कितने प्रकार का होता है ओवेरियन कैंसर और क्या है इसका इलाज?

ओवेरियन कैंसर जेनेटिक भी हो सकता है, अगर आपके परिवार में किसी को यह हो चुका है तो आप भी इसके शिकार हो सकते हैं। ऐसे में आपको अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए इन बातों का ध्यान रखना होगा ताकि अगर आपको किसी भी तरह की परेशानी हो तो आप तुरंत डॉक्टर के पास जा सकें। महिलाओं में इन दिनों ओवेरियन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। स्तन कैंसर के बाद यह दूसरा कैंसर है जो महिलाओं में बहुत आम है।

इसके ज्यादातर लक्षण ऐसे होते हैं कि आखिरी स्टेज का भी पता नहीं चलता। इसलिए, ओवेरियन कैंसर के मामले में अधिक सावधान और सावधान रहने की आवश्यकता है। ओवेरियन कैंसर के लक्षणों का पता लगाने में लंबा समय लग सकता है, लेकिन इसका इलाज असंभव नहीं है। यदि आप इससे सम्बंधित कोई भी समस्या है तो आप हमारे डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं, डॉक्टर से सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें

 

 

कितने प्रकार का होता है ओवेरियन कैंसर? (What are the types of ovarian cancer in Hindi)

 

 

ओवेरियन कैंसर 30 से अधिक प्रकार के हो सकते हैं। यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस प्रकार के सेल से शुरू हो रहा है। डॉक्टर के अनुसार 6 ओवेरियन कैंसर ज्यादा देखे को मिलते हैं। जो इस प्रकार है:

 

  • अंडाशयी ग्रैनुलोसा ट्यूमर (Granulosa Tumour Of The Ovary): इस स्थिति में एक प्रकार से स्ट्रोमल ट्यूमर मौजूद होते हैं।

 

  • एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (Epithelial Ovarian Cancer) : यह सबसे आम प्रकार का ओवेरियन कैंसर होता है। महिलाओं में ओवेरियन कैंसर की समस्या में सबसे ज्यादा एपिथेलियल ट्यूमर देखा जाता है।

 

  • अंडाशयी टेराटोमा (Ovarian Teratoma): इस प्रकार के ओवेरियन कैंसर सबसे ज्यादा 20 साल से लेकर 25 साल की उम्र वाली महिलाओं में देखने को मिलता है।

 

  • ओवेरियन ट्यूमर (Borderline Ovarian Tumours): इस प्रकार के कैंसर में अंडाशय में असामान्य रूप से ट्यूमर की कोशिकाएं फैलने लगती हैं और यह अंडाशय के बाहरी ऊतकों में फैल जाती हैं। आमतौर पर इस समस्या में सर्जरी की जाती है।

 

  • फैलोपियन ट्यूब कैंसर (Fallopian Tube Cancer): ओवेरियन कैंसर का यह प्रकार बहुत कम देखने को मिलता है और इसके होने की संभावना बहुत कम होती है। इस समस्या का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह गंभीर समस्या पैदा करती है।

 

  • प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर (Primary Peritoneal Cancer):  यह एक प्रकार का दुर्लभ ओवेरियन कैंसर है जो महिलाओं में बहुत कम देखने को मिलता है।

 

 

क्या ओवेरियन कैंसर के बाद महिलाएं मां बन सकती हैं? (Can women become pregnant after ovarian cancer in Hindi)

 

आपको बता दें की ओवेरियन कैंसर का इलाज करा रही महिलाएं दोबारा मां बन सकती हैं। लेकिन इसके लिए महिला मरीज को डॉक्टर्स से पूछकर अपना एग प्रिजर्वेटिव करना पड़ता है। ताकि ओवेरियन कैंसर के इलाज के बाद अंडे को फिर से लगाया जा सके।

इसके अलावा अगर टेस्ट से पता चलता है कि कैंसर सिर्फ ओवरी में फैला है तो सर्जरी के जरिए ओवरी को बाहर निकाला जाता है। यदि महिला रोगी बड़ी है, तो गर्भाशय को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। वहीं अगर किसी लड़की को केवल एक अंडाशय में कैंसर है तो केवल एक अंडाशय ही निकाला जाता है। जिससे उनके मां बनने की संभावना बनी रहे।

