गर्भावस्था के दौरान योनि में दर्द के कारण और उपचार

जब एक महिला गर्भवती होती है, तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। गर्भाशय में पल रहे भ्रूण को संभालने के लिए कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसकी वजह से गर्भवती महिला के आंतरिक अंगों (internal organs) में उथल-पुथल शुरू होने लगती है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला आमतौर पर अपने शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द का अनुभव करती है, जिसमें उसकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द (lower back), पेट (abdomen) में दर्द और स्तन में भी दर्द शामिल होते हैं।

 

इसके अलावा कुछ गर्भवती महिलाओं को योनि में दर्द महसूस हो सकता है, जो की दर्द दूसरी तिमाही में शुरू होने लगता है या कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान ही शुरू हो जाता है।

 

Enquire Now

 

गर्भावस्था के दौरान योनि में दर्द के कारण

 

 

गर्भावस्था के दौरान योनि में दर्द होने के कई कारण हो सकते है। कुछ गर्भवती महिलाओं को तेज योनि दर्द जबकि कुछ को हल्के दर्द का अनुभव होता है।

 

आइये जानते हैं कि किन कारणों से गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की योनि में दर्द होता है।

 

  • गर्भाशय के बढ़ जाने की वजह से योनि में दर्द होता है

 

  • हार्मोन में परिवर्तन की वजह से भी दर्द की समस्या हो सकती है

 

  • भ्रूण का विकास (fetal development)

 

  • संक्रमण

 

  • गर्भाशय ग्रीवा का फैलाव (Cervical dilatation)

 

 

  • हल्का रक्तस्राव (minor bleeding) या स्पॉटिंग और चक्कर आना

 

  • योनि में रक्त का प्रवाह बढ़ जाना (increased vaginal bleeding)

 

Enquire Now

 

गर्भावस्था में योनि दर्द के उपचार

 

 

बांयी करवट सोएं

 

गर्भावस्था के दौरान अगर आपकी योनि में दर्द हो, तो हमेशा अपनी बांयी तरफ (left side) सोएं। प्रेगनेंसी में बांयी तरफ सोने से रक्त परिसंचरण (blood circulation) बेहतर होता है और योनि पर कम दबाव पड़ता है जिसके कारण योनि में दर्द नहीं होता है।

 

 

योनि दर्द से राहत के लिए पैरों पर बैठें

 

  • गर्भावस्था के दौरान योनि के दर्द से राहत पाने के लिए हमेशा अपने पैरों या एड़ियों पर ही बैठें। इस मुद्रा में बैठने से योनि पर बहुत कम दबाव पड़ता है जिसके कारण योनि का दर्द समाप्त हो जाता है।

 

 

गर्म पानी से स्नान करें

 

गुनगुना गर्म पानी में स्नान करने से योनि का दर्द ठीक हो जाता है।

 

 

पेल्विक मसाज करें

 

  • डॉक्टर आमतौर पर गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं की योनि में होने वाले दर्द को कम करने के लिए श्रोणि की मसाज (pelvic massage) करने की सलाह देते हैं।

 

  • हल्के हाथों से अच्छी तरह से मालिश करने के बाद योनि में कम खिंचाव उत्पन्न होता है और दबाव भी कम पड़ता है जिसके कारण योनि का दर्द ठीक हो जाता है।

 

 

एक्सरसाइज करें

 

योनि में दर्द से बचने के लिए एक्सरसाइज करे, जैसे की – तैराकी और योगा। यह गर्भवती महिला के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation) को बेहतर बनाता है और शरीर की मांसपेशियों को भी मजबूत रखता है। जिसके कारण योनि में दर्द का अनुभव नहीं होता है।

 

 

सपोर्ट बेल्ट पहनें

 

  • गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को कभी-कभी अचानक ही योनि में बहुत तेज दर्द होने लगता है। इस स्थिति में सपोर्ट बेल्ट (Support belt) पहनना या फिर हीट पैक (heat packs) से सिंकाई करे, ऐसा करना बहुत ही फायदेमंद हो सकता है।

 

  • सपोर्ट बेल्ट और हीट पैक वास्तव में स्नायुबंधन (ligaments) को खींचने में मदद करता है जिसके कारण योनि के दर्द से राहत मिलती है।

 

 

अगर गर्भावस्था के दौरान आपको भी योनि में दर्द की समस्या रहती है, तो इसे नजरअंदाज न करे, नहीं तो इससे आपको और आपके होने वाले बच्चे को भी नुकसान हो सकता है, इसलिए दर्द होते ही डॉक्टर से सम्पर्क करे।

 

इससे सम्बंधित किसी भी समस्या का इलाज कराना चाहते हैं, या कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर (play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकते हैं। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमे connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।