पल्मोनरी हाइपरटेंशन (फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप) एक प्रकार का उच्च रक्तचाप है, जो फेफड़ों और हृदय में धमनियों को प्रभावित करता है।
आज कल की जिन्दगी में घर हो या बाहर, परेशानी, चिंता और गुस्सा हमारे दिल , दिमाग और शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करता है। जब किसी कारणवश ब्लड प्रेशर कम या ज़्यादा होता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर कहते हैं। आज लोगों में हाईपरटेंशन एक बहुत ही आम समस्या है। यह बिना किसी चेतावनी के होती है इसलिए इसे ” साइलेंट किलर ” कहा जाता है ।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन फेफड़ों में धमनियों और हृदय के दाईं ओर को प्रभावित करता है। इसके लक्षण – सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और सीने में दबाव, ये सब इसके प्रमुख लक्षण हैं। अगर सही समय पर इसका इलाज़ नहीं कराया गया तो , समय के साथ इसकी हालत बिगड़ जाती है और इस वजह से कई सारी परेशानियों को झेलना पड़ सकता है। लेकिन दवा और ऑक्सीजन थेरेपी लक्षणों को कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन के लक्षण
- सांस लेने में तकलीफ
- छाती में दर्द
- भूख न लगना
- खाने में रूचि न होना
- पाचन क्रिया सन्तुलित न होना
- व्यायाम करने में तकलीफ
- थकावट
- भ्रम
- बेहोशी
- टांगों व एड़ियों में सूजन
- हृदय गति तेज होना
- पेट के ऊपरी दाएं भाग में दर्द
इसके आम लक्षणों में खांसी और व्यायाम के बाद जी मचलना और उल्टी शामिल है । कुछ रोगियों में रक्त की खाँसी भी हो सकती है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन के प्रकार और कारण
फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण हृदय रोग होता है । लेकिन यह मुख्य दो प्रकार का है – प्राथमिक और माध्यमिक
- प्राथमिक पल्मोनरी हाइपरटेंशन या इडियोपैथिक पल्मोनरी हाइपरटेंशन (आईपीएच) – प्राथमिक फुफ्फुसीय हाइपरटेंशन वाले कुछ लोगों में एक जीन हो सकता है, जो फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप के विकास के लिए जोखिम कारक है। लेकिन ज्यादातर लोगों में, कोई मान्यता प्राप्त कारण नहीं है।
- माध्यमिक फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप – माध्यमिक फुफ्फुसीय हाइपरटेंशन एक अन्य कारणों के कारण होता है। जैसे कि –
- कोंजेस्टिव हार्ट फेलियर
- फेफड़ों में रक्त के क्लॉट्स
- लिवर रोग (जैसे जिगर की सिरोसिस)
- एचआईवी
- अवैध दवा उपयोग (जैसे कोकीन या मेथेम्फेटामाइन)
- फेफड़ों की बीमारियां जैसे – एम्फिसीमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, या पल्मोनरी फाइब्रोसिस
- स्लीप एप्निया – स्लीप एप्निया एक सामान्य विकार है जिसमें नींद के दौरान श्वास में एक या कई रुकावट होते हैं। यह ऐसी स्थिति है, जो आपकी नींद में बाधा डालती है।
इसके इलावा कुछ रोज़ाना का मानसिक तनाव भी हाइपरटेंशन को जन्म देता है । लोगों में चिंता और डर से हृदय गति बढ़ जाती है, जिससे कि आगे जाकर ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। बिना बात का परेशान होना, जरूरत से ज्यादा काम , ये सब तनाव भी हाइपरटेंशन के जन्मदाता है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन (फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप) का इलाज़
- रक्त परीक्षण
- छाती एक्स-रे
- डोप्लर इकोकार्डियोग्राम
- ट्रांससोफेजियल इकोकार्डियोग्राम
- दाहिने दिल कैथीटेराइजेशन
- स्कैन
- सीटी स्कैन
- एमआरआई या खुली फेफड़ों की बायोप्सी
- पल्मोनरी टेस्ट, परफ्यूजन फेफड़ों के माध्यम से किया जाता है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन से बचने के घरेलू उपाय
- नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए हाई बी पी वालों को नमक का प्रयोग कम कर देना चाहिए। इसका ज्यादा सेवन ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है।
- लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देता है। और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।
- एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
- तरबूज के बीज की गिरी तथा खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। इसका रोजाना सुबह एक चम्मच सेवन करें।
- पांच तुलसी के पत्ते या दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। 15 दिन में लाभ नजर आने लगेगा।
- हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभ करता है, इसे प्रतिदिन खाली पेट चबा-चबाकर खाएं।
- बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर में पीते रहें।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन में हार्ट, किडनी व शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इसके अलावा हाई बीपी के कारण आंखों पर भी असर पड़ता है। इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से ले । उच्च रक्तचाप हमारी सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है। लेकिन, रक्तचाप अगर सामान्य से कम हो, तो वह भी सेहत के लिए कम खतरनाक नहीं होता। इसलिए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
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