जाने क्या है किडनी फेलियर ट्रीटमेंट और इससे बचने के प्राकृतिक उपाए

आजकल किडनी के रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसके होने के मुख्य कारण – हृदय रोग, दमा, श्वास, क्षयरोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे रोगों की वजह से होता है।  और इस वजह से कराना पड़ सकता है, आपको किडनी फेलियर ट्रीटमेंट।

 

किडनी हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता  हैं। किडनी का काम खून को फ़िल्टर करके उसमें से खराब पदार्थों को यूरिन के रूप में शरीर से बाहर निकलने का होता है और शारीरिक संतुलन बनाए रखने का होता है।

 

ये है तीन हार्मोन , जो किडनी से निकलते है 

 

  • रक्तचाप सामान्य होने पर रेनिन का स्राव होता है।

 

  • ऐरिथ्रोपोयटिन खून के तत्वो को प्रेरित करता है, यह खून बनाने के लिए अति आवश्यक है।

 

  • कैल्स्ट्रियाल हड्डियों में कैल्सियम तथा रासायनिक संतुलन बनाए रखती है।

 

 

सामान्य रूप से किडनी , 24 घंटे में से 1 से 2 लीटर जितना मूत्र बनाकर शरीर को निरोग रखता है। किसी वजह से अगर एक किडनी काम  करना बंद कर दे या दुर्घटना में खो देना पड़े तो वह  व्यक्ति अपनी दूसरी किडनी के सहारे जीवित रह सकता है और शरीर को कमज़ोर होने से बचाकर स्वस्थ भी रखता है।

 

 

क्या है किडनी फेलियर 

 

शरीर मे किडनी का मुख्य काम शुद्धिकरण का होता है। शरीर में किसी भी रोग की वजह से जब दोनों किडनी काम करना बंद कर देती  हैं तो , इस स्थिति को हम किडनी फेलियर कहते हैं।

 

 

जाने कैसे होता है,  किडनी फेल  

 

खून मे क्रिएट्नीन और यूरिया की मात्रा की जांच से किडनी की कार्यक्षमता का पता किया जा सकता है । वैसे तो किडनी की क्षमता शरीर की आवश्यकता से ज्यादा होती है, इसलिए किडनी को थोड़ा नुकसान हो भी जाये तो भी खून की जांच  मे कोई खराबी देखने को नहीं मिलती है।

 

किसी बिमारी की वजह से अगर  किडनी 50 प्रतिशत से ज्यादा खराब हो जाती है तभी खून की जांच मे यूरिया और क्रिएट्नीन की बढ़ी हुई मात्रा पायी जाती है।

 

किडनी का विशेष सम्बन्ध हृदय, फेफड़ों, यकृत एवं प्लीहा के साथ होता है। ज्यादातर हृदय और किडनी एकसाथ ही काम करते हैं। इसलिए जब किसी को हृदयरोग होता है तो, उसके किडनी में भी समस्या होने लगती है और तब उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और इस वजह से वजन भी कम हो जाता है।  जो की किडनी फेलियर होने की समस्या भी हो सकती है।

 

 

किडनी खराब करने वाली आदतें

 

 

  • पेशाब रोकने से किडनी खराब हो सकती है।

 

  • पानी कम मात्रा में पीने से किडनी फेलियर को खतरा हो सकता है।

 

  • बहुत ज्यादा नमक खाने से भी किडनी खराब हो सकती है।

 

  • शुगर के ईलाज मे लापरवाही करने से भी किडनी पर असर होता है।

 

  • ज्यादा शराब पीने से लिवर के साथ-साथ किडनी भी खराब होने लगती है।

 

  • अधिक मात्रा में साफ्ट ड्रिंक्स और सोडा पीने से भी  किडनी फेल हो सकती है।

 

 

किडनी फेलियर के लक्षण

 

 

  • यदि आपको लगातार उल्टी हो रही हो तो, आपकी किडनी खराब हो सकती है।

 

  • भूख न लगना किडनी के खराब होने का संकेत है।

 

  • थकावट और कमजोरी महसूस होना भी किडनी के कमजोर होने का संकेत हो सकता है।

 

  • नींद न आने की समस्या , यह भी एक लक्षण है किडनी खराब होने का।

 

  • पैरों और टखने मे सूजन आना भी किडनी कमज़ोर होने का लक्षण है।

 

  • हार्ट मे पानी जमा होने पर छाती मे दर्द होना।

 

  • हाई ब्लड प्रेशर जिसे कण्ट्रोल करना कठिन हो तो, समझ लीजिये आपकी किडनी कमज़ोर हो सकती है।

 

 

किडनी फेलियर ट्रीटमेंट के प्राकृतिक उपाय

 

 

आजकल जंकफूड और फास्ट फूड का सेवन ज्यादा होने लगा हैं। किडनी के रोगों को दूर करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपायों की मदद लेना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। जैसे की –

 

  • विटामिन के सेवन से किडनी को स्वस्थ और  मजबूत बनाया जा सकता है।

 

  • एप्पल साइडर विनेगर प्रयोग से किडनी में मौजूद स्टोन धीरे-धीरे अपनेआप खत्म हो जाता है।

 

  • खाने में नमक और प्रोटीन की मात्रा कम रखनी चाहिए, जिससे किडनी पर कम दबाव पड़ता है।

 

  • किडनी की समस्या होने पर गाजर, खीरा, पत्तागोभी तथा लौकी के रस पीना चाहिए। इससे किडनी स्वस्थ रहती है।

 

  • पानी ज्यादा पीने से  किडनी में मौजूद व्यर्थ पदार्थ यूरीन के जरिए बाहर निकल जाते है।

 

  • बेकिंग सोडा की मदद से रक्त में होने वाली एसिडिटी की समस्या खत्म हो जाती है,   जो कि किडनी की समस्याओं के मुख्य कारणों में से एक है।

 

 

मरीजों को संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहना चाहिए , जिससे परेशानियों का सामना न करना पड़े और आप स्वस्थ भी रहेंगे।

 

Dr.-Tarun-Kaushik

 

 

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