योग के द्वारा साइनस की समस्या को कैसे दूर करे

साइनस (Sinus) की समस्या से कई नयी चीज़ें तय होती हैं.आज कल लोगो को साइनस के जाम होने से तकलीफ जब ज्यादा होती हैं.जब वह लेटते और आराम करते हैं. लेकिन फिर भी बहुत चींजो से होने का कारण हो सकता हैं आप लोगो साइनस का रास्ता कितना साफ़ हैं. और आपके शरीर वे खासकर सीर और नाक इलाके के तरल पदार्थ कितनी अच्छी अवस्था में काम कर रहा हैं. इसकी वजह से कई नयी चीज़ें तय होती हैं. जैसे, आपके मस्तिष्क के काम , आपका खुस रहना , आपका भीतरी स्वास्थ्य, आपकी बुद्धि और पांचों ज्ञानेंद्रियों का पैनापन।

 

कपालभाती (Kapalbhati Pranayama) और जलनेति साइनस (Sinus) की समस्या से कैसे मदद कर सकते हैं.

 

आपके साइनस (Sinus) को संतुलित रखना और भीतरी होने वाले तरल के बहाव को निर्बाध रखना बहुत ज्यादा जरूरी है. अब सवाल यह हैं की हम इस स्थिति में केस पहुंच सकते हैं. अगर आप कपालभाति का काफी समय से उपयोग कर रहे हैं, तो आपके भीतरी संतुलन का स्थापित करने में मदद करती है, अगर आप इस दिशा में कुछ शुरुआती चीज़ें और चाहते हैं. तो आप अपने बलगम को कम करने के लिए जलनेति’ कर सकते हैं लेकिन यह अभ्यास पूरी कुशलता व सही तरीके से सिखाया जाना चाहिए।

 

हर तरल पदार्थ को सुखा देना ठीक नहीं है

 

क्यूंकि ज्यादा बलगम (Cough) जाम की स्थिति उत्पन कर देता हैं. तो इसका एक ही उपाय हैं की बलगम के स्तर को कम करने की कोशिश करी जाये,दूसरा, पता लगाना चाहिए की यह साइनस में कुछ जगह बार बार जाम हो रही हैं. इस समस्या में दवाई का ज्यादा उपयोग करने से वह तरल को सूखा देती हैं.अगर आप ‘एंटी हिस्टेमाइन (anti histemaina)’ दवा का इस्तेमाल करेंगे तो यह सिस्टम में बिना कोई भेद भाव करे हर तरल को सूखा देगी, लेकिन सरीर में इन तरल पदार्थों की जरूरत भी होती है।मानव शरीर और उसके पांचों इंद्रियों का कामकाज इस पर पूरी तरह से निर्भर होता है की शरीर में तरल पदार्थों की गतिविधि कैसी है।अगर एक सीमा के बाद आपके शरीर में एलेर्जी नहीं हैं फिर उसका सुखना आपके लिए कही से भी ठीक नहीं कहा जा सकता !

 

एलेर्जी (Allergy) से भी साइनस होने के चांस हैं

 

साइनस का जाम होना एलर्जी के चलते भी हो सकता है। अगर आपके घर में कोई भी एलेर्जी वाली चीज़ें हैं. तो आपको साइनस (Sinus) के होने के चांस हैं, तो सबसे पहले घर की साफ सफाई का हमेसा ध्यान रखे, और दूसरा तरीका हैं इस एलेर्जी से लड़ने के लिए अपने भीतर प्रतिरोधक को पैदा कीजिए। शरीर को प्रतिरोधी बनाने का एक तरीका है भोजन करने के बाद एक चम्मच दही और एक चम्मच शहद जरूर ले, और इसके १ या २ घंटे बाद तक पानी मत पिए, यह आपके शरीर में ‘ईसिनोफिल लेवेल’ को घटाएगा और आपके शरीर की एलेर्जी काफी कम हो जाएंगी, ऐसा तभी होगा दही एक खास गाय के दूद से तैयार किया जाएगा.

 

डेयरी पदार्थों (Dairy Products)के सेवन से हो सकता है साइनस

 

बड़े पैमाने पर तैयार होने वाले दही से नहीं हो सकता / हज़ारो गायो का दूद मिलाकर दही काम नहीं आएगी।दुनिया भर में आज भी लोग दूद पी रहे हैं. ‘जो फैक्ट्री फार्म्स’ में तैयार होता हैं, लेकिन उस स्थिति में दूध के सेवन के जो फायदे हैं, दरअसल जो ‘एनिमल प्रोडक्ट्स’ कई जानवरो की चीजों से इकठा करके बनाये जा रहे हैं उसके इस्तेमाल से फायदे कम और नुकसान काफी ज्यादा होते हैं, अगर आप पशुओं से प्राप्त किसी चीज का सेवन कर रहे हैं तो वह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा , यह हमेसा ध्यान रखे की वह पदार्थ एक ही पशु से लिया जाए। अगर आप बड़े पैमाने पर तैयार डेयरी पदार्थों का सेवन बंद कर दें। तो कुछ ही समय में आपकी सभी समस्या दूर हो सकती हैं.

 

सेहत के लिए शहद (Honey) और सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) हैं फायदेमंद

 

बलगम (Cough) जैसी परेशानी क लिए एक आसान सा काम तो आप तुरंत ही कर सकते हैं, सुबह उठने के बाद शहद को गरम पानी में मिलके रोज ले, इसके लिए आप डेयरी पदार्थों को छोड़कर शहद को गरम पानी क साथ ले जिससे आपका स्वस्थ अच्छा रहेगा। और एक खास अवधि तक कपालभाति सुबह उठते ही सबसे पहले सूर्य नमस्कार या सूर्य क्रिया करें। अगर आप अपने इन अभ्यास को हमेसा जारी रखेंगे अपने सिस्टम में पर्याप्त मात्रा में उष्ण व समतप्राण पैदा कर लिया है तो आपकी बलगम की शारी समस्या ख़तम हो जाएंगी लेकिन दवाई क द्वारा बलगम को सुखना कही से भी सही नहीं हैं.

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।