घुटने की रिप्लेसमेंट के बाद मनुष्य की घुटने की समस्या खत्म हो जाती हैं परन्तु इस सर्जरी के बाद रिकवर होने में अधिक समय लग जाता हैं तथा रिकवरी के समय मरीज को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता हैं परन्तु वह घुटने की रिप्लेसमेंट के बाद सामान्य ज़िन्दगी व्यतीत कर सकता हैं। घुटने रिप्लेसमेंट करवाने से पहले मरीज को डॉक्टर से सभी चीज़ो के बारे में जान लेना चाहिए ताकि किसी प्रकार की समस्या न हो।
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी क्या है?
घुटने की रिप्लेसमेंट एक चिकित्सा प्रक्रिया होती हैं जिसमें घुटने के जोड़ो में होने वाली समस्या या फिर कोई ऐसा घाव जिसकी वजह से घुटना काम करना बंद कर दे तो उसके लिए डॉक्टर नी रिप्लेसमेंट का विकल्प चुनते हैं। घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी में आमतौर पर एक से दो घंटे का समय लगता है इस सर्जरी में घुटने के क्षतिग्रस्त हड्डियों को हटा दिया जाता हैं। इस प्रक्रिया में आर्थोपेडिक सर्जन से सलाह लेना जरुरी होता हैं।
नी रिप्लेसमेंट क्यों करी जाती हैं ?
घुटने की रिप्लेसमेंट करने के कई कारण होते हैं –
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों में दर्दनाक सूजन पैदा करने वाली स्थिति)अन्य स्थितियां, जैसे रूमेटोइड गठिया।
- घुटने की चोट जो गठिया को जन्म देती है।
- फ्रैक्चर, लिगामेंट फटना, कार्टिलेज में फटना जिसके परिणामस्वरूप घुटने को गंभीर नुकसान होता है।
- गंभीर और पुराना घुटने का दर्द।
- घुटनों में सूजन जिसे दवा से कम नहीं किया जा सकता है।
- जोड़ो का अकड़ जाना।
- कम गति सीमा
- लंगड़ाने के लिए
- संयुक्त विकृति।
- जोड़ में कोमलता।
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी से पहले किन बातों का ध्यान रखे ?
घुटने रिप्लेसमेंट सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज की अच्छे से जाँच करते हैं जैसे की-
- शारीरिक परीक्षण: रोगी की जांच लेटी हुई स्थिति में की जाती है। डॉक्टर तब जोड़ों की सूजन, जोड़ों की विकृति और मांसपेशियों की क्षति के लक्षणों की तलाश करते हैं। डॉक्टर तब जोड़ की गर्मी, सूजन, तरल पदार्थ और कोमलता की जांच करने के लिए जोड़ को महसूस करते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर जोड़ की किसी भी कठोरता की जांच के लिए घुटने को आगे-पीछे घुमाकर जोड़ की गति की सीमा की जांच करते हैं।
- रक्त परीक्षण: सूजन के स्तर या एंटीबॉडी की उपस्थिति की जांच के लिए विशेष रक्त परीक्षण किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, रक्त में रूमेटोइड कारक (आरएफ) की उपस्थिति ऑटोइम्यून बीमारी, विशेष रूप से रूमेटोइड गठिया की उपस्थिति का संकेत दे सकती है। सीबीसी, ब्लड ग्लूकोज, किडनी फंक्शन टेस्ट, लीवर फंक्शन टेस्ट जैसे सामान्य रक्त परीक्षण पहले से किए जाते हैं।
- संयुक्त आकांक्षा: इस प्रक्रिया में एक सुई का उपयोग करके घुटने के जोड़ से तरल पदार्थ का एक छोटा सा नमूना एकत्र किया जाता है और आगे की जांच के लिए भेजा जाता है। यह जरूरत पड़ने पर ही चुनिंदा मरीजों में किया जाता है।
- इमेजिंग परीक्षण: सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले इमेजिंग परीक्षण एक्स-रे हैं क्योंकि वे संरचनात्मक परिवर्तन, जोड़ों के पहनने के संकेत, उपास्थि की हानि या ऊतक के फटने, सूजन, मौजूद तरल पदार्थ की मात्रा आदि को देखने में मदद करते हैं। कभी-कभी एमआरआई या सीटी स्कैन की योजना बनाई जाती है।
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की प्रक्रिया कैसे होती हैं ?
