टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम : लक्षण, कारण और उपचार

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (toxic shock syndrome) एक जीवाणु संक्रमण के कारण होने वाली एक दुर्लभ, लेकिन गंभीर बीमारी है। यह तब होता है जब जीवाणु स्टैफिलोकोकस ऑरियस रक्त प्रवाह में जाता है और विषाक्त पदार्थों का उत्पादन करता है। ये जहरीले शॉक सिंड्रोम मासिक धर्म वाली महिलाओं में आम है, जिन्हें सुपर-शोषक टैम्पन का उपयोग करने की आदत है। हालांकि, यह पुरुषों और बच्चों सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है।

 

टॉक्सिस शॉक सिंड्रोम के लक्षण (Toxic Shock Syndrome)

 

  • अचानक बहुत तेज बुखार (Fever)

 

  • रक्त प्रवाह में दबाव पैदा होना (Low bloodpressure)

 

 

  • दस्त लगना (Diarrhoea)

 

  • हथेलियों और तलवों पर लाल चकत्ते पड़ना या उनमें खुजली होना

 

  • बेचैनी (Restlessness)

 

  • मांसपेशियों में दर्द उठना (Muscle pain)

 

  • सिरदर्द (Headache)

 

  • जी मिचलाना (Nausea)

 

  • सांस की तकलीफ ( Breathing Difficulties)

 

टॉक्सिस शॉक सिंड्रोम के कारण (Toxic Shock Syndrome)

 

ये बैक्टेरिया आपके शरीर में तब प्रवेश करता है जब उस इंसान की त्वचा पर कट या घाव हुआ हो, इसी के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश करता है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है की महिलाएं जो मासिक धर्म चक्रों के दौरान टैम्पन का उपयोग करती हैं, वे कमजोर होती हैं। क्योंकि टैम्पन अक्सर बैक्टीरिया के लिए बढ़ते धब्बे होते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि लंबे समय तक जगह में छोड़ दिया गया एक टैम्पोन बैक्टीरिया को आकर्षित करता है। एक और संभावना है कि टैम्पोन फाइबर योनि को खरोंचते हैं, जिससे आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश करने के लिए ये बैक्टीरिया जगह बनाते है।

 

इसके मुख्य कारण 

 

  • मासिक धर्म ये महिलाओं में होने वाली आम समस्या है

 

  • कुछ महिलाए गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करती है उसकी वजह से भी ऐसा होता है

 

  • इसके पीछे सर्जरी भी एक वजह हो सकती है

 

  • त्वचा पर कटना और जलना या घाव

 

  • एक वायरल संक्रमण है

 

टॉक्सिस शॉक सिंड्रोम उपचार

 

टॉक्सिस शॉक सिंड्रोम के लक्षण होने पर आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि ऐसा होने पर उस इंसान को कई अन्य शारीरिक बीमारिया हो सकती है। इसके अतिरिक्त, आपका डॉक्टर स्टैफिलोकोकस (Staphylococcus) या स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के निशान के लिए आपके रक्त और पेशाब की जांच कर सकता है।

ऐसा होने पर आपके डॉक्टर आपके लीवर और किडनी की जाँच भी करते है, क्योंकि इसमें लिवर फेलियर और किडनी फेलियर का चांस भी  होता है। वे आपके गर्भाशय ग्रीवा, योनि और गले से कोशिकाओं के स्वैब भी ले सकते हैं। इसकी जाँच इसलिए की जाती है ताकि उन जीवाणुओं का पता जल्दी लगाया जा सके जो टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (toxic shock syndrome) का कारण बनते हैं।

 

रखें इन बातों का ध्यान 

 

  • चार से आठ घंटे के बाद अपना टैम्पोन बदलें

 

  • मासिक धर्म होने वाली महिलाओं में उस दौरान एक कम-शोषक तंपन या सैनिटरी नैपकिन पहने

 

  • प्रयोज्य सिलिकॉन मासिक धर्म कप का उपयोग करना और इसे बदलते समय अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें

 

  • हल्के-प्रवाह वाले दिनों में सैनिटरी नैपकिन जरूर पहने

 

  • किसी भी बैक्टीरिया को हटाने के लिए बार-बार हाथ जरूर धोए

 

  • घाव और शरीर पर मौजूद ज़ख़्म को साफ रखें और ड्रेसिंग को अक्सर बदलें

 

इन बातों का ध्यान जरूर रखें, ताकि आप कुछ हद तक इससे बचे रह सकते है। लेकिन आपको इसकी वजह से ज्यादा दिक्कत हो रही है, तो आप हमारे डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते है और अपनी परेशानी का समाधान कर सकते है, नहीं तो आपको इसके संक्रमण से कई अन्य बीमारी भी हो सकती है।

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