हाइपरकलेमिया एक मेडिकल शब्द है ये आपके रक्त में पोटैशियम के स्तर का बताता है। इसका सामान्य से अधिक होना आपके शरीर के लिए हानिकारक है। पोटैशियम एक रसायन है जो तंत्रिका और मांसपेशियों की कोशिकाओं के कार्य के लिए जरुरी है, जिसमें आपका हृदय भी शामिल हैं। वैसे तो पोटैशियम कई खाद्य पदार्थो में पाया जाता है लेकिन उनका ज्यादा सेवन भी आपके लिए खतरानक हो सकता है।
आपके रक्त में पोटैशियम का स्तर सामान्य रूप से 3.6 से 5.2 मिली ग्राम प्रति लीटर (mmol / L) होना चाहिए। 6.0 mmol / L से अधिक रक्त में पोटैशियम का स्तर होना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। ऐसा होने पर उस व्यक्ति को तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है।
हाइपरकलेमिया के कारण
यह जरुरी नहीं की उच्च रक्त पोटैशियम (हाइपरकलेमिया) की रिपोर्ट सही हो। दरअसल कुछ हार्मोनल बदलाव या आपके शरीर में लगी अंदरूनी चोट की वजह से भी रिपोर्ट गलत हो सकती है। दरअसल इसके बाद जब आपके रक्त का सैंपल लिया जाता है, तब आपके रक्त की कोशिकाओं के टूटने के कारण या उनमें खिंचाव होने के कारण ऐसा होता है। टूटी हुई कोशिकाएं आपके सैंपल में पोटैशियम को रिसाव करती हैं। जिसकी वजह से यह गलत तरीके से रक्त के नमूने में पोटैशियम की मात्रा को बढ़ाता है, भले ही आपके शरीर में पोटैशियम का स्तर सामान्य हो।
वास्तव में उच्च पोटैशियम (हाइपरकलेमिया) का सबसे आम कारण आपकी किडनी से संबंधित हो सकता है, जैसे :
- क्रोनिक किडनी डिजीज
- पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन
हाइपरकलेमिया के अन्य कारणों में शामिल हैं:
- एडिसन रोग
- एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स
- एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम
- बीटा ब्लोकर
- डिहइड्रेशन
- शरीर में अंदरूनी चोट लगना
- टाइप 1 डायबिटीज
हाइपरकलेमिया के लक्षण
कभी-कभी, हाइपरलेमिया के रोगियों में अस्पष्ट लक्षण शामिल होते हैं:
- जी मिचलाना
- मांसपेशियों की कमजोरी
- झुनझुनी सनसनी
शरीर में पोटैशियम की मात्रा बढ़ने पर क्या होता है?
- हाथ, पैर या सीने में दर्द
- साँस में कमी
- पसीना आने पर ठंड लगना
- अचानक चक्कर आना
कैसे पता चलेगा कि आपको हाइपरकलेमिया है?
आपके रक्त की जाँच करके उसमें पोटैशियम के स्तर का पता लगाया जा सकता है। उच्च पोटैशियम आमतौर पर नियमित रक्त की जाँच से पता लगाया जाता है। आपसे आपके चिकित्सकीय इतिहास, आपके आहार और आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं के बारे में पूछा जाएगा। यह पता लगाने में मदद करेगा कि आपके शरीर में हाइपरकलेमिया के क्या कारण है और आपको इसके उपचार के बारे में क्या प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
रक्त में उच्च पोटैशियम आमतौर पर तब पाया जाता है जब आपके डॉक्टर ने आपको कोई ऐसी दवा दी हो जिसकी वजह से ऐसा हुआ हो। आप जब भी अपना ब्लड टेस्ट कराएं उसके बाद अपने डॉक्टर को बताएं। ताकि ऐसा कुछ भी होने पर आपका डॉक्टर आपकी दवा बदल दें। क्योंकि यही दवा आपके पोटैशियम स्तर को प्रभावित कर रही है। उच्च पोटैशियम का उपचार अक्सर अंतर्निहित कारण पर निर्देशित होता है। कुछ उदाहरणों में, आपको आपातकालीन दवाओं या डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आपके पास हाइपरकलेमिया के लक्षण हैं, खासकर यदि आपको किडनी की बीमारी है या ऐसी दवाएं ले रहे हैं, जो आपके पोटैशियम के स्तर को बढ़ाती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। हाइपरकलेमिया एक गंभीर बीमारी में बदला सकती है।
कितना पोटैशियम आपके लिए खाना सही होगा?
यदि आपको हाइपरकलेमिया है या आपको ऐसा लगता है कि ये आपको भी हो सकता है, तो आपको कम-पोटैशियम वाले आहार का सेवन करने की आवश्यकता हो सकती है। अपने आपको स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी आपकी होनी चाहिए। इसके आलावा आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं की आपको कितनी मात्रा में पोटैशियम का सेवन करना है।
आपके लिए बहुत ज्यादा खाना हानिकारक हो सकता है, लेकिन बहुत कम होने से भी किसी तरह की समस्या पैदा हो सकती है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और सभी को अलग-अलग मात्रा में पोटैशियम की जरुरत होती है। वैसे मीट, मछली और चिकन इन खाद्य पदार्थो में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन आपको स्वस्थ रहने के लिए उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थों के संतुलन की जरुरत होती है।
हाइपरकलेमिया से बचने के उपाय
अपने पोटैशियम का सेवन कम करें, अपने पोटैशियम के स्तर को स्वाभाविक रूप से कम करने के सबसे आसान तरीकों में से एक है अपने खाने में पोटैशियम की मात्रा को कम करें। जो भी खाद्य पदार्थ हाई पोटैशियम वाले है उनका सेवन बिल्कुल भी ना करें :
- केले
- नट्स
- बीन्स
- दूध
- आलू
- एप्रिकॉट्स
- कॉड
इन सभी चीजों का सेवन बिल्कुल भी ना करें और अपने आहार में जितनी भी हाई पोटैशियम वाली चीजें हैं उन्हें खाना बंद कर दें। आप ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं, इसके अलावा किसी भी तरह का कोई घरेलु उपाय ना करें, क्योंकि ये आपके पोटैशियम के स्तर को और बढ़ा सकता है। ऐसे में आप किसी आहार विशेषज्ञ या हमारे डॉक्टर से भी इससे जुड़े कुछ सवाल पूछ सकते हैं।
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