जानें क्या है मैग्नेट थैरेपी, चुंबक से करें कमर दर्द और ब्लड प्रेशर का इलाज

शरीर में कोई रोग होने पर हममें से ज्यादातर लोग एलोपैथी (Allopathy) की तरफ भागते हैं जबकि एलोपैथी के अलावा भी ऐसे कई चिकित्सा पद्धतियां मौजूद हैं, जिनसे पुराने और असाध्य रोगों को ठीक किया जा सकता है। ऐसी ही एक चिकित्सा पद्धति है चुंबकीय पद्धति यानि मैग्नेटिक थैरेपी (Magnetic therapy)। इस चिकित्सा पद्धति द्वारा आजकल विदेशों में कई बड़े रोगों को आसानी से ठीक किया जा रहा है। अगर आपको कमर दर्द या ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) की शिकायत है, तो मैग्नेट थैरेपी द्वारा इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। इस विधि से इलाज करने पर आपको किसी भी तरह की दवा लेने की जरूरत नहीं है। केवल चुंबक (Magnet) की शक्ति से ही आपका रोग ठीक हो जाता है।आइये आपको बताते हैं क्या है मैग्नेट थैरेपी और कैसे कर सकते हैं आप इसके द्वारा अपना इलाज।

चुंबक कैसे करता है इलाज-

 

दरअसल चुंबक में एक तरह की शक्ति होती है जिसे चुंबकीय शक्ति कहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारा जीवन और हमारी पृथ्वी का जीवन सबकुछ इसी चुंबकीय शक्ति से संचालित होता है। हमारे खून में आयरन (Iron) यानि लोहा पाया जाता है, जो चुंबक के द्वारा आकर्षित होता है। इसलिए चुंबक के द्वारा रोगों का इलाज संभव है। अगर हम चुंबकीय चिकित्सा पद्धति के आधार पर आपके शरीर को बांटें तो,

 

  • खड़े होने पर आपके सिर का हिस्सा उत्तरी ध्रुव होगा और पैर का हिस्सा दक्षिणी ध्रुव
  • लेटने पर शरीर का दाहिना हिस्सा उत्तरी ध्रुव (North Pole)होगा और बायां हिस्सा दक्षिणी ध्रुव
  • जबकि बैठने पर आपके आगे का हिस्सा उत्तरी ध्रुव होगा और पीछे का हिस्सा दक्षिणी ध्रुव

 

प्रकृति में जबरदस्त चुंबकीय शक्ति होती है और इसका प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है। इसीलिए पहले के जमाने में खाने-पीने, उठने-बैठने और सोने के लिए अलग-अलग दिशाओं का निर्धारण किया गया था। आज जब हम इस चिकित्सा पद्धति को भूल गए हैं, तब पश्चिम में मैग्नेट थैरेपी (Magnetic therapy) के द्वारा कई बड़े रोगों का इलाज किया जा रहा है।

चुंबकीय पद्धति से कमर दर्द का इलाज-

 

अगर आपके कमर के ऊपरी या निचले हिस्से में दर्द है तो चुंबक द्वारा इसका इलाज कर सकते हैं। ऊपरी भाग में दर्द होने पर आप चुंबक का उत्तरी ध्रुव लगाएं और कमर के निचले हिस्से में दर्द होने पर आप चुंबक का दक्षिणी ध्रुव (South Pole) लगाएं। अगर दर्द कमर के अलग-अलग हिस्से में हो रहा है तो दाहिनी तरफ के दर्द के लिए उत्तरी ध्रुव लगाएं और बाईं तरफ के दर्द के लिए दक्षिणी ध्रुव लगाएं।

चुंबकीय पद्धति से हाई ब्लड प्रेशर का इलाज-

 

हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या को भी आप चुंबकीय विधि से आसानी से ठीक कर सकते हैं। इसके लिए हाई पावर वाले चुंबक को 5-6 मिनट तक अपनी हथेलियों पर रखना चाहिए। अगर हाई पावर चुंबक उपलब्ध नहीं है तो मीडियम पावर के चुंबक को 10 मिनट तक दोनों हाथों पर रख सकते हैं। इसके अलावा अगर परेशानी बहुत ज्यादा है तो चुंबक का बाजूबंद बनाकर उसे रोज 1 घंटे के लिए पहनें। हाई ब्लड प्रेशर के लिए उत्तरी ध्रुव का प्रयोग ज्यादा ठीक रहता है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।

चुंबकीय पद्धति से लो ब्लड प्रेशर का इलाज-

 

अगर आप लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure) की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसका इलाज भी चुंबक के द्वारा कर सकते हैं। इसके लिए अपनी दोनों हथेलियों (Palms) पर उनकी दिशा के अनुसार हाई पावर के चुंबकों को 15-20 मिनट तक रखें या बाजूबंद बनाकर 1 घंटे के लिए बांधें। लो ब्लड प्रेशर के लिए दक्षिणी ध्रुव का प्रयोग ज्यादा ठीक रहता है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।

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