जाने लिवर बायोप्सी (Liver Biopsy) क्या है और यह क्यों की जाती है?

आज के समय में सभी लोग स्वस्थ रहना चाहते हैं और इसके लिए जरूरी है कि आपके शरीर का हर अंग ठीक से काम करना चाहिए। मानव शरीर का हर अंग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको पूरी तरह से स्वस्थ रखने में मदद करता है। आज हम बात कर रहे हैं लिवर के बारे में, जितना हृदय मानव शरीर के लिए महत्वपूर्ण है उतना ही महत्व लिवर का भी है। ये आपके शरीर में बहुत महत्वपूर्ण कार्य करता है। लेकिन जब यह खराब हो जाता है तो आपको कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जिसके बाद डॉक्टर कुछ मरीजों के लिए लिवर बयोप्सी की सलाह देते हैं। आईये जानते हैं की ये क्या है?

 

 

लिवर बायोप्सी क्या है? (What is a liver biopsy in Hindi)

 

आपको बता दें की डॉक्टर लिवर बायोप्सी (Liver Biopsy) की सलाह उस मरीज को देते हैं जिनके लिवर में कैंसर होने की संभावना होती है। एक डॉक्टर के लिए बायोप्सी (Biopsy) कैंसर की पुष्टि करने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। इस प्रक्रिया में शरीर से ऊतकों (टिश्यू) या कोशिकाओं का एक नमूना लेता है और इसके बाद इसका एक प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाता है। शरीर में कुछ प्रकार के रोगों के निदान के लिए बायोप्सी की जाती है। दरअसल कुछ लोग बायोप्सी करवाने से डरते हैं। लेकिन आपको बता दे कि यह एक दर्द रहित और कम जोखिम वाली प्रक्रिया है।

 

लिवर बायोप्सी क्यों की जाती है?

 

लिवर बायोप्सी (Liver Biopsy) आपके लीवर की स्थिति को जानने का एक बहुत ही उपयोगी तरीका है। डॉक्टर इनमें से किसी भी स्थिति को जानने के लिए इसकी सलाह देते हैं :

 

 

  • लिवर की बीमारी का निदान का पता लगाना

 

  • कैंसर और अन्य लिवर संक्रमण का पता लगाना

 

  • लिवर की सूजन या लिवर एंजाइमों के असामान्य स्तर के कारणों का पता लगाना

 

 

लिवर बायोप्सी के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल

 

यदि आप लिवर बायोप्सी कराना चाहते हैं, तो आप हमारे द्वारा इन सूचीबद्ध अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं:

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  • केयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, अहमदाबाद

 

  • इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नोएडा

 

 

 

यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।

 

 

 

बायोप्सी क्या है? (What is Biopsy in Hindi)

 

बायोप्सी एक छोटी शल्य प्रक्रिया है, जिसमें शरीर के प्रभावित हिस्सों से कोशिकाओं या ऊतक का एक नमूना लिया जाता है और कैंसर की उपस्थिति का पता लगाने के लिए माइक्रोस्कोप की मदद से इसकी जांच की जाती है। जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है, इस प्रक्रिया का उपयोग उपचार की प्रतिक्रिया निर्धारित करने के लिए भी किया जाता है। डॉक्टर बायोप्सी की सिफारिश तब करता है जब शारीरिक परीक्षण या अन्य परीक्षण में इसके संकेत सही नहीं दिखाते हैं। इसके आलावा यदि रोगी के लक्षण कैंसर के बढ़ने की संभावना का संकेत देते हैं तब भी डॉक्टर इसकी सलाह देते हैं।

 

 

बायोप्सी के कितने प्रकार होते हैं? (Types of Biopsy Surgery in Hindi)

 

आपको बता दें कि बायोप्सी के 5 प्रकार होते हैं, जो की इस प्रकार हैं:

 

