पेसमेकर एक ऐसा उपकरण है, जो दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है। जब किसी व्यक्ति का दिल अपनी धड़कन को सही ढंग से बनाए रखने में असफल हो जाता है, तो उसे पेसमेकर की आवश्यकता हो सकती है। यह उपकरण उन लोगों के लिए जीवनदायक साबित होता है जिनका दिल असामान्य रूप से धीमा या तेज़ धड़कता है। भारत में, पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी के खर्च को जानना महत्वपूर्ण है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें यह सर्जरी करवानी है।
पेसमेकर क्या है?
पेसमेकर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो हृदय के भीतर प्रत्यारोपित किया जाता है। इसका मुख्य कार्य हृदय की धड़कन को नियंत्रित करना होता है। पेसमेकर का उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है जब हृदय असामान्य रूप से धड़कने लगता है, जैसे कि बहुत धीमा (ब्रैडीकार्डिया) या बहुत तेज़ (टैचीकार्डिया) धड़कना। यह उपकरण हृदय को विद्युत संकेत भेजता है जिससे हृदय की धड़कन सामान्य हो जाती है।
पेसमेकर की जरूरत कब होती है?
- ब्रैडीकार्डिया: यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हृदय असामान्य रूप से धीमी गति से धड़कने लगता है। इससे व्यक्ति को थकान, चक्कर आना और बेहोशी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
- टैचीकार्डिया: यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हृदय अत्यधिक तेजी से धड़कने लगता है। इससे हृदय को रक्त पंप करने में कठिनाई होती है।
- हार्ट ब्लॉक: जब हृदय के विद्युत संकेत सही ढंग से हृदय के ऊतकों तक नहीं पहुँच पाते हैं, तो इसे हार्ट ब्लॉक कहा जाता है। यह पेसमेकर से सुधारा जा सकता है।
- सिनस नोड डिसफंक्शन: यह स्थिति तब होती है जब हृदय की धड़कन शुरू करने वाला प्राकृतिक पेसमेकर (सिनस नोड) सही ढंग से काम नहीं करता।
पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी कैसे होती है?
पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी एक सरल प्रक्रिया है जो आमतौर पर 1 से 2 घंटे में पूरी होती है। इस सर्जरी के दौरान डॉक्टर मरीज की छाती के ऊपरी हिस्से में एक छोटा चीरा लगाते हैं, और वहां पेसमेकर को प्रत्यारोपित करते हैं। पेसमेकर की तारें हृदय से जोड़ी जाती हैं ताकि यह उपकरण हृदय की विद्युत गतिविधियों को नियंत्रित कर सके।
पेसमेकर के प्रकार:
पेसमेकर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:
- सिंगल चैंबर पेसमेकर: यह पेसमेकर केवल हृदय के एक चैंबर (अक्सर निचले चैंबर या वेंट्रिकल) को नियंत्रित करता है।
- डुअल चैंबर पेसमेकर: यह पेसमेकर हृदय के दो चैंबर (अक्सर ऊपरी और निचले चैंबर) को नियंत्रित करता है, जिससे हृदय की धड़कन ज्यादा सटीक और समान हो जाती है।
- बिवेंट्रिकुलर पेसमेकर: यह पेसमेकर उन लोगों के लिए होता है जिन्हें हार्ट फेल्योर की समस्या होती है। यह हृदय के तीन चैंबरों को नियंत्रित करता है और इसे कार्डियक रेसिंक्रोनाइजेशन थेरेपी (CRT) भी कहा जाता है।
भारत में पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी की लागत
पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी की लागत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे पेसमेकर का प्रकार, अस्पताल का स्तर, और मरीज की स्थिति। भारत में सामान्यतः पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी की लागत ₹1.5 लाख से ₹4.5 लाख तक हो सकती है।
लागत के कारक:
