किडनी शरीर का मुख्य अंग है, जो शरीर से सारे हानिकारक और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। किडनी रक्त को साफ कर सारे विषाक्त पदार्थों को मूत्र के रूप में शरीर से बाहर कर देती है।
हर मनुष्य के शरीर में दो किडनी होती है। किसी भी वजह से अगर एक किडनी काम करना बंद कर दे तो दूसरी किडनी पर इंसान जीवित रह सकता है, लेकिन एक किडनी के सहारे जिंदगी गुजारना बहुत मुश्किल हो जाता है। तो आज हम जानेंगे किडनी खराब होने के लक्षण , इसके संकेत और इससे बचने के उपाए।
किडनी खराब होने के लक्षण
- यदि आपको लगातार उल्टी हो रही हो तो आपकी किडनी खराब हो सकती है।
- भूख न लगना किडनी के खराब होने का संकेत है।
- थकावट और कमजोरी महसूस होना भी किडनी के कमजोर होने का संकेत देती है।
- यदि आपको नींद न आने की परेशानी लगातार हो रही हो तो यह एक लक्षण है किडनी खराब होने का।
- पेशाब की मात्रा कम हो जाना भी किडनी खराब होने का संकेत देती है।
- दिमाग ठीक से काम नहीं करना या कुछ समझने में मुश्किल का सामना करना भी किडनी की कमज़ोरी का संकेत है।
- मांसपेशयों मे खिंचाव और आक्षेप आना किडनी खराब होने का एक संकेत है।
- पैरों और टखने मे सूजन आना भी किडनी कमज़ोर होने का लक्षण है।
- लगातार खुजली होना भी किडनी के कमजोर होने का लक्षण हो सकता है।
- हार्ट मे पानी जमा होने पर छाती मे दर्द होना आपकी किडनी खराब होने का एक बड़ा लक्षण है।
- हाई ब्लड प्रेशर हो तो समझ लीजिये आपकी किडनी कमज़ोर हो सकती है।
किडनी खराब होने के संकेत
किडनी की बीमारी खतरनाक इसलिए है, क्योंकि इसकी प्रथम अवस्था में पता नहीं चल पाता कि यह धीरे-धीरे खराब हो रही है, फिर भी शरीर कई ऐसे संकेत देता है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, किडनी सही से काम कर रही है या नहीं। तो आइये जानते है, किडनी खराब होने के संकेत।
जी मिचलाना
जी मिचलाना में ऐसा महसूस होता हैं जैसे रोगी के मन में घबराहट-सा होना हैं और उल्टी का मन करता है, लेकिन वास्तव में उल्टी नहीं होती हैं। ऐसा बच्चों, व्यस्क और बूढ़े किसी भी उम्र में हो सकता हैं। इसलिए आप सावधान हो जाएं, क्योंकि ये किडनी रोग भी हो सकता हैं।
उल्टी होना
उल्टी आपको कई करणों से हो सकती हैं। जी हां, जैसे फूड पॉइज़निंग या कहीं पर सफर करने से भी हो सकती है, लेकिन अगर आप इन वजह से बेहद दूर हैं तो आप तूरंत जांच करवाए, क्योंकि ये गुर्दे की बीमारी भी हो सकती है।
भूख में कमी
अगर अचानक से भूख में कमी होने लगे और वजन घटने लगे तो ये लक्षण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे किडनी रोग भी हो सकता हैं। जी हां, इस बीमारी में आपको भूख नहीं लगती है और वज़न भी घटने लगता हैं।
थकान और कमजोरी महसूस होना
अधिक काम के बाद शरीर में थकान महसूस होना एक आम बात है, लेकिन अगर आपको बिना काम करें थकावट होने लगे और शरीर में कमजोरी होने लगे तो समझ जाए कि आपको किडनी रोग है।
नींद की समस्या होना
अगर ज्यादा थकावट होगी तो नींद आना भी जायज़ है, लेकिन कई बार ऐसा होता हैं कि कहीं जाओं तो अचानक से नींद आने लगे या बैठे-बैठे सो जाते हैं। बार-बार नींद आने की वजह से आपको कई बड़ी बीमारी का सामना करना पड़ सकता हैं। साथ ही आपको किडनी रोग का भी सामना करना पड़ सकता हैं।
मांसपेशी में ऐंठन
शरीर के किसी भी हिस्से में मांसपेश में ऐंठन आ सकती हैं। जिसमें हमारी कंकालीय मांसपेशियां भी शामिल हैं, जैसे पिंडली, पीठ, जांघ, या हाथ या स्मूथ मसल्स शामिल हैं। इसे आप ठीक तो कर सकते हैं, लेकिन अगर ये बार-बार होने लगे तो ये गुर्दे की बीमारी के संकेत होते हैं।
ऐसे बचाये किडनी को
कहते हैं कि रोग का इलाज होने से बेहतर है कि, इसे होने ही न दिया जाए। कुछ सुझावों को ध्यान में रखते हुए, आप किडनी संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं।
खुद को फिट रखें
सप्ताह में कम से कम पांच बार जॉगिंग, साइकिल चलाना या तैराकी जैसे सामान्य तीव्रता वाले व्यायाम करें। योग विशेषज्ञ के परामर्श से योगासन-प्राणायाम करें। अगर किडनी पूरी तरह से खराब हो गई हो, तब भी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण की मदद से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
प्रोटीन कम लें
जब किडनी कमजोर हो जाती हैं, तब शरीर में यूरिया व अन्य नुकसानदेह तत्वों का स्तर बढ़ने लगता है। इस स्तर को कम करने के लिए प्रोटीन का सेवन कम कर देना चाहिए। प्रोटीन पनीर, दालों, फलियों, सोयाबीन और मांसाहारी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।
नमक का सेवन कम करें
विभिन्न खाद्य व पेय पदार्थों के जरिये शरीर में रोजाना 5 ग्राम (एक छोटी चम्मच) तक नमक पहुंचना चाहिए। इससे ज्यादा नमक न लें। खाद्य पदार्थों में अलग से नमक नहीं डालें।
धूम्रपान से परहेज
धूम्रपान किडनी में रक्त के प्रवाह को धीमा कर देता है। जब किडनी में कम रक्त पहुंचता है, तो ये सही ढंग से कार्य नहीं कर पाते। धूम्रपान किडनी के कैंसर के खतरे को भी 50 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। अपने रक्त चाप को कम करने के लिए डॉक्टर के परामर्श से दवा का सेवन करें।
अगर आपको ऊपर बताये गए संकेत नज़र आ रहे तो, आप खुद को तुरंत डॉक्टर से दिखाए, यह संकेत किडनी के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। इसलिए किडनी से संबंधित बातों में कभी लापरवाही ना करें और अगर आपको किडनी की परेशानी महसूस हो तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क करके अपनी किडनी का चेक-अप करायें, नहीं तो किडनी फेल होने के बाद पूरे शरीर का संतुलन काबू के बाहर हो जाता है और आपकी सांसे भी जल्द धोखा दे सकती है।
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