चेस्ट में संक्रमण यानि इन्फेक्शन खतरनाक होता हैं यह इन्फेक्शन होने से फेफड़ो पर भी असर पड़ता हैं। चेस्ट इन्फेक्शन होने का मुख्य कारण बैक्टीरिया, वायरस और फंगी हो सकता हैं। चेस्ट इन्फेक्शन में सबसे ज्यादा दिक्कत सांस लेने में होती हैं तथा अधिक खासी और गले में दर्द भी होता हैं। यह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी हो जाता हैं।
चेस्ट इन्फेक्शन एक प्रकार का सांस से संबंधित संक्रमण है जिसका प्रभाव श्वसन मार्ग के निचले हिस्से पर पड़ता है।श्वसन मार्ग के निचले हिस्से में श्वास नली, ब्रोंकाई और फेफड़े आते हैं। दो मुख्य प्रकार के चेस्ट इंफेक्शन होते हैं जिनमें निमोनिया और ब्रोंकाइटिस शामिल हैं। हल्के से लेकर गंभीर चेस्ट इंफेक्शन हो सकता है।
चेस्ट इन्फेक्शन के लक्षण क्या होते हैं ?
छाती में इन्फेक्शन का मुख्य कारण खासी होता हैं इस दौरान शरीर में अधिक कमजोरी महसूस होती हैं और साथ ही इनसे अलग नहीं कुछ लक्षण नज़र आ सकते हैं जैसे की –
- उलझन
- हृदय की धड़कने तेज होना
- घरघराहट होना
- मतली और उलटी होना
- सांस लेने में कठिनाई होना और सास तेजी से लेना
- छाती में दर्द व तकलीफ
- मांसपेशियों में दर्द
- बलगम का बढ़ना
- जुकाम
- चेस्ट में दर्द
चेस्ट इन्फेक्शन के कारण क्या हैं ?
बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन के कारण चेस्ट इन्फेक्शन हो सकता हैं। चेस्ट इंफेक्शन से ग्रस्त व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकली संक्रमित बूंदों के संपर्क में आने पर आप भी इस संक्रमण से ग्रस्त हो सकते हैं। इसके अलावा वायरस या बैक्टीरिया से संक्रमण जगहों पर जाने के बाद मुंह या चेहरे को छूने पर संक्रमण फैल सकता है। बुजुर्ग व्यक्ति, गर्भवती महिला, शिशु या बच्चों, सिगरेट पीने वालों या किसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति से ग्रस्त व्यक्ति जैसे कि क्रोनिक ओब्स्ट्रक्टिव पल्ममोनरी डिस्ऑर्डर, अस्थमा या डायबिटीज के मरीजों में चेस्ट इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है।
चेस्ट इन्फेक्शन में क्या-क्या खाना चाहिए ?
चेस्ट इन्फेक्शन के इलाज के समय डॉक्टर कुछ दवाइयों का सेवन करने के लिए कहते हैं जिनके लिए इम्युनिटी का स्ट्रांग होना आवश्यक होता हैं तो उसके लिए जिस प्रकार के पदार्थो का सेवन करना चाहिए जैसे की –
- टमाटर का सूप: सूप गले को शांत करने और छाती में जमाव को दूर करने में मददगार हो सकता हैं टमाटर में लाइकोपीन नामक एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती हैं। लाइकोपीन गले में हुई सूजन को कम कर सकता हैं तथा यह मनुष्य के फेफड़ो को भी स्वस्थ बनाता हैं इसलिए चेस्ट इन्फेक्शन के समय एक कटोरी गर्म टमाटर सूप का सेवन करे ताकि वह गले को शांत रखे और वायु मार्ग को भी साफ रखने में मदद करें।
- हल्दी वाला दूध: हल्दी वाला दूध कई बीमारियों के लिए लाभदायक होता हैं हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो की छाती के संक्रमण के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी वाला दूध फेफड़ो के लिए भी अधिक अच्छा होता हैं।
- दाल का सूप: अगर आप चेस्ट इन्फेक्शन से पीड़ित हैं तो प्रोटीन का सेवन जरूर करना चाहिए छाती में इन्फेक्शन शरीर की एनर्जी लेवल को बहुत कम कर देता हैं। दाल में कई अन्य पोषक तत्व होते हैं जो की फेफड़ो के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
- कॉफी: कॉफी और अन्य कैफीनयुक्त पेय हमारे एनर्जी लेवल को तुरंत बढ़ा देते हैं। एक गर्म कप कॉफी भी आपके गले को आराम प्रदान कर सकती है. कॉफी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो आपको अन्य बैक्टीरिया और वायरस जैसे बाहरी रेडिकल्स से बचाने में मदद करती है। कॉफी ने फेफड़ों के कामकाज के मामले में अस्थमा और फेफड़ों से संबंधित अन्य बीमारियों में भी सुधार दिखाया है।
- ग्रीन टी: अन्य कैफीनयुक्त पेय की तरह ग्रीन टी एनर्जी लेवल को बढ़ाने में मदद करती है. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो चेस्ट इंफेक्शन से पीड़ित होने पर आपके लक्षणों की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकते हैं। आपके लक्षणों को कम करने पर इसके प्रभाव को और बढ़ाने के लिए शहद के साथ इसका सेवन भी किया जा सकता हैं।
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