आत्‍महत्‍या करने वाले सोचते हैं ये 2 खतरनाक बाते

यूएस में मौत की एक बड़ी वजह सुसाइड (Suicide) यानी आत्महत्या है। सीडीसी के मुताबिक सन 2016 में करीब 45000 अमीरिकियों ने सुसाइड करके अपनी जान गंवाई थी। ऐसा नहीं है कि सुसाइड की चाहत को खत्म नहीं किया जा सकता। लेकिन इसके पहले इसके साइन्स (Sinus) और लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। तभी हम किसी व्यक्ति को सुसाइड करने से रोक सकते हैं। इसके साथ ही अगर कोई खुद में इस तरह के लक्षण देखे, तो वह खुद सुसाइड की मंशा को झटक सकता है। वैसे भी सुसाइड कोई भी व्यक्ति इसलिए नहीं करता है कि उसे अपनी जिंदगी का खात्मा करना है। इसके उलट उसे अपनी परेशानियों को खत्म करना है, इसलिए वह आत्महत्या जैसे खतरनाक काम करने के लिए भी तैयार हो जाता है।

 

बार-बार सोचना-

 

ऐसे लोग जो सुसाइड (Suicide) करना चाहते हैं, वे बहुत सहजता से अपने दोस्तों या परिचितों से मरने के विषय में बातचीत करते हैं। कई बार तो वह अपने मौत को वे कीमती चीज की तरह दोस्तों या जानने वालों के सामने पेश करते हैं। ऐसे लोग मरने की तरह-तरह की तरकीबें तलाशते हैं। कई बार तो ऐसे लोग बाजार से बंदूक, चाकू और दवाई तक सुसाइड के लिए खरीद लेते हैं।

 

प्लानिंग बनाना-

 

ऐसे लोग जो मरने की सोचते हैं, वे कई तरह की प्लानिंग (Planning) को अंजाम देने लगते हैं। जैसे वे अपनी वसियत को रि-राइट कराते हैं, दोस्तों-यारो को गुडबाय मैसेज छोड़ने लगते हैं, मुलाकातों में कहते हैं कि यह उनकी आखिरी मुलाकात है। इतना ही नहीं ऐसे लोग अपनी मौत को पूरी तरह प्लान कर लेते हैं। पिछले दिनों कई ऐसे विडियोज वायरल हुए हैं जिसमें लोगों ने आत्महत्या की विडियो बनाई है। इस तरह के खौफनाक प्लानिंग भी इन दिनों सुसाइड से पहले होते हैं।

 

अकेले रहते हैं-

 

जिनमें आत्महत्या  करने की टेंडेंसी (Tendency) बढ़ने लगती है, वे अकेले रहना पसंद करने लगते हैं। अपने नजदीकी दोस्त और परिचितों से मिलना कम देते हैं। वे अकेले रहने को इंज्वाय करने लगते हैं। इतना ही नहीं सोशल इवेंट्स, फ्रेंड्स गेट-टूगेदर को भी सुसाइड (Suicide) की टेंडेंसी वाले लोग नजरंदाज करने लगते हैं। इन लोगों का अपनी पसंद-नापसंद के प्रति भी इच्छा कम हो जाती है, अपनी रुचियों से भी ऊब महसूस करने लगते हैं।

 

बोझ महसूसना-

 

ऐसे लोग जिनमें सुसाइड की टेंडेंसी होती है, ऐसे लोग खुद को बोझ समझने लगते हैं। ऐसे लोग दूसरों के सामने तो यही कहते हैं कि उनका होना-ना होना किसी के लिए मायने नहीं रखता। अगर कोई उनकी कद्र या फिक्र भी करता है, तो इन लोगों को लगता है कि वह उन पर तरस खा रहा है। ऐसे लोग खुद ही अपनी कल्पना में खुद को बोझ मान लेते हैं।

 

मूड स्विंग-

 

ऐसे लोगों का मूड भी बहुत तेजी से स्विंग होता है। एक पल में गुस्सैल हो जाते हैं, तो दूजे पल में निराशा की गर्त में खो जाते हैं। कभी डिप्रेस्ट (Depression)  महसूस करते हैं, तो कभी खुद को असहाय फील करते हैं। इस तरह की सोच के लोगों को नींद भी बहुत ज्यादा आती है। लेकिन इनकी सबसे भयावह बात यह है कि अगर एक बार इन्होंने सोच लिया है कि ये आत्महत्या करेंगे, तो बहुत जल्द खुद को शांत भी कर लेते हैं।

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