हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी की लागत कितनी होती हैं

आज की तेजी से बदलती दुनिया में चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार और उन्नति तेजी से हो रही है। ऐसी ही एक उन्नत चिकित्सा तकनीक है हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT)। यह थेरेपी विभिन्न प्रकार की चिकित्सा स्थितियों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस ब्लॉग में हम हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके लाभ, उपयोग और संभावित जोखिमों पर चर्चा करेंगे।

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी क्या है?

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी एक चिकित्सीय उपचार है जिसमें मरीज को एक विशेष रूप से डिजाइन किए गए कक्ष में 100% शुद्ध ऑक्सीजन सांस लेने के लिए दिया जाता है, और यह उच्च दबाव पर किया जाता है। सामान्य परिस्थितियों में हम हवा में लगभग 21% ऑक्सीजन सांस लेते हैं, जबकि हाइपरबेरिक थेरेपी में हम 100% ऑक्सीजन सांस लेते हैं, जो हमारे शरीर के ऊतकों को अधिक ऑक्सीजन प्राप्त करने में मदद करता है।

 

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी का इतिहास क्या हैं ?

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी का इतिहास काफी पुराना है। इसका उपयोग सबसे पहले 1600 के दशक में हुआ था, लेकिन आधुनिक चिकित्सा में इसका व्यापक रूप से उपयोग 20वीं सदी में शुरू हुआ। पहले इसका उपयोग डाइविंग दुर्घटनाओं के इलाज में किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसके लाभ अन्य चिकित्सा स्थितियों में भी पाए गए।

 

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी की लागत कितनी होती हैं ?

 

 

दिल्ली में, उपचार सत्रों के रूप में किया जाता है और आपको केवल निर्दिष्ट चिकित्सा केंद्रों में ही उपचार कराना होता है। केवल कुछ ही अस्पताल हैं जो घर और कार्यस्थल पर पोर्टेबल ऑक्सीजन थेरेपी प्रदान करते हैं। सत्र 2500 रुपये से लेकर 4000 रुपये प्रति सत्र तक हो सकते हैं।

 

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी के लाभ क्या हो सकते हैं ?

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी के अनेक लाभ हैं, जो इसे कई चिकित्सा स्थितियों के लिए उपयोगी बनाते हैं:

 

 

  • घाव भरने में सहायता: हाइपरबेरिक थेरेपी ऊतकों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करती है। यह विशेष रूप से डायबिटिक पैर के घावों और रेडिएशन थेरेपी से हुए घावों में प्रभावी है।

 

  • संक्रमण से लड़ने में मदद: अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति संक्रमण को रोकने और बैक्टीरिया को मारने में मदद करती है। यह थेरेपी गैंग्रीन और अन्य गंभीर संक्रमणों में उपयोगी है।

 

  • तंत्रिका तंत्र की सुरक्षा: यह थेरेपी मस्तिष्क की चोटों और स्ट्रोक के बाद तंत्रिका ऊतकों को पुनर्जीवित करने में मदद कर सकती है।

 

  • अवसाद और चिंता में राहत: कुछ शोध यह बताते हैं कि हाइपरबेरिक थेरेपी अवसाद और चिंता के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती है।

 

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी का उपयोग किस प्रकार किया जाता हैं ?

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी का उपयोग विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के इलाज में किया जाता है। इनमें शामिल हैं:

 

 

  • डाइविंग दुर्घटनाएं (डीकम्प्रेशन सिकनेस): यह थेरेपी उन गोताखोरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो डीकम्प्रेशन सिकनेस का सामना करते हैं। यह स्थिति तब होती है जब एक गोताखोर तेजी से उभरता है और शरीर में गैस बुलबुले बनते हैं।

 

  • क्रोनिक वाउन्ड्स (दीर्घकालिक घाव): लंबे समय तक न भरने वाले घावों में हाइपरबेरिक थेरेपी अत्यधिक प्रभावी हो सकती है, जैसे कि डायबिटिक अल्सर।

 

  • रेडिएशन थेरेपी के बाद के घाव: कैंसर के इलाज के बाद होने वाले घावों और ऊतक क्षति में यह थेरेपी सहायक होती है।

 

  • जले हुए घाव: गंभीर जलने के घावों में यह थेरेपी उपचार प्रक्रिया को तेज कर सकती है।

 

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी की प्रक्रिया कैसे होती हैं ?

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान, मरीज को एक विशेष कक्ष में रखा जाता है जिसे हाइपरबेरिक कक्ष कहते हैं। यह कक्ष एक बड़े ट्यूब या छोटे कमरे की तरह होता है। मरीज को उच्च दबाव पर 100% शुद्ध ऑक्सीजन सांस लेने के लिए दिया जाता है। थेरेपी की अवधि और सत्रों की संख्या चिकित्सा स्थिति और उपचार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है।

 

 

 

संभावित जोखिम और सावधानियाँ-

 

हर चिकित्सा विधि की तरह, हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी के भी कुछ संभावित जोखिम हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

 

 

  • कान में दर्द: उच्च दबाव के कारण कानों में दर्द या असुविधा हो सकती है।

 

  • साइनस समस्याएं: उच्च दबाव के कारण साइनस में असुविधा या दर्द हो सकता है।

 

  • ऑक्सीजन विषाक्तता: अत्यधिक ऑक्सीजन की मात्रा से ऑक्सीजन विषाक्तता हो सकती है, हालांकि यह दुर्लभ है।

 

  • क्लौस्ट्रोफोबिया: कुछ मरीजों को बंद कक्ष में क्लौस्ट्रोफोबिया हो सकता है।

 

 

 

निष्कर्ष:

 

 

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी एक प्रभावी और बहुमुखी चिकित्सा तकनीक है जो कई गंभीर चिकित्सा स्थितियों के इलाज में सहायक हो सकती है। हालांकि इसके कुछ जोखिम भी हो सकते हैं, लेकिन इसके लाभ अधिक हैं, विशेषकर उन स्थितियों में जहां पारंपरिक चिकित्सा विधियाँ असफल हो जाती हैं। यदि आप या आपका कोई प्रियजन चिकित्सा समस्याओं से जूझ रहा है और पारंपरिक उपचार कारगर साबित नहीं हो रहे हैं, तो हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी एक संभावित विकल्प हो सकती है। हमेशा की तरह, किसी भी चिकित्सा उपचार को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

 

 

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