आर्टिकेरिया क्या है ?
आर्टिकेरिया एक बहुत ही आम बीमारी है, जो हर एक व्यक्ति को कभी न कभी होती ही है। इसमें त्वचा से एक रसायन हिस्टामाइन शुरू होता है, जो लगभग गोल गुलाबी, लाल चकत्ते का कारण बनता है जो त्वचा पर उभर आते हैं। उन्हें तेज खुजली, जलन और दर्द होता है। कभी-कभी त्वचा पर सूजन आ जाती है, यह बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों को होती है, और 2-4 दिनों में ठीक भी हो जाती है।
मेडिकल भाषा में शीतपित्त को अर्टिकेरिया (urticaria) या हाइव्स (hives) के नाम से जाना जाता है, यह बीमारी स्किन पर होने वाले चकत्तों का एक प्रकार है। यदि आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखते हैं तो इसके लिए आप हमारे डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं, डॉक्टर से संपर्क करने के लिए यहाँ क्लिक करें ।
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आर्टिकेरिया होने के कारण
अस्वस्थ आहार
बाजार में मिलने वाले बिस्कुट, अधिक मसाले, एसिड से बने सभी खाद्य पदार्थ, जिन्हें आज हर कोई फास्ट फूड के रूप में और चीनी भोजन के रूप में खाता है, ये सब शरीर के लिए हानिकारक हैं, और विभिन्न प्रकार की बीमारियों को उत्पन्न करता है।
दूषित वातावरण
कुछ लोगों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। जब ऐसी त्वचा दूषित वातावरण के संपर्क में आती है, तो उससे भी उन्हें इस रोग के होने का खतरा बना रहता है।
पेट में गड़बड़
आर्टिकेरिया के अनुसार आपके पाचन तंत्र का खराब होने, शरीर में गर्मी का बढना, कब्ज, अजीर्ण, गैस इत्यादि होने पर भी आपको इस रोग के होने की संभावना बनी रहती है।
आर्टिकेरिया होने के लक्षण
रोगी के शरीर में पित्त बढ़ने से हाथ, पैर, गर्दन, मुंह और पीठ पर लाल या गुलाबी चकत्ते दिखाई देते हैं। इन चकत्तों में सुई चुबने जैसा महसूस होना, सूजन और खुजली भी होती रहती है। कभी-कभी रोगी को बुखार भी हो जाता है। सर्दी-जुकाम से होने वाली बीमारियों का इलाज, अगर जल्दी न किया जाए, तो यह पूरे शरीर में फैल जाती है। इसलिए ये लक्षण दिखते ही डॉक्टर से जांच कराएं।
आर्टिकेरिया के इलाज के लिए घरेलू उपाय
फिटकरी
क्योंकि यह बीमारी आपके पूरे शरीर को शिकार बनाती है, आप नहाते समय भी इसका इलाज कर सकते हैं। तो आर्टिकेरिया के रोगी को पानी में थोड़ी पीसी हुई फिटकरी मिलानी चाहियें और उसके बाद ही स्नान करना चाहिए। यदि स्नान करते समय उनके शरीर पर बेल के पत्तों का रस लगाए, तो उन्हें तुरंत राहत मिलती है।
मेथी, हल्दी और काली मिर्च
आप एक कटोरी में 1 चम्मच हल्दी, 4 से 5 दाने काली मिर्च और कुछ मेथी दाना डालें। अब आप इन्हें अच्छे से पीस लें। और सुबह ½ चम्मच की मात्रा में दूध या शहद के साथ ले।
गिलोय और चंदन
आपको कुछ ½ चम्मच गिलोय सुबह और इतनी ही मात्रा में चंदन पाउडर में कुछ दिनों तक पीना चाहिए और इसे शहद के साथ लेना चाहिए। धीरे-धीरे देखें आपकी बीमारी ठीक हो जाएगी।
आर्टिकेरिया की बीमारी में इन चीजों से करे परहेज
रोगी व्यक्ति को रोजाना हल्के गर्म पानी से नहाना चाहिए, नहाने के पानी में नीम के पत्तों का रस डालना फायदेमंद होता है। अगर नीम के पत्ते नहीं हैं, तो फिटकरी को पानी में डालकर नहाएं।
- शीशम में सिरका मिलाकर लाल चकत्तों पर लगाने से एलर्जी कम हो जाती है।
- रोगी को पुराना चावल और मूंग की दाल हल्का भोजन दें और सलाद में प्याज अधिक फायदेमंद है।
- रोगी को खाने के लिए ताजा फल, केला, सेब और बेल मिर्च देना चाहिए, क्योंकि यह आर्टिकेरिया को संतुलित करता है।
- हल्दी, गिलोय, नीम, इन सभी का काढ़ा बनायें और इससे भी आर्टिकेरिया शांत होता है।
- लहसुन, अदरक, और मांस, मछली, मीट का सेवन करना हानिकारक होता हैं।
अगर आपको भी अर्टिकेरिया यानी की शीतपित्त के कोई भी लक्षण दिखाई दे, जैसे की – स्किन पर लाल चकत्ते होना, पुरे शरीर पर दाने होना , खुजली, जलन आदि की समस्या, तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।
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