क्या मधुमेह में गुड़ का सेवन करना अच्छा है?

 

अगर आप मधुमेह के मरीज है, तो यह सवाल आपके मन में भी आता होगा की क्या मधुमेह में गुड़ का सेवन करना अच्छा है? मधुमेह के मरीज अक्सर इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि गुड़ खाया जा सकता है या नहीं? तो आइये हम जानते हैं कि मधुमेह के दौरान गुड़ का सेवन करना सुरक्षित है या असुरक्षित।

 

 

मधुमेह में चीनी से क्यों है खतरा

 

 

  • चीनी या ज्यादातर मीठी चीजों में सुक्रोज की मात्रा बहुत अधिक होती है और इनके सेवन से ब्लड में ग्लूकोज का लेवल तेजी से बढ़ता है इसलिए मधुमेह के मरीजों को चीनी के सेवन से परहेज करना चाहिए।

 

  • हमारे शरीर में एक हार्मोन पाया जाता है, जिसे इंसुलिन कहते हैं। शरीर के सभी अंगों तक ग्लूकोज को पहुंचाने का काम इंसुलिन का होता है। अगर आपको मधुमेह की शिकायत है, तो ऐसी स्थिति में शरीर सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है, जिस वजह से ग्लूकोज खून में घुलने लगता है और ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है।

 

  • अगर मधुमेह का ठीक समय पर इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से आंखों, किडनी और रक्तवाहिनियों को गंभीर खतरा हो सकता है और साथ ही दिल की बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है।

 

 

गुड़ में क्या खास है

 

 

  • बहुत पुराने समय से गुड़ का उपयोग आयुर्वेद के दवा के रूप में किया जा रहा है। जितने गुण आयुर्वेद में गुड़ के बताए गए हैं, उनके अनुसार यह मीठी चीजों का सबसे सुरक्षित और बेहतर विकल्प है। इसमें कई ऐसे एंटीऑक्सिडेंट्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई गंभीर रोगों से बचाते हैं। गुड़ की प्रॉसेसिंग चीनी से कम होती है, इसलिए इसका रंग भी भूरा होता है और इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन सुरक्षित रहते हैं।

 

  • आपने देखा होगा जिस तरह व्हाइट राइस की जगह ब्राउन राइस को हेल्दी माना जाता है, व्हाइट ब्रेड की जगह ब्राउन ब्रेड को हेल्दी माना जाता है, उसी तरह चीनी की जगह गुड़ को हेल्दी माना जाता है। लेकिन आपको बता दें कि, आयुर्वेद में भी मधुमेह के लिए गुड़ को सुरक्षित नहीं माना गया है। इसलिए मधुमेह की समस्या पर अत्यधिक मात्रा में न तो गुड का सेवन करे और न ही चीनी का।

 

 

क्या गुड़ खाने से शुगर लेवल कम रहता है

 

 

  • गुड़ में कई सारे पोषक तत्व होने के बावजूद भी यह मधुमेह के मरीजों के लिए सुरक्षित नहीं है, क्योंकि इसमें सुक्रोज होता है। शरीर में गुड़ चीनी के मुकाबले धीरे घुलता है। धीरे घुलने के कारण गुड़ खाने से ब्लड में शुगर का लेवल कम तो रहता है, लेकिन केवल कुछ समय तक ही।

 

  • इसलिए गुड़ का प्रयोग भी मधुमेह के मरीज के लिए सुरक्षित नहीं है, क्योंकि मधुमेह के मरीजों को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स खाने की सलाह दी जाती है जबकि गुड़ हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला आहार है। गुड़ में 65 से 85 प्रतिशत तक सुक्रोज होता है।

 

 

गुड़ और चीनी, क्या है बेहतर

 

 

  • गुड़, चीनी, शहद तीनों ही मधुमेह के मरीज के लिए असुरक्षित और साथ ही बहुत खतरनाक हैं। अगर आप मधुमेह के मरीज नहीं हैं, तो आपके लिए गुड़ का सेवन चीनी के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है।

 

  • वैसे देखा जाए तो, गुड़ और चीनी में कैलोरीज की मात्रा में कोई बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। लेकिन चीनी में सिर्फ कैलोरीज होती हैं जबकि गुड़ में कैलोरीज के अलावा भी ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं।

 

  • चीनी को क्रिस्टलाइजेशन विधि के द्वारा बनाया जाता है,  जिस वजह से इसमें मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, जबकि गुड़ में वे सभी तत्व मौजूद रहते है। इसलिए चीनी से ज्यादा गुड़ बेहतर है, लेकिन मधुमेह के मरीजों के लिए दोनों ही खतरनाक है।

 

 

अगर आप मधुमेह के मरीज है तो अधिक मात्रा में मीठे चीजों का सेवन न करे और अपने आहार के बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर ले।  

 

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