गर्मी में गर्म हवाओ के साथ आने वाली धूल अस्थमा रोगियों (Asthma Patient) की सासे मंद कर रही हैं, हालांकि अस्थमा रोगियों के बढ़ने की वजह वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी हैं, मौसम में बढ़ती गर्मी के साथ ही अस्थमा अपना असर दिखाना शुरू कर देता हैं, हवा के साथ धूल और प्रदूषण (Pollution) ने अस्थमा रोगियों के लिए दिक्कते खड़ी करनी शुरू कर दी हैं।
क्या हैं अस्थमा –
अस्थमा में श्वसन नलिकाएं प्रभावित होती हैं। ये नलिकाएं फेफड़ो से हवा अंदर बाहर करने का काम करती हैं। अस्थमा होने पर नलकियों में सूजन आ जाती हैं, इससे नलिकाएं संकरी व संवेदनशील हो जाती हैं और सांस लेने पर कम हवा फेफड़ो तक पहुंचती है। ऐसे में यदि धूल के कण नलिकाएं तक पहुंचते हैं, और उसके बाद बेचैनी महसूस होने लगती हैं, और दम घुटने लगता हैं, दौरा पड़ने पर नलिकाएं बंद हो जाती हैं, यह बीमारी एलेर्जी के कारण बढ़ जाती है। और व्यक्ति अस्थमा का शिकार मुख्य रूप से हवा के माध्यम से होता है। अस्थमा की बीमारी से इंसान को सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ होती हैं। यह अटैक कुछ समय से लेकर घंटों तक रह सकता है। अस्थमा के अटैक यदि लंबा हो तो व्यक्ति की जान तक चली जाती है।
सर्दी – गर्मी की समस्या-
सर्दी और गर्मी दोनों में व्यक्ति अस्थमा का शिकार हो सकता है इस मौसम में एयर कंडीशन या अन्य माध्यम से व्यक्ति गर्म से एकाएक ठंड या ठंड से एकाएक गर्म मे जाने से एलर्जी होती है।
धूल व प्रदुषण-
इस मौसम में धूल ज्यादा उड़ती हैं, इससे भी एलेर्जी होने के साथ साथ व्यक्ति अस्थमा का शिकार हो जाता हैं, इस बीमारी से बच्चे ज्यादा जल्दी शिकार होते हैं, बढ़ रहा प्रदूषण बच्चो को इसका शिकार बना रहा हैं, समय पर और नियमित उपचार व परहेज करने से इसके असर को नियंत्रित कर सकते हैं।
मौसम में बदलाव-
बरसात आते ही अस्थमा के मरीजों में 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा हो जाता है। डॉक्टर के अनुसार ऐसा मौसम बदलने के कारण होता हैं,दरअसल अस्थमा का कारण इन्फेक्शन भी होता हैं|
बाहर से आकर ठंडी चीजें खा लेना-
बाहर धुप से घर आने पे बच्चे ज़्यदातर ठंडा पानी पी लेते हैं, ठंडी चीजे जैसे आइसक्रीम, कोल्ड्रिंक व अन्य चीजें खा लेते हैं। गर्मी में ठंडी चीजे खाने की वजह से बच्चो को खासी, इन्फेक्शन ज्यादा हो रहा हैं, सामान्य बच्चों की अपेक्षा इन्फेक्शन होने पर अस्थमा पेशेंट को सांस लेने में काफी दिक्कते आती हैं, दिन में कई बार स्प्रे लेना पड़ता हैं, और बारिशो में अस्थमा ज्यादा बढ़ जाता हैं।
अस्थमा से कैसे करे बचाव-
बच्चों को गर्मी से बचाएं।
धूप से आने पर तुरंत ठंडी चीजें न दें।
इंफेक्शन (Infection) होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
अस्थमा की दवाएं हमेशा साथ लेकर चलें।
इमर्जेंसी दवाएं भी साथ रखें।
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