मधुमेह के जोखिम को कम कैसे करें – डॉ. अमित सचदेवा

आज के समय जिस बीमारी के कारण लोग सबसे ज्यादा परेशान है तो वो है मधुमेह। मधुमेह के जोखिम को कैसे कम करें इसके लिए आपको कुछ ऐसा करना होगा जो आपके लिए बेहद आसान है।

 

मधुमेह होने का सबसे बड़ा कारण है लोगों की अनियमित जीवनशैली और गलत खान-पान। यही आपके शरीर में कई बीमारियों का कारण बनती है। जिन्हें मधुमेह होता है उन्हें अपनी सारी ज़िन्दगी परहेज करना पड़ता है और डॉक्टर भी उन्हें यही सलाह देते है।

 

 

मधुमेह के जोखिम को कम कैसे करें 

 

 

अपने आहार में चीनी का सेवन कम करें 

 

शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ और कार्ब्स वाले खाने से बहुत जल्दी मधुमेह होने का खतरा रहता है और यही इंसान के शरीर में इसके विकास का काम करती है। इंसान का शरीर बहुत तेजी से इन खाद्य पदार्थों को छोटे शर्करा में तोड़ देता है और उन्हें रक्तप्रवाह में मिल देता हैं। यही आपके इंसुलिन का उत्पादन करने का काम करता है

 

 

 

वर्क आउट जरूर करें

 

यदि आप मधुमेह से बचना चाहते है, तो आपको नियमित रूप से शारीरिक श्रम जरूर करना चाहिए। ये मधुमेह को रोकने में मदद करता है।

दरअसल व्यायाम आपकी कोशिकाओं की इंसुलिन को नियंत्रित रखता है। इसलिए जब आप व्यायाम करते हैं, तो आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए कम इंसुलिन की आवश्यकता होती है। इससे आपको प्रीडायबिटीज होने का खतरा नहीं रहता।

 

 

 

ज्यादा मात्रा में पानी पिएं

 

पानी सबसे अच्छा प्राकृतिक पेय पदार्थ है इसे आप जरूर पीजिये। क्योंकि ये आपके शरीर से विषैले पदार्थ को बहार निकलने में मदद करते है। साथ ही ये आपको उन पेय पदार्थों से बचाने में मदद करता है जिनमें ज्यादा मात्रा में चीनी होती है।

सोडा और फ्रूट्स ज्यूस जैसे पेय पदार्थों को वयस्कों के टाइप 2 मधुमेह और अव्यक्त ऑटोइम्यून मधुमेह लटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज  (LADA) दोनों के जोखिम को बढ़ाता है।

LADA टाइप 1 मधुमेह का एक रूप है जो 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है। बचपन में टाइप 1 मधुमेह के साथ देखे जाने वाले तीव्र लक्षणों के विपरीत, LADA धीरे-धीरे विकसित होता है, जिसमें अधिक उपचार की आवश्यकता होती है।

 

 

 

अपना वजन कम रखें 

 

ऐसा नहीं है की मधुमेह का रोग मोटे ही लोगों को होता है ये दुबले और पतले लोगों को भी हो सकता है। ये ज्यादा मोटे व्यक्ति के लिए तब खतरनाक होता है जब वह अपने खाने की मात्रा को कम नहीं करते है और बहुत ज्यादा मात्रा में फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करते है। क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में वसा होती है जो इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ावा देता है, जो मधुमेह के खतरे को काफी बढ़ाता है।

 

 

 

धूम्रपान ना करें 

 

धूम्रपान की वजह से हृदय रोग, फेफड़े में संक्रमण, प्रोस्टेट और पाचन तंत्र सहित कई गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों को ख़राब करने का कारण बनती है। ये टाइप 2 डायबिटीज को इंसान के शरीर में बढ़ाता है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि कई पुरुषों ने धूम्रपान छोड़ा है उसके बाद भी उनका वजन बढ़ा है, लेकिन जिन्होंने धूम्रपान कई वर्षों के बाद किया है उनमें इसका खतरा कम था।

 

 

 

नियमित रूप से अपनी जाँच कराए 

 

जिन्हें मधुमेह होता है उन्हें अपनी नियमित रूप से जाँच कराते रहना चाहिए। ताकि शुगर लेवल बढ़ने पर और कम होने पर आप इसे ठीक कर सके। जिन्हें मधुमेह नहीं भी है उन्हें भी कुछ अंतराल पर मधुमेह की जाँच करानी चाहिए।

 

 

 

हाईफाइबर वाला खान खाएं  

 

फाइबर का भरपूर मात्रा में सेवन पेट की सेहत और आपके वजन को नियंत्रित रखता है और ये आपके लिए फायदेमंद भी होता है। एक अध्ययन से पता चला है की ये मोटापे से ग्रस्त, बुजुर्गों और शिकारियों के लिए बहुत अच्छा होता है और ये रक्त शर्करा और इंसुलिन के स्तर को कम रखने में मदद करता है।

 

फाइबर को दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: घुलनशील और अघुलनशील। घुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित करता है, जबकि अघुलनशील ऐसा नहीं करता है।

 

 

ऐसा करके आप मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते है और इससे आपका पूरा शरीर भी स्वस्थ रहेगा। बल्कि आप खुद को कई बीमारियों से भी बचा पाएंगे। जिन्हें मधुमेह होता है उन्हें कई और बीमारी होने का खतरा रहता है। जैसे हृदय संबंधी समस्या, किडनी से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती है।


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।