आजकल हर कोई अपने काम को लेकर इतना व्यस्त रहते है की सही से अपने खान-पान पर भी ध्यान नहीं दे पाते है। और यही आदत कई बीमारियों का कारण बनती है। जिसमे पेट की जलन सबसे आम है और यही जलन धीरे-धीरे सीने तक फैलने लगती है। पेट की जलन कुछ और नहीं, बल्कि पेट में एसिड रिफ्लक्स है, जिस कारण एक वक्त के बाद आप न तो ठीक से कुछ खा पाते हैं और न ही सो पाते हैं। जिस वजह से आगे चलकर आपको और भी बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर अपनी सेहत का ख्याल रखे।
पेट की जलन के कारण
- अधिक मात्रा में तेल-मसाले वाले भोजन का सेवन करना।
- ज्यादा चाय-कॉफी पीने से भी हो सकती है पेट में जलन।
- अधिक मात्रा में शराब का सेवन।
- धूम्रपान करना भी एक कारण है।
- खाना खाते ही लेटने या सोने से भी पेट में जलन हो सकती है।
- रात को देर से खाना खाने से।
- गर्भावस्था भी एक कारण है।
वैज्ञानिक भाषा में, एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) कहा जाता है। कई लोग सोचते हैं कि पेट की जलन केवल पेट में ज्यादा एसिड बन जाने से होती है, लेकिन कई बार यह पेट में कम एसिड बनने से भी हो सकती है।
पेट की जलन के लक्षण
- सीने और पेट में जलन होना,
- इसोफेगस और गले में जलन की शिकायत,
- जी मिचलाना या उल्टी होना,
- गैस बनना,
- बार-बार डकार आना,
- पेट फूलना,
- गले में खराश होना,
- खांसी होना,
- हिचकी आना,
पेट की जलन को कम करने के लिए अपनाएं ये उपाय
एप्पल साइडर विनेगर
पेट की जलन के लिए इसे सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। यह पेट में अम्ल के स्तर को संतुलित करता है।
कोल्ड मिल्क
इसका सेवन करने से यह एसिडिटी में पेट को ठंडक पहुंचता है और साथ ही पेट के जलन को भी कम करता है। इसलिए जब भी आपको पेट की जलन की समस्या हो रही हो, तो भोजन के तुरंत बाद ठंडा दूध पीएं। नियमित ठंडा दूध पीने से पेट में जलन की समस्या नहीं होती है।
ग्रीन टी
इसमें एंटी इंफ्लैमेटरी गुण होता है, जो पेट को साफ़ रखता है। इसलिए पेट में जलन होने पर ग्रीन टी या पिपरमिंट टी का सेवन जरूर करें। यह पेट की जलन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
दही
पेट में जलन हो रही हो तो दही भी एक अच्छा उपाय है। इसमें प्रोबायोटिक्स और हेल्दी बैक्टीरिया होता है, जो अच्छे पाचन के लिए अच्छा होता है। इसलिए पेट की जलन को कम करने के लिए भोजन में दही रोजाना जरूर शामिल करें।
जूस
रोज जूस पीने से पेट में एसिड के स्तर संतुलित रहते है। इससे गैस, पेट फूलना, सीने में जलन जैसी परेशानियों से कुछ राहत मिल सकती है।
एलोवेरा जेल
पेट की जलन के लिए सबसे एलोवेरा जेल अच्छा उपाए है. यह जलन में ठंडक पहुंचाता है और यह सीने के जलन को भी कम करता है।
मैस्टिक गम
पेट और सीने की जलन से राहत पाने के लिए मैस्टिक गम को चबाएं। मैस्टिक गम पेट की जलन पैदा करने वाले बैक्टीरिया एच. पाइलोरी (H.Pylori) जीवाणुनाशक का काम करता है।
बेकिंग सोडा
- यह प्राकृतिक रूप से एल्कलाइन की तरह काम करता है और पेट की जलन के साथ-साथ सीने में जलन को भी ठीक करता है, क्योंकि इसका पीएच 7.0 से ज्यादा होता है। यह पेट के एसिड को बेअसर करता है और जलन से छुटकारा दिलाता है।
- इसका अधिक उपयोग न करे, क्योंकि इसमें नमक की मात्रा ज्यादा होती है। जिस वजह से यह सूजन या मतली का कारण भी बन सकता है।
फल
फल में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो पेट में म्यूकस के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं, जो पेट में अधिक एसिड होने पर राहत दिलाता है। इसलिए फल का सेवन रोज करे।
स्लिपरी एल्म
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए स्लिपरी एल्म हर्बल उपचार है। यह औषधि मुंह, गले, पेट की जलन और आंतों को राहत दिलाती है।
बादाम
- बादाम में कैल्शियम होते है। इससे सीने में जलन की परेशानी से तुरंत आराम मिलता हैं। हर बार खान खाने के बाद सेवन करें।
तुलसी
इसके पत्तों से बनी चाय शरीर को ठंडक देती है, जिससे एसिड रिफ्लक्स से होने वाले दर्द और जलन से छुटकारा मिलता है।
कैमोमाइल टी
इसमें पेट की जलन को शांत करने के गुण पाये जाते हैं। दो चम्मच सूखे कैमोमाइल के फूल को गर्म पानी में मिलाएं और पांच मिनट उबालकर छान लें और शहद मिलाकर पी जाएं। यह पेट की जलन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
पेट की जलन की समस्या, भोजन से एलर्जी, बैक्टीरियल सिंड्रोम, अल्सर आदि के कारण होती है। इसके अलावा धूम्रपान, मोटापा, तनाव, शराब पीने और खराब भोजन से भी पेट में जलन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए अपनी दिनचर्या में बदलाव लाये और अपने खान- पान पर भी ध्यान दे। और अगर आपको पेट की जलन की समस्या बहुत ज्यादा हो रही हो तो तुरंत ही डॉक्टर की सलाह ले।
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