महिलाओं में थायराइड की समस्या के लक्षण, कारण, इलाज

 

 

आजकल महिलाओं में थायराइड की समस्या बहुत अधिक हो गई है। यह रोग हार्मोन्स के असंतुलन के कारण होता है। इस रोग को साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी पहचान आसानी से नही हो पाती है। थाइराइड एक ग्रंथि है, जो गले की नली में पायी जाती है, और इसका काम मेटाबॉलिज्म ग्रंथि को नियंत्रित करना है। इसका आकार तितली जैसा होता है। ये ग्रंथि थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है। अधिक तनाव लेना भी थायराइड होने का कारण बन सकता है।

 

एक अध्यन के मुताबिक यह बात सामने आई है की पुरुषो से ज्यादा महिलाओं में थायराइड की समस्या होती है। 80 प्रतिशत महिलाएं इस समस्या से ग्रसित है। थाइराइड ग्रंथि के ठीक से काम न करने की वजह से शरीर में विभिन्न प्रकार की सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं, जैसे की – थकान आना, रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना, जुकाम, त्वचा सूखना, अवसाद, वजन बढ़ना और हाथ-पैर ठंडे रहने जैसी सामान्य समस्याएं थायराइड में होती हैं।

 

 

थायराइड के प्रकार

 

 

इसके दो प्रकार निम्नलिखित है, जिनमे शामिल है –

 

  • हाइपरथायराइडिज्म और,

 

  • हाइपोथायराइडिज्म।

 

 

हाइपरथायराइडिज्म

 

अगर थायराइड ग्रंथि ज्यादा मात्रा में थायराइड हार्मोन का निर्माण करने लगती है तो इसे हाइपरथायराइडिज्म कहते हैं।

 

 

हाइपोथायराइडिज्म

 

अगर थायराइड हार्मोन का निर्माण कम होता है तो इसे हाइपोथायराइडिज्म कहते हैं।

 

 

महिलाओं में थायराइड की समस्या के कारण

 

 

  • रेडियोएक्टिव आयोडीन या एंटी- थायराइड दवाईयों की वजह से महिलाओं में थायराइड की समस्या हो सकती है।

 

  • थायराइड ग्रंथि के सभी या बड़े हिस्से को हटाने से हार्मोन उत्पादन कम हो जाता है या रुक जाता है। ऐसे में जीवनभर आपको थायराइड की समस्या हो सकती है।

 

  • सिर और गर्दन के कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी भी महिलाओं में थायराइड का कारण बन सकता है।

 

  • कई दवाओं के सेवन जैसे लीथियम आदि थायराइड का कारण बनती हैं।

 

  • पिट्यूटरी ग्रंथि की समस्या से हाइपोथायरायडिज्म हो सकता हैं।

 

 

  • आयोडीन की कमी या बहुत ज्यादा आयोडीन से भी थायराइड की बीमारी होती है।

 

 

महिलाओं में थायराइड की समस्या के लक्षण

 

 

  • वजन बढ़ना,

 

  • गर्मी न झेल पाना,

 

  • ठीक से नींद न आना,

 

  • प्यास लगना,

 

  • अत्यधिक पसीना आना,

 

  • हाथ कांपना,

 

  • दिल तेजी से धड़कना,

 

 

  • चिंता,

 

  • अनिद्रा,

 

  • लगातार थकान और नींद आना,

 

  • फिजिकल एक्टिविटी के बाद भी व्यक्ति बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस करता है,

 

  • बालों का अत्यधिक टूटना,

 

  • नाखुनो का पतला और रूखे होना,

 

  • नाखूनों में दरार आना,

 

  • नाखूनों में सफेद लाइन भी नजर आने लगती है,

 

  • महिलाओं में आंखों की बीमारियां भी हो जाती हैं, जैसे की – आंखें लाल होना, खुजली होना, आंखों में सूजन आदि,

 

  • अनियमित पीरियड्स,

 

  • डिप्रेशन की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है।

 

 

महिलाओं में थायराइड की समस्या से ऐसे करे बचाव

 

 

  • स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए कम वसा वाले आहार लें।

 

  • शारीरिक गतिविधि करते रहें।

 

  • तनाव से बचने की कोशिश करें।

 

 

महिलाओं में थायराइड की समस्या के परीक्षण

 

 

इस रोग का पता लगाने के लिए शारीरिक जांच के अलावा और भी कुछ अन्य टेस्ट है, जो करवाया जाता है, जैसे की –

 

  • ब्लड टेस्ट,

 

  • थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन( टीएसएच) टेस्ट,

 

  • टी4 और टी3 परीक्षण,

 

  • एंटी थायराइड एंटीबॉडी,

 

  • न्यूक्लिअर थायराइड स्कैन,

 

  • थायराइड अल्ट्रासाउंड,

 

  • इस परीक्षण के जरिए बढ़ी हुई पैराथायराइड ग्रंथि व थायराइड ग्रंथि के पास लिंफ नोड्स की पहचान की जा सकती है।

 

 

महिलाओं में थायराइड की समस्या के लिए उपाय

 

 

  • एंटी-थायराइड दवाएं हाइपरथायरायडिज्म को 6 सप्ताह से 3 महीने के भीतर नियंत्रण में ला सकती है। ये दवाएं नए थायराइड हार्मोन के उत्पादन में कमी करती हैं।

 

  • अपने रोज के भोजन में विटामिन ए का सेवन बढ़ाएं। आप अपने आहार में पीली सब्जियां जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं, जैसे की – गाजर, अंडे और सभी हरी सब्जियां।

 

  • अपने आहार में सी फ़ूड को शामिल करे।

 

  • डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराते रहे।

 

  • अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएं, जैसे की -नियमित रूप से व्यायाम करे।

 

  • महिलाओं में थायराइड की समस्या को नियंत्रित करने के लिए आप प्याज का इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए प्याज को दो हिस्सों में काटकर सोने से पहले थायराइड ग्लैंड के आस-पास क्लॉक वाइज मसाज करें।

 

  • मसाज के बाद गर्दन को पानी से न धोये और उसे रातभर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। ऐसा करने से थायराइड की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

 

 

अगर हम अपनी सेहत को लेकर सचेत रहें तो महिलाओं में थायराइड की समस्या को शुरुआत में ही पहचान कर इलाज कराया जा सकता है, साथ ही कुछ सावधानी भी बरतकर इसको होने की आशंका को कम किया जा सकता है। यह एक वंशानुगत यानी जेनेटिक समस्या है। अगर आपको अत्यधिक पसीना आना, हाथ कांपना, दिल तेजी से धड़कना और कमजोरी आदि जैसी समस्या हो रही हो तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे।

 

 

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