मिसोफोनिया बीमारी क्या है? जाने इसके कारण और इलाज

 

मिसोफोनिया बीमारी क्या है?

 

 

मिसोफ़ोनिया बीमारी एक ऐसा विकार है, जिसमें कुछ ध्वनियाँ भावनात्मक या शारीरिक प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करती हैं, जो की ध्वनि के कारण गुस्से और घबराहट की वजह से एक असमान प्रतिक्रिया के रूप में सामने आता है। जब यह बीमारी किसी व्यक्ति को होती है, तो वह अपने आसपास मौजूद ध्वनि को सुनता है, तो इससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और उसे चिड़चिड़ापन होने लगता है।

 

जिस तरह ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) एक तरह की मानसिक बीमारी है, जिसमें इंसान एक तरह का काम बार-बार दोहराता है और गंदगी देखते ही गुस्सा आने लगता है। उसी तरह मिसोफोनिया भी एक तरह का विकार है, जिसमें व्यक्ति चबाने, डकार लेने की आवाज, सीटी बजाने जैसी आवाजों से चिड़चिड़ापन होने लगता है और असामान्य व्यवहार करता है।

 

 

आइये जानते है मिसोफोनिया बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में।

 

 

मिसोफोनिया बीमारी के लक्षण

 

 

  • गुस्सा आना

 

  • हर छोटी बात पर चिंता करना

 

  • जोर से होने वाली आवाज से डर लगना

 

 

  • अचानक पसीना आना

 

  • दिल की धड़कनो का तेज होना

 

जिन लोगों को मिसोफोनिया की बीमारी होती है। वह लोग च्विंग, स्मोकिंग, स्निफिंग, स्नीजिंग, गल्पिंग, बर्पिंग, ब्रीथिंग, स्नोरिंग, खांसना, सीटी बजाना, चाटना, आदि आवाजों के संपर्क में आने से गुस्से में आ जाते हैं और चिल्लाने लगते हैं।

 

 

मिसोफोनिया बीमारी कैसे होती है।

 

 

जब कोई आवाज कान में गूँजती है, तो उसे मिसोफोनिया बीमारी कहते है। इस बीमारी को समान्य भाषा में “कान का बजना” कहते हैं। जिसमें कानों में अचानक घंटी बजने लगती है या कानों में सनसनी सी ध्वनि उत्पन्न हो जाती है।

 

इन आवाजों से एकदम से चिढ़न होने लगती है, जैसे –

 

  • डकार लेने की आवाज

 

  • चबा-चबाकर खाने की आवाज

 

  • दांतों की पीसने की आवाज।

 

 

मीसोफोनिया बीमारी का उपचार

 

 

  • इस बीमारी से बचने के लिए मिसोफोनिया मैनेजमेंट प्रोटोकॉल (Missophonia Management Protocol) की सर्विस ली जाती है, इस सर्विस में जो मिसोफोनिया बीमारी से ग्रस्त होते है, उनलोगो को 6-12 सप्ताह तक अलग-अलग आवाजों के संपर्क में रखकर जांच की जाती है, कि व्यक्ति को सबसे ज्यादा परेशानी किस आवाज से होती है।

 

  • टिनिटस रिट्रेनिंग थेरेपी (Tinnitus retraining therapy) भी मिसोफोनिया बीमारी को ठीक करने में कारगर इलाज साबित हुआ है, जिसमें इयर लेवल नॉइस जनरेटर (Ear level noise generator) और काउंसलिंग का इस्तेमाल किया जाता है।

 

  • मिसोफोनिया बीमारी न्यूरो-मनोवैज्ञानिक विकार और गलत लाइफस्टाइल की वजह से होती है।

 

 

मिसोफोनिया बीमारी से बचने के लिए देखभाल

 

 

  • अत्यधिक शोर से बचे

 

  • शारीरिक कार्य करते रहे

 

  • सोने के समय में सुधार करे

 

  • अधिक तनाव से बचे

 

 

  • हेल्दी डाइट का सेवन करने से मिसोफोनिया बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की स्थिति में सुधार मिल सकती है।

 

 

मिसोफोनिया बीमारी के कई कारण हो सकते है, जैसे की – डकार लेने की आवाज, चबा-चबाकर खाने की आवाज, दांतों की पीसने की आवाज और अधिक तनाव आदि। अगर आपको भी मिसोफोनिया बीमारी के लक्षण दिख रहे है, तो तुरंत ही किसी न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर को दिखाएं और उनसे सलाह ले, नहीं तो बाद में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

 

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