बैन स्ट्रोक को रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं ? पहले ये जानना जरुरी है की आखिर ये होता क्या है। दरअसल जिनकी आयु अधिक होती है तो यह भी स्ट्रोक होने की संभावना को बढ़ाता है या आपके माता-पिता, या अन्य करीबी रिश्तेदार को स्ट्रोक हुआ हो तभी इसके लक्षण आप में भी दिख सकते है और ये एक ऐसा इतिहास है जिसे आप कभी बदल नहीं सकते।
ब्रेन स्ट्रोक क्या है? (What is Brain Stroke In Hindi)
स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जब इंसान के खून की नसों में खून जमने लगता है, जिसके कारण स्ट्रोक की स्थिति पैदा होती है। किसी भी इंसान को स्ट्रोक तब आता है जब उसके मस्तिष्क के हिस्से में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है। अधिकांश ऐसा तब होता है जब उसकी नसों में खून का थक्का बन जाता है, जिसकी वजह से रक्त का प्रवाह होना कम हो जाता है या बंद हो जाता है। इसे इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic strokes) कहा जाता है। ऐसा लगभग 10% मस्तिष्क में रक्तस्राव के कारण होता है। ये हेमोररजिक स्ट्रोक (hemorrhagic strokes) भी कहते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण (Symptoms of Brain Stroke in Hindi)
- अचानक आँखों के सामने अँधेरा छाना,
- उलटी या मतली आना,
- शरीर में अचानक कमजोरी महसूस होना,
- शरीर के एक तरफ चेहरा, हाथ या पैर की कमजोरी या सुन्नता,
- अचानक बात करने में कठिनाई या यह समझना में परेशानी होना,
- गर्दन के पीछे से लेकर सिर में दर्द होना,
- अचानक बेहोश हो जाना,
- चलते समय संतुलन बिगड़ना।
ब्रेन स्ट्रोक के कारण (Causes of Brain Stroke in Hindi)
- बहुत ज्यादा काम का तनाव लेना,
- हमेशा उदास रहना,
- गलत खान-पान,
- गलत जीवनशैली,
- उच्च रक्त चाप,
- धूम्रपान,
- ज्यादा वजन होना,
- शारीरिक श्रम में कमी।
विश्व स्वास्थ्य संघठन के अनुसार भारत में ब्रेन स्ट्रोक तीसरी सबसे ज्यादा लोगों के मरने का कारण बनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जून में जारी किए गए एक अध्ययन में ये कहा गया है कि भारत में हर साल स्ट्रोक की घटना 130 प्रति 100,000 लोगों के आसपास होती है। यह आगे कहता है कि लगभग 20 प्रतिशत हृदय रोगी भी इसमें शामिल हैं।
ब्रेन स्ट्रोक को रोकने के तरीके (prevent brain stroke in Hindi)
निम्न रक्त चाप
यदि आप इससे बचना चाहते है तो अपने रक्तचाप को नियंत्रण में रखें। क्योंकि ये इसके होने का सबसे बड़ा कारण होता है और ये आपके स्ट्रोक के जोखिम को दोगुना या चौगुना कर देता है। “उच्च रक्तचाप पुरुषों और महिलाओं दोनों में स्ट्रोक के जोखिम में सबसे बड़ा योगदान देता है। इसलिए सबसे जरुरी है की आप इसे अपने नियंत्रण में रखें।
वजन कम रखें
मोटापा, अपने साथ उच्च रक्तचाप और मधुमेह सहित, स्ट्रोक होने की संभावनाओं को और भी बढ़ाता है। यदि आपका वजन अधिक हैं, तो आप इस बात का भी ध्यान रखें की आपका वजन आपकी उम्र के अनुसार होना चाहिए। क्योंकि ये आपके स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ता है।
अपने शरीर का वजन सही और नियंत्रण में रखने के लिए आप डाईट्रिशियन की मदद लें सकते और अपने वजन को कंट्रोल में रख सकते है।
व्यायाम
शरीर को मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से बचने के लिए आप व्यायाम का सहारा लें। आपको बता दें की इससे स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है। यदि आप एक सप्ताह में 5 दिन भी 30 मिनट तक वयायाम करते है तो इससे आप मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से स्वस्थ रहते है। जो लोग रोजाना व्यायाम करते है उन्हें डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ता है।
पौष्टिक भोजन
सेहतमंद रहना चाहते है तो एक पौष्टिक भोजन बहुत जरुरी है। ये आपको स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है और ज़रूरत पड़ने पर वजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है। हर दिन ताजे फल और सब्जियों जैसे ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, और पालक इनका सेवन करना आपके शरीर के लिए अच्छा है कम प्रोटीन और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ को ही अपने खाने में चुनें। ज्यादा वसा वाला खाना आपकी धमनियों को रोक सकता हैं।
डायबिटीज नियंत्रण में रखें
शरीर में उच्च रक्त शर्करा होने पर इसे तुरंत नियंत्रण में लाने की कोशिश करें। क्योंकि ये आपके स्ट्रोक के खतरे को बढ़ता है और ये समय के साथ रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। जिससे शरीर के किसी भी अंग ने खून के थक्के बनने की संभावना पैदा हो सकती है। अपने रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखने के लिए अपना आहार, व्यायाम और दवाओं का उपयोग सही समय पर करें।
सबसे पहली चीज की ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण जल्दी पता नहीं चल पाते है, क्योंकि ऐसा होने पर कुछ समझ नहीं आता है। जिसके बाद उस व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर की सलाह की जरुरत होती है। इसके लिए आप हमारे डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते है। ताकि उसका सही तरीके से उपचार किया जा सके।
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