दिल्ली में ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए सबसे अच्छे हॉस्पिटल।

ओवेरियन कैंसर क्या हैं ? (what is ovarian cancer in hindi)

 

ओवेरियन कैंसर जैसी बीमारी महिलाओं मे पाई जाती हैं। ओवेरियन कैंसर को यूट्रस कैंसर या अंडाशय कैंसर के नाम से भी जाना जाता हैं, यह कैंसर अंडाशय से शुरू होता हैं। महिलाओं के ओवरी में छोटे -छोटे सिस्ट बन जाते हैं जिस कारण महिलाओं को ओवेरियन कैंसर हो जाता हैं। यह कैंसर कोशिकाएं तेजी से फैलती हैं तथा शरीर के अन्य कामकाज पर असर करती हैं। ओवेरियन कैंसर होने के बाद महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी आती हैं तथा गर्भाशय और ट्यूबेस डैमेज हो जाती हैं।

 

ओवेरियन कैंसर का इलाज करना अत्यधिक कठिन होता हैं, इस कैंसर में लक्षण भी सामान्य रूप से उभर कर नहीं आते हैं। ओवरी कैंसर एक बहुत जल्दी बढ़ने वाला कैंसर हैं जिसके लक्षण भी तीसरी या चौथी स्टेज में नज़र आते हैं।

 

 

ओवेरियन कैंसर के प्रकार।

 

 

एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (Epithelial ovarian cancer): यह सामान्य प्रकार का ओवेरियन कैंसर होता हैं। ओवरी यानि अंडाशय मे होने वाले लगभग 90 % ट्यूमर एपिथेलियल होते हैं।

 

ओवेरियन टेराटोमा (ovarian Teratoma): ओवेरियन टेराटोमा अक्सर 20 से 25 वर्ष की महिलाओं में अधिक पाया जाता हैं। ओवेरियन टेराटोमा होना किसी भी महिला के बहुत दुर्लभ स्थिति होती हैं, यह एक प्रकार का रोगाणु कोशिका ट्यूमर भी होता हैं।

 

ओवेरियन ग्रैनुलोसा ट्यूमर ( ovarian granulosa Tumor): यह एक प्रकार का स्ट्रोमल ट्यूमर होता हैं।

 

प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर (primary peritoneal cancer): यह कैंसर भी महिलाओं के लिए अत्यधिक गंभीर होता हैं , यह कैंसर भी एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर के सामान ही होता हैं।

 

फ़ैलोपियन ट्यूब कैंसर ( Fallopian tube cancer): यह कैंसर महिलाओं मे बहुत कम नज़र आता हैं परन्तु इसका इलाज कठिन होता हैं।

 

बॉर्डरलाइन ओवेरियन कैंसर ( Borderline Ovarian cancer ): इस कैंसर मे ओवरी में असामान्य रूप से ट्यूमर कोशिकाएं फैलने लगती है और बाहरी ऊतकों में फ़ैल जाती हैं और यह कैंसर आमतौर पर सर्जरी से ही ठीक होता हैं।

 

 

ओवेरियन कैंसर के लक्षण क्या होते हैं ?

 

 

ओवेरियन कैंसर के लक्षण महिलाओं के अंदर जल्दी से देखने को नहीं मिलते इस कैंसर का पता महिलाओं को चौथी स्टेज मे लगता हैं, परन्तु ओवरियन कैंसर में दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण हैं।

 

  • पेट फूलने की समस्या।
  • बार – बार पेशाब जाना।
  • मल त्याग करने में परेशानी।
  • गैस की समस्या।
  • शरीर के निचले हिस्से मे अधिक दर्द होना।
  • खाने में कठिनाई या जल्दी पेट भरा हुआ महसूस होना।
  • भूख की कमी।
  • पीठ मे दर्द।

 

ओवेरियन कैंसर के स्टेज (stage of Ovarian cancer in hindi)

 

किसी भी तरह के कैंसर मे अलग – अलग स्टेज होती हैं , जिससे की यह पता चलता हैं की शरीर में कैंसर कितना फ़ैल चूका हैं तथा मरीज को कितना नुकसान पहुँचा चूका हैं। ओवेरियन कैंसर मे चार स्टेज होती हैं और ओवेरियन कैंसर का पता आखिरी स्टेज मे ही चलता हैं। ओवेरियन कैंसर की चार स्टेज कौन – सी होती हैं।

 

 

