जाने ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण और इसके उपचार

ओवेरियन या यूटेरस कैंसर में ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं।ओवरियन कैंसर केवल ओवरीज में होता है। यूटेरस कैंसर होने पर गर्भधारण में समस्या होती है, क्योंकि ओवरियरन कैंसर होने पर गर्भाशय और इसमें मौजूद ट्यूब्स भी नष्ट होने लगती हैं, जिस वजह से महिला को गर्भधारण करने में परेशानी होती है। हालांकि इसके लक्षणों की सही जानकारी और सही समय पर जांच कराने से इसका इलाज संभव है।

 

गर्भाशय कैंसर गायनेकोलॉजी से संबंधित सबसे खतरनाक कैंसर में से एक है। और अब तक गर्भाशय कैंसर की जांच के लिए कोई भी भरोसेमंद डाइग्नोस्टिक स्क्रीनिंग उपलब्ध भी नहीं है, ऐसे में इस कैंसर का पता लगा पाना बहुत मुश्किल होता है। 75 प्रतिशत से भी अधिक मामलों में इसका पता एडवांस स्टेज में पहुंचने के बाद चलता है। सिर्फ 19 प्रतिशत मामलों का ही शुरूआत में पता लग पाता है।

 

जिन महिलाओं को इस समस्या का एडवांस स्टेज में पहुंचने के बाद पता लगता है, उनमें से अधिकतर महिला 5 साल तक भी जीवित नहीं रह पाती हैं। इसलिए हर महिला को इसके लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए। तो आइए जानते है, ओवरियन कैंसर और सिस्ट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें और इनके लक्षण।

 

 

ओवेरियन कैंसर के लक्षण

 

  • नियमित रूप से पीरियड्स न होना।

 

  • गर्भधारण के दौरान समस्या होना।

 

  • अचानक मोटापा बढ़ना और वजन का कम होना।

 

  • पेट में भरीपन महसूस होना।

 

  • बार-बार पेट में दर्द होना।

 

  • बहुत अधिक गैस बनना।

 

  • दस्त लगना।

 

  • पेल्विक पेन की शिकायत होना।

 

  • शरीर पर कहीं भी अनचाहे बालों का उगना।

 

 

  • खट्टी डकारें आना।

 

  • संभोग के दौरान दर्द की शिकायत होना।

 

  • बार-बार पेशाब आने की समस्या होना।

 

  • वैजाइनल ब्लीडिंग होना।

 

 

ओवरियन कैंसर होने के कारण

 

  • अगर इस का कोई पारिवारिक इतिहास हो या आनुवांशिक कारण हों तो कई बार प्रेगनेंसी के दौरान भी ओवरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

 

  • 30 साल की उम्र में या इसके बाद पहली बार मां बनने वाली महिलाओं में भी ओवरियन कैंसर का खतरा दोगुना तक अधिक हो जाता है।

 

  • ब्रेस्ट कैंसर से पीडित महिलाओं को भी ओवरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

 

  • आमतौर पर ओवरियन कैंसर कुछ बीमारियों जैसे – डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, ज्यादा तनाव, मेनोपोज तथा एनीमिया आदि जैसी बीमारियों के कारणों से होता है।

 

  • कई बार मेनोपोज के बाद ओवरी की कार्यक्षमता कम होने से भी यूटरस कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपको डॉक्टर्स से समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए।

 

 

पुरुषों को भी होनी चाहिये इस बात की जानकारी

 

40 से 50 की उम्र के बीच की महिलाओं में कैंसर होने की समस्या सबसे ज्यादा नजर आ रहीं हैं। कुछ कैंसर तो ऐसे हैं, जो खासतौर पर केवल महिलाओं को ही होते हैं। और हर पुरुष के जीवन से महिला कहीं न कहीं जुड़ी होती है, तो इसलिए इस बात की जानकारी पुरुषो को भी होना बहुत ही जरुरी है कि, महिलाओं को किस प्रकार के कैंसर होते हैं और ओवेरियन कैंसर के लक्षण क्या होते हैं।

 

 

ओवरियन कैंसर का इलाज

 

  • आजकल कई महिलाओं को फाइब्रॉएड और पॉलीसिस्टिक ओवरी (पीसीओएस) होती है, जिसमें ओवरी में अल्सर हो जाते हैं। यही अल्सर कुछ समय बाद ट्यूमर का रूप ले लेते हैं। क्योंकि इनके लक्षण ज्यादा साफ नजर नहीं आते हैं, कई गर्भाशय कैंसर का पता लगाना बहुत कठिन होता है।

 

  • ओवरियन कैंसर को नियंत्रित करना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है, लेकिन उसके लिए जरूरी है कि इस कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता लगा लिया जाये।

 

  • इसका इलाज सर्जरी और कीमोथैरेपी से करा सकते है ।

 

  • हार्मोन थेरेपी से भी करा सकते है इसका इलाज।

 

  • ब्लड टेस्ट और अल्ट्रा साउंड स्कैन करवा कर इस कैंसर के होने का पता लगाया जा सकता है।

 

  • इस तरह 90 प्रतिशत ओवरियन कैंसर के मामलों को ठीक किया जा सकता है।

 

 

ओवेरियन कैंसर में परहेज

 

  • स्वस्थ भोजन का सेवन करे।

 

  • नियमित रूप से व्यायाम करे।

 

  • तम्बाकू, शराब और धूम्रपान का सेवन न करे।

 

 

  • उच्च वसा युक्त भोजन से परहेज करें।

 

  • प्रोटीन से भरपूर आहार।

 

  • रेड मीट।

 

  • कैफीन और कार्बोनेटेड सोडा।

 

 

ओवेरियन कैंसर में क्या खाना चाहिए

 

 

अदरक

अदरक एक गुणों से भरपूर मसाला है। कैंसर, सर्दी-खांसी, पाचन और सामान्य दर्द से लेकर ह्रदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों में यह बहुत फायदेमंद होता है। यह कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है।

 

अलसी

अलसी के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और कोलोन कैंसर से बचा जा सकता है।

 

ग्रीन टी

यह शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडैंट्स से भरपूर होती है। ग्रीन टी के नियमित सेवन से ओवेरियन कैंसर को रोका जा सकता है।

 

सोया

महिलाओं में खानपान की कमी के कारण कमजोर हडि्डयों का होना एक आम समस्या है, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ ही इनमें ओस्टियोपोरोसिस और ओवेरियन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में अगर सोयाबीन को डाइट में शामिल किया जाए तो इस खतरे से बचा जा सकता है।

 

अनाज

अनाज खाने से पेट संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। फाइबरयुक्त रेशेदार अनाज खाने से आपका पाचनतंत्र मजबूत बनता है।और इससे कैंसर जैसे बीमारी से भी बचा जा सकता है।

 

हरी पत्तेदार सब्जियां

महिलाओं में लौह तत्व की कमी होती है। हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से शरीर में विटामिन ए, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है। इसका नियमित सेवन करने से ओवेरियन कैंसर को रोका जा सकता है।

 

 

अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आये , तो सबसे पहले आपको अल्ट्रासाउंड करा लेना चाहिए। अल्ट्रासाउंड करा लेने पर यह पता चल जाएगा कि, आपको ओवरियन कैंसर है या नहीं। और हमेशा डॉक्टर की सम्पर्क में रहे किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत ही उनसे सलाह ले और समय-समय पर अपना जांच कराते रहे।

 

 

 

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