लंग कैंसर ट्रीटमेंट के लिए के सबसे अच्छे हॉस्पिटल?

लंग कैंसर (फेफड़ो का कैंसर) दुनियाभर में आम बात हैं और कैंसर से होने वाली मौत का यह एक बड़ा कारण हैं फेफड़ो का कैंसर धीरे-धीरे व्यक्ति की जान ले लेता हैं इसका मुख्य कारण अधिक धूम्रपान करना हैं। लंग कैंसर के शुरुआती दौर में ही इसका इलाज कराना संभव हैं अन्यथा यह गंभीर होता चला जाता हैं और मनुष्य की मृत्यु हो जाती हैं यह अधिक बढ़ने पर फेफड़ों के अलावा अन्य अंगो को भी प्रभावित करता हैं।इसलिए लंग कैंसर के थोड़े लक्षण दिखने पर ही डॉक्टर से संपर्क करे और इसका इलाज शुरुआत में ही करा ले।

 

लंग कैंसर (फेफड़ो का कैंसर) क्या होता हैं ?

 

फेफड़ो का कैंसर तब होता हैं जब कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़कर एक ट्यूमर बना जाती हैं तथा इसकी शुरुआत फेफड़ो की कोशिकाओं से होती हैं और धीरे – धीरे गंभीर हो जाती हैं और ठीक नहीं हो पाती इसलिए इसका सही समय पर ठीक होना बहुत आवश्यक होता हैं।

 

लंग कैंसर के प्रकार

 

स्मॉल सेल फेफड़े का कैंसर (Small Cell Lung Cancer): माइक्रोस्कोप से देखने पर इस कैंसर के सेल्स काफी छोटे दिखाई देते है। यह बहुत मुश्किल से मिलने वाला कैंसर है, फेफड़े के कैंसर वाले आठ में से एक व्यक्ति को स्माल सेल कैंसर होता है। यह कैंसर बहुत तेजी से बढ़ता है।

 

नॉन-स्मॉल सेल फेफड़े का कैंसर (Non Small Cell Lung Cancer): इस कैंसर के सेल्स “स्मॉल सेल फेफड़ों के कैंसर” से बड़े होते हैं। आमतौर पर यह कैंसर ज्यादा पाया जाता है। लगभग 8 में से 7 लोगो को इस प्रकार का कैंसर होता है। इसके सेल्स स्माल सेल कैंसर की तरह तेजी से विकसित नहीं होते हैं और इसका उपचार भी अलग होता है।

 

लंग कैंसर (फेफड़ो के कैंसर) के क्या लक्षण होते हैं ?

 

लंग कैंसर के लक्षण एडवांस स्टेज में ही नज़र आते हैं बहुत कम बार ऐसा होता हैं इसके लक्षण शुरुआत में पता लग जाये परन्तु इसके लक्षण पता लगने पर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर के अनुसार लंग कैंसर के लक्षण कुछ इस प्रकार नज़र आते हैं जैसे की

 

  • सीने में तकलीफ़ या दर्द।

 

  • वज़न कम होना।

 

  • फेफड़ो में सूजन या जकड़न।

 

  • भूख न लगना।

 

  • खाना निगलने में कमी।

 

  • ना खत्म होनेवाली खांसी जो समय के साथ और खराब हो जाती है।

 

  • सांस लेने में तकलीफ़।

 

  • हड्डियों में दर्द।

 

  • खासी में खून आना।

 

  • सिर में अधिक दर्द होना।

 

  • सांस फूलना।

 

  • गला बैठना।

 

  • हर समय थका हुआ महसूस करना।

 

  • फेफड़ों के बीच में छाती के अंदर सूजन या बढ़े हुए लिम्फ नोड्स (ग्रंथियां)।

 

  • बार – बार निमोनिया हो जाना।

 

  • हाई बीपी या हाई शुगर।

 

  • मतली या उल्टी।

 

  • शरीर का संतुलन न बना पाना।

 

लंग कैंसर (फेफड़ो का कैंसर) होने के कारण क्या हैं ?

 

लंग कैंसर के होने का सबसे मुख्य कारण धूम्रपान करना होता हैं क्योकि धुएं के संपर्क में आने से मनुष्य को लंग कैंसर होने का खतरा अधिक रहता हैं। अधिक धूम्रपान करने से मनुष्य के फेफड़ो में धुँआ जम जाता हैं इसके अलावा वाहनों का धुँआ भी हानिकारक होता हैं | यदि परिवार में पहले किसी को लंग कैंसर हुआ हो तो वह आगे होने का खतरा भी अधिक रहता हैं जिससे (जेनेटिक) भी कहा जा सकता हैं।

 

यदि को व्यक्ति एस्बेस्टस फाइबर के संपर्क में आ जाता हैं तो उससे भी फेफड़ो का कैंसर हो सकता हैं क्योकि इसमें कैंसर को उत्पन करने के लिए केमिकल होता हैं। कभी किसी अन्य प्रकार के कैंसर को लेकर छाती में रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल हुआ हो तो फेफड़ो का कैंसर हो सकता हैं।

 

लंग कैंसर के चरण किस प्रकार होते हैं ?

