इंटरनेशनल योग डे (International Yoga Day), 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषणा की कि हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योग डे (विश्व योग दिवस) के रूप में मनाया जाएगा। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पुरे विश्व भर में इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। योग दिवस पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था। भारत में योग दिवस का आयोजन आयुष मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
इंटरनेशनल योग डे थीम (Themes of International Yoga Day 2019)
हर साल योग दिवस को एक नए विषय के साथ मनाया जाता है और योग की शक्ति को आगे बढ़ाता है। जून 2019 की थीम “योग फॉर हार्ट” (“Yoga for Heart”) है।
इंटरनेशनल योग डे हर साल 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है?
- इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पुरे विश्व के लोगों को योग से जोड़ना है। इस वैश्विक उत्सव की सबसे बड़ी बात यह है कि पुरे विश्व में इस त्यौहार या उत्सव को प्रोत्साहन देने में भारत का सबसे बड़ा योगदान है।
- इस दिन (21 जून) को इंटरनेशनल योग डे के लिए चुनने की भी एक खास और बड़ी वजह है। दरअसल यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है और इसे ‘ग्रीष्म संक्रांति’ भी कहा जाता हैं। भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी है।
- हर व्यक्ति को योगा प्रतिदिन करना चाहिए। इसे करने से हर तरह की बीमारियां दूर रहती है और योग की सुंदरता यह है कि यह आंतरिक और किसी भी शारीरिक चोट दोनों को कई बीमारियों से ठीक करने में मदद करता है।
- आजकल हर किसी को कोई न कोई बीमारी होती ही है, और इन सब का मुख्य कारण खराब जीवनशैली है। हर कोई अपनी लाइफ में इतना व्यस्त है की उन्हें अपने स्वास्थ्य का ख्याल ही नहीं रहता है और जिस वजह से उन्हें कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जैसे की – डायबिटीज, क्रोनिक बीमारियां, हार्ट डिजीज आदि।
कौन सा योग किस बीमारी के लिए अच्छा माना जाता है
आज हम आपको ऐसे कारण बताने जा रहे हैं, जिसके अनुसार क्रॉनिक किडनी डिजीज से ग्रस्त मरीजों को रोजाना योग करना चाहिए।
योग डायबिटीज को रखता है कंट्रोल
डायबिटीज के मरीजों को किडनी रोग की संभावना सबसे अधिक होती है, लेकिन अगर आप रोजाना योगा करे तो इसके खतरे को टाला जा सकता है। एक शोध के मुताबिक, रोज नियमित रूप से योग करने पर ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और लिपिड्स कंट्रोल में रहते हैं। ब्लड शुगर कंट्रोल में रहने पर डायबिटीज के मरीजों में किडनी रोग की संभावना 30 प्रतिशत कम हो जाती है।
कपालभाति प्राणायाम
यह योग करने से आपके तंत्र तंत्रिकाओं और मस्तिष्क की नसों को ऊर्जा प्रदान करता हैं। यह प्राणायाम डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत अच्छा माना जाता हैं क्योंकि यह पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता हैं। इसलिए हर डायबिटीज के मरीजों को कपालभाति प्राणायाम करना चाहिए।
धनुरासन
यह आसन अग्न्याशय (pancreas) को सक्रिय करता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभदायक है। यह योगासन पेट के अंगो को मज़बूत बनाता है और तनाव से मुक्ति देता है।
अर्धमत्स्येन्द्रासन
इस योग को करने से पेट के अंगो की मसाज होती है और फेफेड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ती है और साथ ही यह रीढ़ की हड्डी को भी मज़बूत बनाता है।
दिल मजबूत तो किडनी स्वस्थ (हार्ट डिजीज)
- किडनी डिजीज से बचे रहने के लिए हार्ट का स्वस्थ रहना बहुत ही जरूरी होता है। दिल और किडनी दोनों को स्वस्थ रखने के लिए आप अर्धचंद्रासन, त्रिकोणासन और धनुरासन जैसे योग कर सकते हैं।
- एक अध्यन के जरिये ये बात साबित हुई है की, हार्ट डिजीज के लिए बेहद फायदेमंद है योग। आईए जानें हार्ट रोग में कौन-कौन योग करना चाहिए।
अर्धचंद्रासन या या त्रिकोणासन
- अर्ध का अर्थ आधा और चंद्रासन अर्थात चंद्र के समान किया गया आसन। इस आसन को करते वक्त शरीर की स्थिति अर्ध चंद्र के समान हो जाती है, इसीलिए इसे अर्ध चंद्रासन कहते है। इस आसन की स्थिति त्रिकोण समान भी बनती है इससे इसे त्रिकोणासन भी कह सकते है, क्योंकि दोनों के करने में कोई खास अंतर नहीं होता। यह आसन खड़े होकर किया जाता है।
- दोनो हथेलियों को मिलाएं और बाए तरफ कमर तक झुके। फिर सांस छोड़ते हुए वापस उसी जगह आ जाए। कमर तक या शरीर के आधा भाग तक इस आसन को करें। इसलिए इस आसन को अर्धचंद्रासन कहते हैं।
शीर्षासन
दोनों घुटने जमीन पर टिकाते हुए फिर हाथों की कोहनियां जमीन पर टिकाएं। फिर हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाकर ग्रिप बनाएं, तब सिर को ग्रिप बनी हथेलियों को भूमि पर टिका दें। इससे सिर को सहारा मिलेगा। फिर घुटने को जमीन से ऊपर उठाकर पैरों को लंबा कर दें। फिर धीरे-धीरे पंजे टिकायें और दोनों पैरों को पंजों के बल चलते हुए शरीर के करीब अर्थात सिर के नजदीक ले आते हैं और फिर पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उन्हें धीरे से ऊपर उठाते हुए सीधा कर देते हैं तथा पूर्ण रूप से सिर के बल शरीर को टिका लेते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है साथ ही हार्ट गति सामान्य रहती है।
किडनी के रोगियों को करना चाहिए ये योग
स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचे रहने के लिए योग सबसे अच्छा माध्यम है, खासकर किडनी रोग से ग्रस्त लोगों के लिए योग बहुत ही फायदेमंद होता है।
पश्चिमोत्तनासन
अपने पैर को सामने की ओर सीधी स्ट्रेच करके बैठ जाएं। दोनों पैर आपस में सटे होने चाहिए। पीठ को इस दौरान बिल्कुल सीधी रखें और फिर अपने हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को छूएं। ध्यान रखें कि आपका घुटना न मुड़े और अपने सर को नीचे घुटने की ओर झुकाएं। 5 सेकंड तक रुकें और फिर वापस अपनी पोजीशन में लौट आएं। यह पोजीशन किडनी की समस्या के साथ क्रैम्स आदि जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है।
उष्ट्रासन
इस योग को करते समय हमारे शरीर की आकृति ऊँट के समान दिखती है, इसी कारण इसे उष्ट्रासन कहते हैं। यह आसन वज्रासन में बैठकर किया जाता है। इस योग के करने से घुटने, ब्लैडर, किडनी, छोटी आँत, लीवर और लंग्स की बीमारी दूर रहती है।
भुजंगासन
भुजंग का अर्थ होता है “सर्प” और आसन का अर्थ है “स्थिति”। इस योग को करने से रीढ़ की हड्डी सांप की तरह लचीली हो जाती है और शरीर में गर्मी होने लगती है। इसीलिए इस आसन को भुजंगासन कहा जाता है। यह आसन पेट के बल लेटकर किया जाता है।
योगाभ्यास शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। योग्य योग शिक्षक की देखरेख में ही आसनों की शुरुआत करें।
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