नी रिप्लेसमेंट के दौरान सबसे पहले मरीज को स्पाइनल एनेस्थीसिया दिया जाता हैं जिससे की मरीज के नीचे का हिस्सा सुन्न हो जाए और मरीज को दर्द महसूस न हो। सर्जरी के बाद किसी भी संक्रमण से बचने के लिए मरीज को सर्जरी से पहले, उसके दौरान और बाद में एंटीबायोटिक दिया जाता हैं उसके बाद सर्जन लगभग 6-12 इंच का चीरा लगता है और क्षतिग्रस्त घुटने के हिस्सों तक पहुंचने के लिए सर्जन घुटने की टोपी को अलग कर देता है और क्षतिग्रस्त हिस्से को हटा देता हैं और घुटने को मोड़कर और घुमाकर कठिन जोड़ को जोड़ा जाता है तथा उसके बाद चीरा बंद कर दिया जाता हैं।
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए अच्छे अस्पताल।
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल –
- नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , गुरुग्राम
- मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम
- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड, गुरुग्राम
- पारस अस्पताल , गुरुग्राम
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल –
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , साकेत, दिल्ली
- फोर्टिस हार्ट अस्पताल, ओखला, दिल्ली
- बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, सरिता विहार, दिल्ली
नी रेप्लसेमनेट सर्जरी के लिए ग्रेटर नॉएडा के अच्छे अस्पताल –
- शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
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नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद ध्यान किस प्रकार रखे ?
नी रिप्लेसमेंट के बाद मरीज को अपना ध्यान अवश्य करना चाहिए डॉक्टर द्वारा बताई गयी सलाह का पालन अवश्य करना चाहिए तथा कुछ इस प्रकार की चीज़े भी ध्यान में रखनी चाहिए जैसे की –
- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद अगर आप जल्दी रिकवर होना चाहते हैं, तो ऐसा कोई काम न करें, जिससे घुटनों पर दबाव पड़ता है। कहीं जबरन घुटनों को टेकने की कोशिश न करें। इसके अलावा, ऐसे काम भी न करें, जो आपको असहज करते हों। सर्जरी के तुरंत बाद लंबे समय के लिए वॉक या रनिंग करना भी मरीज के लिए सही नहीं है।
- घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद फिजिकल थेरेपी करवाना बहुत जरूरी है। सर्जरी के बाद डॉक्टर, जो एक्सरसाइज करने के लिए कहते हैं, आप उन्हें नियमित रूप से करें। ध्यान रखें कि नी रिप्लेसमेंट के बाद आपको एक्सरसाइज को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना है। अगर आप व्यक्तिगत रूप से किसी फिजिकल ट्रेनर को हायर करना चाहते हैं, तो इसके पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- नी-रिप्लेसमेंट (घुटना प्रत्यारोपण) सर्जरी के बाद अक्सर लोगों में ये भ्रम बना रहता है कि वे आलती-पालती मारकर बैठ पाएंगे या नहीं या पैरों को मोड़ नहीं पाएंगे। जबकि यह समस्या जॉइंट्स (जोड़ों) पर नहीं, बल्कि सर्जरी से पहले घुटना मोड़ते वक्त कितनी रेंज आ रही है और घुटना कितना मुड़ पा रहा है, इस बात पर ज्यादा निर्भर करती है।
- सर्जरी के बाद कई दिनों तक आपका तापमान थोड़ा बढ़ा हुआ रह सकता है। हालाँकि, यदि बुखार ठंड लगने, पसीना आने, चीरे पर दर्द बढ़ने के साथ 101°F से ऊपर बना रहे तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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