आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिक काम होने के कारण थकावट होना तो आम बात है। अगर यह थकावट नींद पूरी करने से , आराम करने या चाय पी लेने के बाद भी दूर नहीं होती है तो यह क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (Chronic fatigue syndrome) के लक्षण है। इस समस्या के होने कारण से पूरा दिन सुस्ती वनी रहती है, जिसका प्रभाव मानसिक और शारीरिक स्तर पर पड़ता है। यह समस्या जीवन शैली बदलने, व्यायाम बढाने, डॉक्टर की सलाह पर दवा लेने से ठीक हो सकती है लेकिन इस पर ध्यान ना दिया जाये जिसके कारण यह गंभीर समस्याएं बढ़ सकती हैं क्योंकि इन बीमारियों में क्रोनिक फटीग के लक्षण दिखने को मिलते हैं।
1. हार्ट प्रॉब्लम्स
हार्ट अटैक होने से कुछ सप्ताह पहले से ही लगातार थकावट के लक्षण देखने को मिलते हैं लेकिन ये लक्षण पुरूषों से ज्यादा औरतों में दिखते हैं।
ऐसें करें बचाव
- धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
- एरोबिक एक्सरसाइज करें।
- संतुलित और पौष्टिक आहार खाएं।
- कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल रखे।
2. लिवर प्रॉबल्म
लगातार थकावट रहने के कारण से लिवर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। दवाई लेने वालों को हेपेटाइटिस-सी की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या के होने पर रोगी को हल्का-हल्का बुखार, भूख न लगना, शरीर में दर्द या फ्लू लक्षण दिखते हैं।
3. एनीमिया की शिकायत
एनीमिया (anemia) के शिकायत होने पर भी सारा दिन चिड़चिड़ाहट और सुस्ती पड़ी रहती है। शरीर हर समय थका-थका महसूस करने लगता है। इस समस्या के होने पर रंग पीला पड़ जाता है। इसके अलावा डायबिटीज (diabetes) के होने पर भी थकान और सुस्ती जैसे लक्षण दिखते हैं।
4. थायरॉयड की समस्या
30 से 40 की उम्र के लोगों में रोज थकावट रहने की वजह थायरॉयड (Thyroid) भी हो सकती है। थायरॉयड ग्लैंड शरीर में टी3 और टी4 जैसे हॉर्मोन बनाती है लेकिन इस उम्र में इन हार्मोंन्स की गति कम होने लगती है। इसलिए इसी उम्र में मोटापा, कब्ज, स्किन प्रॉब्लम्स और बाल झड़ने जैसी समस्याएं दिखने को मिलती है।
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