पानी की कमी
पानी हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण तत्व है। हमारे शरीर का दो-तिहाई भाग पानी से बना है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, हमारी आँखों और जोड़ों को नम बनाने, पाचन में मदद, हमारी त्वचा को स्वस्थ को रखने जैसे कई महत्त्वपूर्ण काम करता है। जो लोग व्यस्क होते हैं उन्हें एक दिन में आठ से दस गिलास पानी पीना चाहिए। हालांकि ये बात अलग अलग कारकों पर निर्भर करती है।
जब हमारे शरीर में प्रायप्त मात्रा में तरल पदार्थ नहीं होता तो उस वक़्त हम निर्जलित होते हैं। शरीर में पानी की कमी होना आपके शरीर में खनिज (शर्करा और नमक) के संतुलन को बिगाड़ सकती है। निर्जलीकरण एक ऐसी बीमारी है जिसका समय पर उपचार न किया जाये तो ये दिमाग को नुक्सान पहुंचाने और गंभीर मामलों में मौत का कारण भी बन सकता है।
शरीर में पानी की कमी के लक्षण
शरीर में पानी की कमी या निर्जलीकरण होने की स्थिति अलग अलग प्रकार से निम्नलिखित हैं –
1. कम निर्जलीकरण होने की स्थिति में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं :
- मुँह का सूख जाना
- त्वचा का सूख जाना
- मांसपेशियों में ऐंठन
- प्यास लगना
- कम पेशाब आना
- पेशाब का रंग गहरा पीला होना
- सिरदर्द
2. गंभीर निर्जलीकरण की स्थिति में महसूस होने वाले लक्षण कुछ इस प्रकार हैं :
- त्वचा का बहुत शुष्क हो जाना
- आँखों का धंस जाना
- धड़कनों का तेज़ हो जाना
- बेहोशी होना
- पेशाब न आना या गहरे रंग का मूत्र आना
- चक्कर आना
- जरूरत से ज्यादा नींद आना
- शरीर में ऊर्जा की कमी होना
3.छोटे बच्चों और शिशुओं में अलग प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं पानी की कमी के :
- 3 घंटे बाद भी डायपर सूखा होना
- मुँह और जीभ का सूखना
- रोते वक़्त आंसू न आना
- सिर पर हल्के हल्के निशान होना
पानी की कमी के कारण
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- बुखार
- जलने के कारण शरीर से पानी निकलना
- दस्त, उल्टी, गंभीर और तीव्र दस्त
- डायबिटीज या कुछ दवाओं के सेवन के कारण मूत्र अधिक आना
शरीर में पानी की कमी के उपाय
पानी की कमी से बचने के लिए एक दिन में कम से कम 1.5 से 2 लीटर पानी अवश्य पिये लेकिन कभी भी एक बार में बहुत ज्यादा पानी न पियें। इसके अलावा तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें जैसे की सूप, दूध, ताज़े फलों का जूस, निम्बू पानी आदि और वो चीज़े खाये जिसमे पानी की मात्रा भरपूर होता है जैसे की खीरा, तरबूज़ आदि।
1. व्यस्कों में पानी की कमी के उपाय
- कॉफ़ी और चाय पीने से बचें क्यूंकि ये मूत्रवर्धक होते हैं जो शरीर से पानी निकाल देते हैं।
- नमकीन और मीठे पदार्थों का सेवन करें। इससे आपके शरीर में शर्करा और नमक की कमी दूर होती है।
- तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे सूप, ताज़ा जूस और ताज़ा नारियल पानी आदि इन सबसे आप खुद को डिहाइड्रेशन से बचा सकते हैं।
- ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन( Oral Rehydration Solution) का प्रयोग करें ये आपको रिहाइड्रेट रखने में मदद करता है।
- दरअसल इस घोल में सोडियम और पोटैशियम लवण के साथ साथ स्टार्च और ग्लूकोस भी होता है जो की शरीर में तरल पदार्थों को बैलेंस रखने में सहायक होता है।
2. बच्चों में पानी की कमी के उपाय
- थोड़ी थोड़ी मात्रा में और कई बार तरल पदार्थ का सेवन करायें।
- बच्चों को सिर्फ पानी न पिलाये बल्कि पानी में ओआरएस मिलाकर पिलायें।
- चावल का पानी या दलिया देने की कोशिश करें क्यूंकि चावल के पानी में स्टार्च की मात्रा भरपूर होती है और दलिये में मौजूद पका हुआ अनाज बच्चों को पोषण देने का काम करता है।
3. शिशुओं में पानी की कमी के उपाय
- हर एक घंटे बाद उसे ओआरएस का घोल पिलाते रहें।
- उसे स्तनपान करायें, ब्रेस्टमिल्क रिहाइड्रेशन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
- थोड़ी थोड़ी देर में पानी और तरल पदार्थ का सेवन कराते रहें।
- अगर बच्चे को दस्त या उल्टियां हो रही हैं तो उसे फलों का जूस बिलकुल न पिलायें।
अगर आपको ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो, तो बताये गए उपायों का इस्तेमाल करे, लेकिन इससे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
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