गर्मी के मौसम में मुँह सूखना और प्यास लगना आम बात है। लेकिन अगर आपको साल भर ये समस्या रहती है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। गर्मी के दिनों में बार-बार प्यास लगती है और मुंह सूखता रहता है। इस मौसम में ये समस्या आम है, लेकिन जरूरत से ज्यादा मुंह सूखना या प्यास लगना कुछ बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं। अक्सर मुंह में लार कम होने पर ऐसा होता है। इसका कारण सिर्फ पानी नहीं है, बल्कि कुछ और वजह भी हो सकती हैं। ड्राई माउथ की समस्या को ज़ेरोस्टोमिया (xerostomia) भी कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब मुंह में सलाइवा ग्लैंड लार बनाना कम कर देता है। ऐसी स्थिति में हमारा मुंह सूखने लगता है।
मुँह सूखने और प्यास लगने के कुछ मुख्य कारण:
- सजोग्रेन सिंड्रोम: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें लार और आँसू पैदा करने वाली ग्रंथियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
- दवाओं का दुष्प्रभाव: कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण भी मुँह सूख सकता है।
- किडनी की बीमारी: किडनी की बीमारी के कारण शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है, जिससे मुँह सूखता है और प्यास लगती है।
यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं जिनसे आप मुँह सूखने और प्यास लगने की समस्या से राहत पा सकते हैं:
- पानी खूब पीएं: दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं।
- तरल पदार्थों का सेवन करें: पानी के अलावा, आप जूस, सूप, और नारियल पानी भी पी सकते हैं।
- च्युइंग गम चबाएं: च्युइंग गम चबाने से लार का उत्पादन बढ़ता है, जिससे मुँह सूखने की समस्या कम होती है।
- धूम्रपान न करें: धूम्रपान करने से मुँह सूखता है।
- कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करें: कैफीन और अल्कोहल शरीर से पानी को बाहर निकालते हैं।
यह भी ध्यान रखें:
- अपने मुँह को साफ रखें: दिन में दो बार ब्रश करें और फ्लॉस करें।
- ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें: ह्यूमिडिफायर हवा में नमी बढ़ाता है, जिससे मुँह सूखने की समस्या कम होती है।
- नमकीन और मसालेदार भोजन से बचें: नमकीन और मसालेदार भोजन से प्यास लगती है।
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