एसिडिटी को ठीक करने वाली दवाएं कर सकती हैं आपकी किडनी खराब

एसिडिटी (Acidity) से आज हर तीसरा इंसान परेशान है। खराब जीवनशैली (lifestyle), अनुपयुक्‍त खानपान और शारीरिक श्रम (physical effort) का कम होना इस बीमारी को बढावा दे रहा है। एसिडिटी से निजात पाने के लिए दवाओं (Medicines) का सहारा लिया जाता है। कुछ लोग लगातार इन दवाओं का सेवन इनके साइड इफेक्‍ट (side effect) को जाने बिना कर रहे हैं। पेट में एसिड को बनने से रोकने वाली दवाएं अगर लगातार और ज्‍यादा ली जाएं तो आपकी किडनी (Kidney) खराब हो सकती है। अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रॉलजी (American Society of Nephrology) के जर्नल में छपे शोध में इस बात की पुष्टि की गई है।

 

 

ये दवाएं लेना है घातक

 

 

अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रॉलजी के जर्नल में में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि एसिडिटी की रोकथाम के लिए ऐसी दवाएं जो कि पीपीआई (proton pump inhibitors ) की श्रेणी में आती हैं, के लगातार सेवन से किडनी खराब हो सकती है। गौरतलब है कि एसिडिटी के लिए ली जाने वाली omeprazole, Pantoprazole , lansoprazole आदि दवाएं पीपीआई श्रेणी की दवाएं हैं।एसिडिटी के लिए पीपीआई सबसे ज्यादा कारगर दवा है। 10,482 लोगों पर की गई पहली रिसर्च में कहा गया है कि पीपीआई न लेने वाले लोगों की तुलना में पीपीआई लेने वाले लोगों को किडनी रोगों का अधिक खतरा रहता है। शोधकर्ताओं ( researchers) का कहना है कि इस पर और अधिक अध्ययन (study) की जरूरत है।

 

 

क्‍यो हैं पीपीआई से खतरा

 

 

पीपीआई दवाएं पेट में एसिड के बनने की गति को कम कर देती है। पाचन तंत्र (Digestive System) के सही काम करने के लिए शरीर में उचित मात्रा में एसिड बनाना बहुत जरूरी है। अगर शरीर में एसिड (Acid) उचित मात्रा में नहीं बनेगा तो इससे पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है। इसका असर किडनी सहित शरीर के अन्‍य अंगो पर पड़ता है। इसके अलावा पीपीआई दवाओं के लगातार प्रयोग से रक्‍त (blood) में मैग्निशम (Magnesium) की कमी हो जाती है, जिसका किडनी पर असर पड़ता है।

 

 

डॉक्‍टर की सलाह है जरूरी

 

 

पिछले 25 सालों से एसिड रिलेटिड बीमारियों से इलाज के लिए पीपीआई सबसे कारगर दवा है। डॉक्‍टरों (doctors) का कहना है कि अगर पीपीआई श्रेणी की दवाएं डॉक्‍टर की सलाह पर ली जाए तो कोई खतरा नहीं है। खतरा है ओवरडोज (Overdose) या फिर लंबे वक्‍त तक इनके इस्‍तेमाल से। अगर आपको भी एसिडिटी की समस्‍या है तो दवाएं लेते वक्‍त जरूर सावधानी बरतें। एसिडिटी रोकने वाली कोई भी दवा बिना डॉक्‍टर की सलाह के न लें। शुरूआत में अपनी जीवनशैली और खानपान (food and drink) में बदलाव करके एसिडिटी दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।


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