एंडोस्कोपी सर्जरी (Endoscopy surgery): ये तब की जाती है जब मानव शरीर में ऊतक की स्थिति का पता लगाना हो। इस प्रक्रिया में एंडोस्कोप नामक उपकरण का उपयोगकिया जाता है, इसलिए इसे एंडोस्कोपी सर्जरी के रूप में जाना जाता है।

 

बोन मैरो बायोप्सी (Bone marrow biopsy): यह बायोप्सी एक प्रमुख प्रकार की सर्जरी है, जो मानव शरीर की किसी भी हड्डी में की जाती है। जब एक डॉक्टर को लगता है कि किसी व्यक्ति के रक्त में कोई समस्या है जो उनकी हड्डियों में फैल गई है, तो वे बोन मैरो बायोप्सी की सलाह देते हैं।

 

त्वचा की बायोप्सी (Skin Biopsy): यह तब की जाती है जब किसी व्यक्ति को त्वचा पर लाल धब्बे, खुजली या अन्य त्वचा की कोई गंभीर समस्या होती है जिससे त्वचा का कैंसर तक हो सकता है, तो डॉक्टर उसे त्वचा की बायोप्सी कराने की सलाह देते हैं। डॉक्टर एनेस्थीसिया के तहत या त्वचा के एक क्षेत्र को शेव करके एक त्वचा बायोप्सी भी की जा सकती है, इस प्रकार यह त्वचा की बायोप्सी करने वाले व्यक्ति के लिए एक सरल प्रक्रिया बन जाती है।

 

निडल बायोप्सी (Needle Biopsy): डॉक्टर इस प्रक्रिया को मुख्य रूप से त्वचा के ऊतकों को इकट्ठा करने के लिए करता है। नीडल बायोप्सी ब्रेस्ट में गांठ का पता लगाने का सबसे कारगर तरीका है और इसी के आधार पर महिला की इस समस्या का पता चलता है जिसके बाद डॉक्टर इसके इलाज की सलह देते है।

 

सर्जिकल बायोप्सी (Surgical Biopsy): जब किसी व्यक्ति को बायोप्सी के किसी भी तरीके से आराम नहीं मिलता है तो डॉक्टर सर्जिकल बायोप्सी को अपनाते हैं। सर्जिकल बायोप्सी इस रूप में विशिष्ट है, जिसका उपयोग ऊतक के असामान्य भागों को हटाने के लिए भी किया जा सकता है।

 

बायोप्सी कैसे की जाती है ?

 

जो लोग बायोप्सी करवाने से डरते हैं उन्हें हम बता दें की आपको इससे डरने की जरूरत नहीं है यह एक क्षणिक प्रक्रिया (transient procedure) है। बायोप्सी होने के बाद रोगी जल्द ही अपने घर भी जा सकता है। बायोप्सी आमतौर पर अस्पतालों और क्लीनिकों में की जाती है। लेकिन डॉक्टर मरीज को बायोप्सी से पहले कुछ भी खाने-पीने से मना कर देते है। बायोप्सी से पहले, त्वचा को साफ किया जाता है और यदि बायोप्सी के लिए रोगी के आंतरिक अंगों से एक नमूना लेना है, तो डॉक्टर मरीज को इंजेक्शन देता है, जो त्वचा या उस हिस्से को सुन्न करता है और इसमें दर्द भी नहीं होता है।

जिसके बाद उसी सुन्न त्वचा या हिस्से में ब्लेड के साथ 3 मिमी स्किन पंच का उपयोग किया जाता है। इसके माध्यम से डॉक्टर त्वचा पर दबाव डालता है और तब तक ड्रिल करने का प्रयास करता है जब तक कि त्वचा के पंच का ब्लेड त्वचा के एपिडर्मिस में छेद नहीं कर देता। इसके बाद वहां से त्वचा का नमूना लिया जाता है। सबसे अहम बात यह है कि किस प्रकार की बायोप्सी की जानी है उसके आधार पर इसके सैंपल की जांच की रिपोर्ट तैयार की जाती है।

 

लिवर बायोप्सी कैसे की जाती है?

