हमें पहले यह जानना होगा की अनुवांशिक क्या होते हैं ? दरअसल जब कोई रोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित (Moved) होता है, तब उसे अनुवांशिक रोग कहा जाता है। ये रोग डीएनए में परिवर्तन के कारण होता है। यह गड़बड़ी उत्परिवर्तन के कारण होती है। उत्परिवर्तन केवल एक जीन या पूरे क्रोमोसोम (Chromosome) में होते हैं। एक क्रोमोसोम (Chromosome) में 20 हजार से अधिक जीन होते हैं। जीन की संरचना में परिवर्तन आनुवंशिक रोगों का मुख्य कारण है। जीन हमारे डीएनए का हिस्सा हैं। डीएनए, आरएनए और प्रोटीन क्रोमोसोम बनाने के लिए काम करता है। जीन के रूप को बदलने से क्रोमोसोम में परिवर्तन होता है।
जीन क्या है?
जीन इंसान के शरीर में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होता है और ऐसा उसके माता-पिता के अंदर मौजूद जीन उसके बच्चे में प्रवेश करते हैं। ऐसा होने पर आपके माता पिता की कुछ आदतें और हरकतें अपने आप जीन के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश करती है फिर चाहे वो बीमारी हो। (D.N.A.) की बनी वो अति सूक्ष्म रचनाएं जो अनुवांशिक लक्षणों का धारण एवं उनका एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर करती हैं, जीन वंशाणु या पित्रैक कहलाती हैं।
जाने अनुवांशिक रोग चार प्रकार के होते है?
जीन म्युटेशन (gene mutation) : इसमें केवल एक जीन में उत्परिवर्तन होता है, जिससे इसकी संरचना में बदलाव होता है। उदाहरण सिस्टिक फाइब्रोसिस, सिकल सेल एनीमिया आदि हैं।
कई जीन में बदलाव होना : इसमें एक साथ कई जीन में उत्परिवर्तन होते हैं। इससे माता-पिता से बच्चों को हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अल्जाइमर, कैंसर, मोटापा, गठिया जैसे रोग बच्चे में ट्रांसफर होते हैं।
गुणसूत्र गड़बड़ी (Chromosomal disturbances) : क्रोमोसोम में गड़बड़ी आपके हार्मोन में बदलाव की वजह से होता है।
माइटोकॉन्ड्रियल विरासत (Mitochondrial inheritance) : एक प्रकार का नेत्र रोग, मिर्गी, भूलने की बीमारी आदि इसमें आते हैं।
थैलेसीमिया (Thalassemia) : यह रक्त से संबंधित एक आनुवांशिक बीमारी है, जो दो प्रकार की होती है- मेजर और माइनर। थैलेसीमिया माइनर तब होता है जब बच्चा माता-पिता में से किसी एक के जीन को प्राप्त करता है। मेजर थैलेसीमिया की आशंका तब होती है जब वह माता और पिता दोनों के जीन को प्राप्त करता है। इसके आनुवंशिक कारकों के बारे में जागरूकता नहीं है, इसलिए इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
एक गर्भवती महिला को गर्भावस्था के पहले 3 महीनों में थैलेसीमिया टेस्ट कारना चाहिए। अगर वह थैलेसीमिक है, तो पति की भी जाँच होनी चाहिए। यदि दोनों हैं, तो बच्चे को थैलेसीमिया होने का खतरा अधिक होता है या नहीं, यह पता लगाने के लिए प्रसव-पूर्व निदान किया जाना चाहिए। इसके अलावा शादी से पहले यह टेस्ट जरूर करवाएं।
अनुवांशिक रोग कौन से है ?
कैंसर
कैंसर कई प्रकार का होता है। कैंसर होने के कई कारण हैं, जिनमें से आनुवांशिक कारण भी हो सकता है। अनुवांशिक कारण एक बड़ा कारण है, विशेष रूप से महिलाओं में स्तन, गर्भाशय और अंडाशय के कैंसर होने की संभावना होती है, जबकि पुरुषो में तम्बाकू की वजह से मुँह का कैंसर होने की ज्यादा संभावना रहती हैं।
कैसे बचें
धूम्रपान से बचें, अधिक फल और सब्जियां खाएं, नियमित व्यायाम करें, तनाव से खुद को दूर रखें।
मधुमेह
मधुमेह को एक वैश्विक महामारी माना जाता है। मधुमेह से पीड़ित माता-पिता के बच्चों में इसके होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह आवश्यक नहीं है कि जिन बच्चों को मधुमेह है, उन्हें भी यह बीमारी है, लेकिन अगर माता-पिता दोनों को मधुमेह है, तो बच्चों में यह बीमारी होने का खतरा 90% तक बढ़ जाता है।
कैसे बचें
अपनी जीवनशैली में सुधार करें, नियमित व्यायाम करें, अपने वजन को नियंत्रण में रखें, एक बार में ज्यादा खाना खाने से बचें, संतुलित और पौष्टिक खाना खाएं, लंबे समय तक भूखे न रहें, इससे रक्त शर्करा का स्तर नीचे चला जाता है। रक्त शर्करा की नियमित रूप से जाँच कराते रहें। लेकिन अगर परिवार में किसी को भी यह बीमारी है, तो कम उम्र से इसकी जांच करवाएं।
डिप्रेशन
अवसाद के 40-50% मामलों के आनुवांशिक कारण वे हैं जिनके माता-पिता या भाई-बहन उनसे प्रभावित होते हैं, उनमें ऐसा होने की संभावना 3 गुना तक बढ़ जाती है। जिन्हें डिप्रेशन रहता है वह मानसिक रूप से तो बीमार होते ही हैं इसके साथ ही वह शारीरिक रूप से भी बीमार होने लगते हैं।
कैसे बचें
संतुलित और पौष्टिक खाना खाएं, पानी और तरल पदार्थों का खूब सेवन करें, चिंता ना करें, मेडिटेशन करें, सकारात्मक लोगों के साथ रहें, सबसे जरुरी बात अपनी नींद जरूर पूरी करें, नियमित व्यायाम करें, इसके बावजूद आप खुद में किसी भी तरह का बदलाव नहीं देख पा रहें है तब आपको एक अच्छे मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए इसके लिए आप हमारे डॉक्टर से सलाह लें सकते हैं।
दिल की बीमारी
हृदय को बीमार बनाने में अनुवांशिक कारक सबसे एहम भूमिका निभाता है। आनुवांशिक कारणों से होने वाली दिल की समस्याएं गंभीर हो सकती हैं और किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाती हैं। जिन लोगों के माता-पिता को 55 वर्ष की आयु से पहले हृदय रोग था, उनमें हृदय रोगों की चपेट में आने की संभावना अधिक होती है। इसके शुरुआती प्रभाव पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलते है।
अच्छे पौष्टिक आहार से जीन में सुधार होता है
यदि आप अपने जीन में सुधर करना चाहते हैं तो मेथिओनिन (Methionine) नामक प्रोटीन युक्त चीजें खाएं। इनमें तिल, बादाम, मछली, काली मिर्च, पालक और बीन्स शामिल हैं।
फोलिक एसिड कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और जीन की प्रतिक्रिया में सुधार करता है। हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। विटामिन बी-12 जीन को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसलिए आपको इस विटामिन वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।
जब आप विभिन्न तरह के विटामिन का सेवन करते हैं तो ऐसा करने से ये आपके जीन प्रतिक्रिया में सुधार करता है। प्रोटीन को अवशोषित करने की क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए अपने खाने में साबुत अनाज, ब्राउन राइस और सब्जियों के सेवन को बढ़ाएं।
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