- पेसमेकर का प्रकार: सिंगल चैंबर पेसमेकर की लागत कम होती है जबकि बिवेंट्रिकुलर पेसमेकर या CRT की लागत अधिक होती है।
- अस्पताल की स्थिति: मेट्रो शहरों के बड़े निजी अस्पतालों में इस सर्जरी की लागत अधिक हो सकती है, जबकि छोटे शहरों या सरकारी अस्पतालों में इसकी लागत कम हो सकती है।
- मरीज की स्थिति: अगर मरीज की स्थिति गंभीर है, तो उसे ICU में भर्ती करने की जरूरत हो सकती है, जिससे सर्जरी की कुल लागत बढ़ सकती है।
- अन्य खर्च: सर्जरी के बाद देखभाल, दवाइयाँ, और नियमित जाँच भी खर्च को बढ़ा सकती हैं।
भारत में पेसमेकर सर्जरी की औसत लागत
- सिंगल चैंबर पेसमेकर: ₹1.5 लाख से ₹2.5 लाख
- डुअल चैंबर पेसमेकर: ₹2.5 लाख से ₹3.5 लाख
- बिवेंट्रिकुलर पेसमेकर (CRT): ₹3 लाख से ₹4.5 लाख
विभिन्न शहरों में पेसमेकर सर्जरी की लागत
- दिल्ली: ₹2 लाख से ₹4 लाख
- मुंबई: ₹2.5 लाख से ₹4.5 लाख
- बेंगलुरु: ₹2 लाख से ₹4 लाख
- चेन्नई: ₹1.8 लाख से ₹3.5 लाख
- कोलकाता: ₹1.5 लाख से ₹3.2 लाख
सर्जरी के बाद की देखभाल
पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी के बाद मरीज को कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है। इसके बाद डॉक्टर नियमित रूप से पेसमेकर की जाँच करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सही ढंग से काम कर रहा है। पेसमेकर की बैटरी लगभग 5 से 15 साल तक चलती है, जिसके बाद इसे बदलने की आवश्यकता हो सकती है।
पेसमेकर सर्जरी में मेडिकल बीमा की भूमिका
भारत में कई स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी के खर्च को कवर करती हैं। बीमा कंपनी और पॉलिसी के आधार पर, मरीज को इस सर्जरी के लिए पूरी या आंशिक कवरेज मिल सकता है। इसलिए, सर्जरी से पहले अपने बीमा प्रदाता से इस बारे में जानकारी लेना आवश्यक है कि वे सर्जरी के लिए कितनी कवरेज प्रदान कर रहे हैं।
भारत में पेसमेकर सर्जरी से जुड़ी चुनौतियाँ
हालांकि भारत में पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी की गुणवत्ता बेहतर हो रही है, लेकिन कई ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में अभी भी यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए सर्जरी की लागत अभी भी बड़ी चुनौती है।
पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी के बाद जीवन
सर्जरी के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकता है, लेकिन कुछ एहतियात बरतनी होती है। जैसे:
- नियमित रूप से जाँच करवाना: डॉक्टर से समय-समय पर पेसमेकर की जाँच करवाना ज़रूरी होता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह सही तरीके से काम कर रहा है।
- मैग्नेटिक उपकरणों से बचाव: MRI मशीन और बड़े विद्युत उपकरणों से दूर रहना चाहिए क्योंकि ये पेसमेकर की कार्यक्षमता पर असर डाल सकते हैं।
- व्यायाम और गतिविधियाँ: सामान्य शारीरिक गतिविधियों में कोई बाधा नहीं होती, लेकिन अत्यधिक शारीरिक मेहनत या भारी उपकरणों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष:
भारत में पेसमेकर इम्प्लांटेशन सर्जरी की लागत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे पेसमेकर का प्रकार, अस्पताल की स्थिति, और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति। हालाँकि, यह सर्जरी जीवनरक्षक हो सकती है और इसका प्रभावी परिणाम होता है। इसलिए, अगर किसी व्यक्ति को पेसमेकर की जरूरत है, तो उसे सर्जरी की लागत और उससे जुड़ी अन्य आवश्यक जानकारी पहले से जुटानी चाहिए, ताकि सही निर्णय लिया जा सके।
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