  • स्टेज 1: पहली स्टेज में जो कैंसर होता हैं वह ओवरी यानि अंडाशय तक ही रहता हैं और कैंसर टिश्यू की शुरुआत होने लगती हैं।
  • ब्लड दूसरी स्टेज मे कैंसर की कोशिकाओं का फैलना शुरू हो जाता हैं।
  • स्टेज 3: तीसरी स्टेज में कैंसर की समस्या पेट तक फ़ैल चुकी होती हैं।
  • स्टेज 4: चौथी स्टेज में कैंसर अधिक मात्रा मे ओवरी , पेट तथा पेट के बहार भी फ़ैल चूका होता हैं।

 

 

ओवेरियन कैंसर की स्टेज के बाद भी ओवेरियन कैंसर का इलाज सिमित होता हैं, बढ़ती स्टेज को रोकने के लिए शुरुआती लक्षण में ही जाँच करवा लेनी चाहिए। शुरुआती लक्षण मे ही जाँच हो जाने के बाद कैंसर को बढ़ने से रोका जायेगा तथा समस्या दूर हो जाएगी। ओवेरियन कैंसर की जाँच के लिए डॉक्टर मरीज का ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, पेट के निचले भाग का अल्ट्रासाउंड करते हैं ताकि ओवेरियन कैंसर का पता चल सके और इलाज समय पर हो जाये।

 

 

 

ओवेरियन कैंसर होने के क्या कारण हो सकते हैं।

 

 

  • ओवेरियन कैंसर जेनेटिक भी होता हैं यदि परिवार की किसी महिला को अगर ओवेरियन कैंसर होता हैं आगे भी परिवार में यह बीमारी होने का खतरा बना रहता हैं।
  • ब्रैस्ट और आंत के कैंसर से भी ओवेरियन कैंसर हो सकता हैं।
  • 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को ओवेरियन कैंसर का खतरा अधिक रहता हैं।
  • जो महिलायें बच्चों को जन्म नहीं दे सकती या फिर अभी तक जिन महिलाओं ने बच्चों को जन्म न दिया हो उनमे भी यह बीमारी पाई जाती हैं।
  • जिन महिलाओं ने हार्मोनल थेरेपी ली हो उन्हें ओवेरियन कैंसर हो सकता हैं।
  • मोटापा कई बिमारिओं का कारण हैं तो यह भी ओवेरियन कैंसर का एक कारण अवश्य बन सकता हैं।

 

 

ओवेरियन कैंसर का इलाज।

 

ओवेरियन कैंसर के कई इलाज है तथा यह कैंसर की स्टेज पर आधारित होते हैं जिस प्रकार से कैंसर की स्टेज होती है उसी प्रकार से डॉक्टर कैंसर का इलाज करते हैं ओवेरियन कैंसर मे स्टेज का पता लगाने के लिए डॉक्टर इलाज करने से पहले टेस्ट करवाते हैं ,ओवेरियन कैंसर का इलाज अन्य तरीको से हो सकता है।

 

 

 

ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल। (Best Hospitals For Ovarian Cancer Treatment)

ओवेरियन कैंसर के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल।

 

 

 

ओवेरियन कैंसर का इलाज होने के बाद क्या करे।

 

ओवेरियन कैंसर के इलाज के बाद कुछ समय तक दर्द रह सकता हैं तो उसके लिए मरीज को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए की वह इस दर्द को कम करने के लिए क्या करे। इलाज होने के बाद रोगी को कुछ समय तक तंग कपडे नहीं पहने चाहिए। ओवेरियन कैंसर का इलाज होने के बाद मरीज के शरीर में कमजोरी आ जाती हैं और वह अधिक थका हुआ महसूस करता हैं। इलाज के बाद रोगी को किसी भी तरह के नशीले पदार्थो का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।

 

रोगी को प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए ताकि वह स्वस्थ रह सके तथा पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन करे जैसे की फूल गोबी, शलगम , सरसो का साग , पालक , ब्रॉक ली ,बंद गोबी आदि। ओवेरियन कैंसर के इलाज के बाद आमतौर पर मरीजों में संक्रमण देखने को मिलते हैं -बाल झड़ना , भूख कम लगना, मुँह में छाले, एनीमिया , उलटी होना परन्तु यह सारे संक्रमण समय के साथ- साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं।

 

यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है और अगर आप इसका इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+919599004311) या हमें connect@gomedii.com पर  ईमेल कर सकते हैं।

 

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