 

 

ओवेरियन कैंसर का इलाज (Ovarian Cancer Treatment in Hindi)

 

 

  • दवाएं: डॉक्टर नीरा बताती हैं कि बाजार में कई नई दवाएं आ गई हैं। जो सीधे कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाते हैं। इन दवाओं के जरिए कैंसर को ठीक करने का प्रयास किया जाता है।

 

  • हार्मोन थेरेपी: ओवेरियन कैंसर का इलाज भी हार्मोन थेरेपी के जरिए किया जाता है। हार्मोन एस्ट्रोजन को कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचने से रोकने के लिए। एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है।

 

  • कीमोथैरेपी: कीमोथैरेपी का प्रयोग कैंसर कोशिकाओं को दवाएं देकर उन्हें रोकने के लिए किया जाता है। इसमें लगभग 3 से 6 सत्र होते हैं, जो लगभग 3 से सप्ताह तक चलते हैं।

 

  • सर्जरी: ज्यादातर मामलों में ओवेरियन कैंसर का इलाज सर्जरी से किया जाता है।

 

 

ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल (Best hospital for ovarian cancer treatment in Hindi)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

ओवेरियन कैंसर के स्टेज कितनी होती हैं? (ovarian cancer stage in Hindi)

 

जब किसी भी प्रकार के कैंसर की समस्या होती है तो उसके चरण से पता चलता है कि यह कैंसर शरीर में कितना फैल चुका है या शरीर को कितना नुकसान हुआ है। एक बार कैंसर की स्टेज का पता चल जाए तो इसका इलाज आसान हो जाता है। ओवेरियन कैंसर के आमतौर पर 4 मुख्य चरण होते हैं। कई आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में लगभग 90 प्रतिशत महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का निदान उसके अंतिम चरण में होता है। ओवेरियन के कैंसर के 4 मुख्य स्टेज इस प्रकार हैं।

 

  • स्टेज 1: इस स्थिति में, कैंसर आपके अंडाशय तक ही सीमित रहता है और कैंसरयुक्त ऊतक बनने लगता है।

 

  • स्टेज 2: इस स्टेज में कैंसर कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं और श्रोणि तक फैल जाती हैं।

 

  • स्टेज 3: इस स्टेज में कैंसर की समस्या पेट तक फैल चुकी होती है।

 

  • स्टेज 4: इस स्थिति में, अंडाशय सहित पेट और पेट से परे कैंसर गंभीर रूप से फैल गया है।

 

 

ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer in Hindi)

 

 

  • शरीर के निचले हिस्से में दर्द

 

  • असामान्य योनि स्राव

 

  • पीठ या पैल्विक दर्द

 

  • खाने के बिना ही पेट भरा हुआ महसूस करना

 

  • कब्ज होना

 

  • अपच होना

 

  • जल्दी पेशाब आना

 

 

  • सेक्स के दौरान दर्द

 

  • मल त्याग करने में परेशानी होना

 

 

इन सभी लक्षणों को नजरअंदाज न करें। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके लिए आप हमारे डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं डॉक्टर से संपर्क करने के लिए यहाँ क्लिक करें

 

 

ओवेरियन कैंसर का निदान (Ovarian Cancer diagnosis in Hindi)

 

  • सीबीसी

 

  • कैंसर प्रतिजन 125 स्तरों के लिए टेस्ट

 

  • एचसीजी स्तर टेस्ट

 

  • अल्फा-भ्रूणप्रोटीन टेस्ट

 

  • गुर्दा टेस्ट

 

  • बायोस्कोपी

 

  • इमेजिंग टेस्ट

 

  • मेटास्टेसिस टेस्ट

 

ओवेरियन कैंसर की जांच इन टेस्ट के माध्यम से की जा सकती है। हमने आपको ओवेरियन कैंसर के प्रकार और इसके इलाज कैसे होता हैं इसके बारे में बताया है यदि आप इसका इलाज से सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।