 

लिवर बायोप्सी एक अस्पताल में की जाती है और इसे निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

 

परंपरागत (Traditional)

 

इसके लिए डॉक्टर मरीज की पसली के पास दाहिने हिस्से में एक छोटा चीरा लगाएगा और आपके लिवर ऊतक (टिश्यू) का एक छोटा सा नमूना प्राप्त करने के लिए एक सुई डालेगा। सुई को निर्देशित करने की प्रक्रिया में आपके जिगर की अल्ट्रासाउंड छवि का उपयोग किया जा सकता है। आपको प्रक्रिया के दौरान बहुत कुछ रोकना होगा और सुई को इंजेक्ट करते समय अपनी सांस को पांच से दस सेकंड तक रोककर रखना होगा। प्रक्रिया के दौरान आप दबाव और हल्का दर्द महसूस कर सकते हैं। ये पूरी प्रक्रिया लगभग बीस मिनट तक चलती है।

 

लेप्रोस्कोपिक (Laparoscopic)

 

आपका डॉक्टर आपके पेट में एक छोटे से कट के माध्यम से लैप्रोस्कोप नामक एक ट्यूब डालेगा। लैप्रोस्कोप आपके लीवर की छवियों को मॉनिटर पर भेजता है। आपका डॉक्टर मॉनिटर को देखता है और आपके लीवर से ऊतक के छोटे नमूने लेने के लिए लैप्रोस्कोप नामक उपकरणों का उपयोग करता है। लैप्रोस्कोपिक विधि का उपयोग तब किया जाता है जब आपके डॉक्टर को आपके लीवर के एक विशिष्ट भाग से ऊतक (टिश्यू) के नमूनों की आवश्यकता होती है।

 

ट्रांसवेनस (Transvenous)

 

आपका डॉक्टर आपकी गर्दन की नस में कैथेटर नामक एक ट्यूब डालेगा और इसे आपके लीवर में गाइड करेगा। डॉक्टर छोटे ऊतक के नमूने लेने और उन्हें आपके लीवर में मार्गदर्शन करने के लिए कैथेटर में बायोप्सी सुई डालते हैं। यदि आपको रक्त के थक्के जमने की समस्या है या आपके पेट में तरल पदार्थ है तो ट्रांसवेनस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।

 

बायोप्सी की लागत कितनी होती है?

 

यह सवाल सभी के लिए बहुत मायने रखता है आखिर बायोप्सी सर्जरी में कितना खर्च आएगा। उस व्यक्ति के लिए बायोप्सी सर्जरी की लागत का पता लगाना बहुत महत्वपूर्ण है। कई बार कुछ इलाज ऐसे होते हैं जिनकी लागत बहुत अधिक होती है और इसी वजह से वह इसे करवा नहीं पाते हैं। कई लोगों को लगता है कि बायोप्सी सर्जरी एक महंगी प्रक्रिया है और इसलिए वे इसे कराने से हिचकिचाते हैं, मगर आपको बता दें की यह केवल 18 हजार से शुरू होती है।

 

 

 

हमने आपको लिवर बायोप्सी (Liver Biopsy) के बारे में पूरी जानकरी देने की कोशिश की है, यदि आप लिवर बायोप्सी (Liver Biopsy) करवाना चाहते हैं तो आप GoMedii को इसके लिए चुन सकते हैं। हम भारत में एक चिकित्सा पर्यटन कंपनी के तौर पर काम करते हैं। इसके साथ ही हम शीर्ष श्रेणी के अस्पतालों और डॉक्टरों से जुड़े हैं। यदि आप उपचार प्राप्त करना चाहते हैं तो आप अपने प्रश्नों को हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर  (+91 9599004311) पर भेज सकते हैं या हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल करें, हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

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