लंग कैंसर के चार चरण होते हैं –

 

चरण -1: इस स्थिति में कैंसर फेफड़ो तक ही सिमित होता हैं वह अन्य अंगो में फैला हुआ नहीं होता हैं।

 

चरण- 2: दूसरे चरण में कैंसर फेफड़ो के साथ – साथ लिम्फ नोड्स में भी फ़ैल जाता हैं।

 

चरण- 3: इस स्थिति में कैंसर लिम्फ नोड्स और छाती के बीच में फ़ैल जाता हैं।

 

चरण- 4: इस स्थिति में कैंसर शरीर में व्यापक रूप से फ़ैल जाता हैं और मस्तिष्क, हृदय और यकृत में भी फ़ैल जाता हैं।

 

लंग कैंसर के निदान किस क्या होते हैं ?

 

लंग कैंसर का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले मरीज के लक्षणों की जाँच करते हैं तथा अन्य शारीरिक परिक्षण भी करते हैं। यदि इस दौरान डॉक्टर को लगता हैं की मरीज लंग कैंसर से ग्रसित हो सकता हैं तो वह उसकी पुष्टि करने के लिए निम्न प्रकार के टेस्ट करते हैं –

 

  • लैब टेस्ट: कई ब्लड टेस्ट किये जाते हैं जिससे की यह पता चल जाये की आप किस प्रकार के लंग कैंसर से ग्रसित हैं।

 

  • इमेजिंग टेस्ट: इस दौरान सिटी स्कैन और पेट स्कैन तथा कई टेस्ट किये जाते हैं जो की फेफड़ो का कैंसर पता लगाने में मदद करते हैं।

 

  • ऊतकों का सैंपल लेना: इसमें फेफड़ो के प्रभावित हिस्से से ऊतकों का सैंपल लिया जाता हैं जिसकी जाँच करके कैंसर का पता चल जाता हैं।

 

(लंग कैंसर की जानकारी के लिए और पढ़ें: भारत में लंग कैंसर ट्रीटमेंट का खर्च और जानिए इसके लिए अच्छे अस्पताल)

 

लंग कैंसर (फेफड़ो के कैंसर) का इलाज किस प्रकार होता हैं ?

 

फेफड़ो का कैंसर का इलाज उसके प्रकार, स्टेज और फेफड़ो के किस जगह पर विकसित हैं उस पर निर्भर करता हैं लंग कैंसर के इलाज निम्न तरीकों से होते हैं –

 

सर्जरी: सर्जरी की मदद से फेफड़ो से कैंसरग्रस्त ऊतकों को निकाल दिया जाता हैं और साथ ही आसपास के ऊतकों को भी निकाल दिया जाता हैं ताकि दुबारा फैलने का खतरा न रहे।

 

कीमोथेरपी: कीमोथेरपी में मरीज को खास प्रकार की दवाइयाँ दी जाती हैं को की कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करती हैं यह दवाइयाँ कैंसर के गंभीर चरणों में काम आती हैं।

 

रेडिएशन थेरेपी: इसकी मदद से उच्च ऊर्जा वाली विकिरणों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी मदद से कैंसर के ट्यूमर का छोटा बना दिया जाता है। यदि कैंसर का ट्यूमर किसी एक ही जगह पर बना हुआ है, तो रेडिएशन थेरेपी काफी अच्छा उपचार विकल्प हो सकता है।

 

टारगेटेड थेरेपी: इस थेरेपी की मदद से कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए कैंसर की कोशिकाओं की संख्या को बढ़ने से रोकने में भी टारगेटेड थेरेपी की इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

लंग कैंसर के इलाज के बेस्ट अस्पताल (lung cancer hospital in hindi)

 

  • नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , गुरुग्राम

 

 

 

 

 

  • इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, सरिता विहार, दिल्ली

 

  • फोर्टिस हार्ट अस्पताल, ओखला, दिल्ली

 

  • मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत, दिल्ली

 

  • शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा

 

  • यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा

 

  • बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा

 

  • जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा

 

  • प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा

 

  • शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा

 

  • दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा

 

 

 

यदि आप लंग कैंसर (फेफड़ो के कैंसर) का इलाज कराना चाहते हैं, या इससे सम्बंधित किसी भी समस्या का इलाज कराना चाहते हैं, या कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर (play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकते हैं। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

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