी जरूर पिए और दिन भर में ज्यादा से ज्यादा पानी पीजिये ताकि आपको हार्ट बर्न से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और अपनी जीवन शैली पर भी ध्यान जरूर दें इससे भी आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा।

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