केरल में चमगादड़ के जानलेवा वायरस (Virus) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ हैं, अब अनुमान लगाए जा रहे थे की इस लाइलाज निपाह वायरस (Nipah Virus) के इंसानों में पहुंचने के पीछे फलों का सेवन एक वजह हो सकती है। लेकिन मंगलवार को दिल्ली से केरल पहुंची विशेषज्ञों की टीम ने कुछ और ही स्थिति बयां की है।
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने यह बताया की मंगलवार सुबह जब उनकी टीम केरल के कोझिकोड जिले के गांव पेराम्बरा में जांच के लिए पहुंची तो सबसे पहले विशेषज्ञों ने मृतकों के घरों और आसपास जांच की। इस दौरान घर से कुछ ही दुरी पर मिले कुए ने टीम के होश उड़ा दिए।इस कुए में टीम को करीब 500 से ज्यादा चमगादड़ो का झुण्ड मिला।
इतनी तादाद में चमगादड़ो को देखने के बाद टीम आगे कुछ निर्णय ले पाती, इसी बीच दो और कुओ के बारे में जानकारी मिली और वो जांच करने पहुंचे।डॉक्टर ने बताया की तीनो कुओ को मिलाकर करीब २००० चमगादड़ वहा मौजूद थे। उन्होंने आशंका जताई हैं की इस कुए के पानी से चमगादड़ का खतरनाक वायरस निपाह इंसानों तक पहुंचा है। हलाकि इसकी पुष्टि करने के लिए टीम ने 60 चमगादड़ों को पकड़कर प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा है। साथ ही कुए के पानी की टेस्टिंग भी शुरू हो चुकी हैं|
वहीं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की अभी तक दो लोगो की निपाह वायरस की वजह से मौत होने की पुष्टि हुई हैं। जबकि स्थानीय प्रशासन और लोगों के मुताबिक यह आंकड़ा करीब 16 से ऊपर है।मंगलवार को भी दोनों लोगो की मृत्यु की पुष्टि केरल सरकार ने की हैं।बता दें कि निपाह वायरस चमगादड़ से फैलने वाली बीमारी है।इसलिए बीमारी को काबू करने के लिए केरल वन विभाग कुओ में जाल डालकर चमगादड़ों को पकड़ने के काम में जुट गया है।
अभी तक देश के तमाम मेडिकल विशेषज्ञों ( Medical Consultant) का कहना है की निपाह वायरस पहले फलो और फिर इंसानो में फैलता हैं, लेकिन दिल्ली से जांच के लिए गयी टीम ने वहा वहां स्थिति कुछ और ही होने की आशंका व्यक्त की है। बहरहाल, इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक बयान जारी कर स्थिति को नियंत्रण में बताया। साथ ही लोगों से अपील की है की निपाह वायरस की किसी भी अफवाह पर ध्यान न दे।
निपाह वायरस की जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. सुजीत के सिंह के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम दिल्ली से केरल पहुंची है। जबकि दूसरी टीम में एम्स के इंटरनल मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर आशुतोष विश्वास और सफदरजंग अस्पताल के पल्मोनॉलिजिस्ट डॉ. दीपक भट्टाचार्य शामिल हैं। इसके आलावा टीम में दो अन्य विशेषज्ञ र एक पशुपालन मंत्रालय से वरिष्ठ अधिकारी भी साथ में पहुंचे हैं।
जांच टीम से पता चला है की बुधवार दोपहर तक चमगादड़ो की जांच रिपोर्ट उन्हें मिल जाएगी।पहचान छिपाने की शर्त पर डॉक्टर ने बताया की अगर सैंपल में निपाह वायरस के अंश मिलते हैं तो आसपास के सभी कुओ को सील कर दिया जाएगा। साथ ही टीम के पास चमगादड़ों को कुओं में ही मारने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होगा।
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