नवजात शिशु हर्निया लक्षण और कारण

 

 

हर्निया क्या है ?

 

 

हर्निया तब होता है जब शरीर के अंदरूनी अंग का हिस्सा या शरीर का कोई हिस्सा एक छेद के द्वारा किसी अन्य स्‍थान में चला जाता है जहां उसे नहीं होना चाहिए। कई अलग-अलग प्रकार के हर्निया होते है पर सबसे आम है जब आंत का एक हिस्सा पेट की मांसपेशियां दीवार के एक कमजोर हिस्से से बाहर आ जाता है।

 

अगर छोटे बच्चे की नाभि काफी उठी हुई होती है, तो उस समस्या को अम्बिलिकल हर्निया कहते हैं। अम्बिलिकल हर्निया नवजात शिशुओं में होने वाली एक बहुत ही आम समस्या है। आइए जानते हैं अम्बिलिकल हर्निया के बारे में।

 

 

अम्बिलिकल हर्निया क्या है?

 

 

  • यह समस्या बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकती है। लेकिन, ज्यादातर यह बच्चों को हो जाती है और फिर कुछ समय बाद ठीक भी हो जाती है।

 

  • करीब दस प्रतिशत नवजात शिशु जन्म के बाद शुरूआती दिनों में अम्बिलिकल हर्निया का शिकार हो जाते हैं। कई मामलों में इसमें उपचार की ज़रुरत ही नहीं पड़ती क्योंकि धीरे धीरे यह अपने आप ही ठीक हो जाता है।

 

 

नवजात शिशु में हर्निया के लक्षण

 

 

इन्हें नज़रअदाज़ न करें क्योंकि ये हर्निया के लक्षण हो सकते हैं-

 

 

  • पेट का साफ न रहना

 

  • मल में खून आना

 

  • सीने में दर्द होना

 

  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना

 

  • उल्टी होना

 

  • चलने या बैठने में तकलीफ होना

 

 

नवजात शिशु में हर्निया होने के कारण कौन-कौन से हो सकते हैं?

 

 

  • पेट की मांसपेशियों का कमजोर होना

 

  • लंबे समय तक खांसी का होना

 

  • अधिक वजन होना

 

 

 

नवजात शिशु में अम्बिलिकल हर्निया का इलाज कैसे करें?

 

  • जीवन शैली में बदलाव

 

  • होम्योपैथिक का इलाज

 

  • अल्ट्रासाउंड

 

  • एक्स-रे

 

  • सर्जरी कराना

 

  • हर्निया की समस्या होने पर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को कराया जाता है, जो हर्निया का सफल इलाज करती है। इस सर्जरी को दूरबीन सर्जरी भी कहा जाता है। इस सर्जरी में मुख्य रूप से एक टेलीस्कोप को वीडियो कैमरा के साथ जोड़ा जाता है। इस टेलीस्कोप को छोटे चीरे के द्वारा (जो कि नाभि के नीचे बनाया जाता है) पेट में डाला जाता है एवं संपूर्ण पेट की सूक्ष्मता से जाँच की जाती है।

 

 

जानिये महिलाओं में हर्निया के लक्षण क्‍या हैं?

 

 

  • महिलाओं में हर्निया होने पर पेट में दर्द या भारीपन की समस्‍या हो सकती है।

 

  • पेट में सूजन का उभार दिखाई देने लगता है।

 

  • बाथरूम या शौच के दौरान तकलीफ होना।

 

  • पेट के निचले हिस्‍से में उभार या सूजन होना।

 

  • इस बीमारी के होने पर महिला लंबे समय खड़ी या बैठ नहीं सकती, ऐसी स्थिति में खड़े रहने या बैठने में दर्द महसूस होता है।

 

  • खांसते समय पेट और आंतों में दर्द का अनुभव।

 

  • बार-बार उल्‍टी होना।

 

  • अगर आपको हर्निया के लक्षण दिखें तो इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें और चिकित्‍सक से संपर्क करें।

 

 

हर्निया के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत ही महत्वपूर्ण है। अगर आपको ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलकर इस बीमारी का इलाज कराएं।

 

 

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