जाने ब्लड कैंसर (Blood Cancer) का इलाज कैसे होता है?

यह तो सभी जानते हैं कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है, अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो उस व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। अगर समय पर इसका पता चल जाए तो उस व्यक्ति का इलाज किया जा सकता है और उसकी जान बच सकती है। कैंसर को जानलेवा बीमारी माना जाता है, क्योंकि शुरुआत में इस बीमारी का पता नहीं चलता है। जब तक इसका पता नहीं चल जाता तब तक इसे रोकना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। आज हम बात कर रहें हैं, ब्लड कैंसर (Blood Cancer) के बारे में यह क्या होता है और ब्लड कैंसर (Blood Cancer) का इलाज कैसे होता है और इससे कई जुड़ी बातों के बारे में आपको बताएंगे।

 

ब्लड कैंसर क्या है? (What is a blood cancer in Hindi,)

 

सभी लोग कैंसर का नाम सुनते ही डर जाता है और डरना भी लाजमी है। ब्लड कैंसर (Blood Cancer) भी अन्य कैंसर की तरह एक जानलेवा बीमारी है। यह रोग ज्यादातर मनुष्यों की कोशिकाओं और ब्लड को प्रभावित करता है। इससे मानव शरीर में ब्लड बनने की प्रक्रिया रुक जाती है और कोशिकाएं अपना काम ठीक से नहीं कर पाती हैं। इसकी वजह से मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, अर्थात धीरे-धीरे शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति समाप्त होने लगती है। यदि इसका पता सही समय पर चल जाता है तो इलाज से मरीज की जान बचाई जा सकती है।

 

 

ब्लड कैंसर कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Blood Cancer in Hindi)

 

आपको बता दें कि ब्लड कैंसर तीन तरह का होता है:

 

  • लिंफोमा: लिंफोमा एक प्रकार का ब्लड कैंसर है। जो आमतौर पर लसीका प्रणाली को प्रभावित करता है। दरअसल यह प्रणाली बीमारी से बचाने में मदद करती है। यह रोग शरीर की श्वेत ब्लड कोशिकाओं को अधिक बनाता है। यह प्लीहा, अस्थि मज्जा में विकसित हो सकता है। लिम्फोमा दो प्रकार का होता है। हॉजकिन लिंफोमा और गैर हॉजकिन लिंफोमा।

 

  • मायलोमा: आपको बता दें कि ब्लड कैंसर को मायलोमा के नाम से भी जाना जाता है। यह प्लाज्मा कोशिकाओं को प्रभावित करता है। ये प्लाज्मा कोशिकाएं शरीर के भीतर अस्थि मज्जा में स्थित होती हैं। शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है।

 

  • ल्यूकेमिया: ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाओं को अधिक प्रभावित करता है। श्वेत रक्त कोशिका हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। यदि ल्यूकेमिया प्रभावित होता है, तो उपचार तुरंत किया जाना चाहिए।

 

दरअसल ल्यूकेमिया कैंसर भी दो तरह का होता है:

 

  • एक्यूट ल्यूकेमिया: जब ब्लड और मौरो की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने और जमा होने लगती हैं, तो उसी स्थिति को एक्यूट ल्यूकेमिया कहा जाता है। ये कोशिकाएं बहुत जल्दी अस्थि मज्जा में जमा होने लगती हैं।

 

  • क्रोनिक ल्यूकेमिया: जब मानव शरीर में बाकी कोशिकाओं के अलावा कुछ अविकसित कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया होती है, तो इसे क्रोनिक ल्यूकेमिया कहा जाता है। क्रोनिक ल्यूकेमिया भी समय के साथ बढ़ता है और अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो स्थिति को बहुत गंभीर बना सकती है।

 

दरअसल यह तीन प्रकार के ब्लड कैंसर मानव शरीर में पाए जाते हैं। ब्लड कैंसर (Blood Cancer) का इलाज संभव है यदि इसका पता समय पर चला जाए।

 

 

ब्लड कैंसर का इलाज कैसे होता है? (Treatment for Blood Cancer in Hindi)

 

दरअसल ब्लड कैंसर (Blood Cancer) का इलाज कैसे होता है तो इसके विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला है। ब्लड कैंसर का इलाज आमतौर पर ब्लड कैंसर (Blood Cancer) के प्रकार, स्टेज और मरीज की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है और इसमें आखिरी निर्णय डॉक्टर द्वारा लिया जाता है। डॉक्टर कारकों का अध्ययन करते हैं, उसके बाद ब्लड कैंसर के इलाज के रूप को चुनते हैं।

 

यहाँ रोगियों में ब्लड कैंसर के इलाज के कुछ सामान्य रूप दिए गए हैं:

 

कीमोथेरेपी और विकिरण

कीमोथेरेपी ब्लड कैंसर के लिए सबसे आम उपचार विधियों में से एक है। यह प्रक्रिया शरीर में तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। विकिरण का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए किया जाता है।

 

ब्लड आधान (blood transfusion)

उपचार का एक अन्य सामान्य रूप ब्लड आधान है जिसे अंग्रेजी में ब्लड ट्रांसफ्यूजन भी कहा जाता है। जिसमें ब्लड के कुछ हिस्सों को शरीर के रक्तप्रवाह में पाई जाने वाली कुछ कमियों को बदलने के लिए प्रक्रियाओं के माध्यम से जोड़ा जाता है।

 

टार्गेटेड थेरेपी

टार्गेटेड थेरेपी में, डॉक्टर कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करने के लिए दवाओं का उपयोग करते हैं। ये दवाएं अन्य कोशिकाओं को प्रभावित किए बिना केवल कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करती हैं, इस प्रकार संभावित दुष्प्रभावों को कम करती हैं।

 

बायोलॉजिकल थेरेपी

इस थेरेपी में, डॉक्टर रोगी पर कुछ उपचारों का उपयोग करते हैं जो कोशिकाओं से ल्यूकेमिया को पहचानने के बाद उन्हें नष्ट करने में मदद करती हैं।

 

स्टेम सेल ट्रांसप्लांट

स्टेम सेल का उपयोग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए किया जाता है। अधिकांश लोग इस बात से अनजान हैं कि ब्लड कैंसर शरीर की स्टेम कोशिकाओं को भी मारता है और इस प्रकार प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट प्रक्रिया की मदद से शरीर के स्टेम सेल को बदल दिया जाता है और इसके परिणामस्वरूप शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली फिर से मजबूत हो जाती है। यह प्रक्रिया डोनर स्टेम सेल की मदद से की जाती है।

 

 

कैंसर सर्जरी में कितना खर्च होता है? (Cost of Cancer Surgery in Hindi)

 

ब्लड कैंसर का बेहतर इलाज कैंसर सर्जरी द्वारा किया जाता है। ऐसे में जब डॉक्टर किसी व्यक्ति को कैंसर की सर्जरी कराने की सलाह देता है, तो उस व्यक्ति का पहला सवाल होता है कि कैंसर की सर्जरी में कितना खर्च आता है।

 

यह सवाल सभी के लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर उनकी आर्थिक स्थिरता से जुड़ा है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें कैंसर की सर्जरी एक महंगी प्रक्रिया लगती है। इसलिए वे इसे कराते नहीं और जो कराना चाहते हैं, उनकी आर्थिक स्तिथि खराब होने के कारण वह इसे करा नहीं पाते हैं। यदि इसका खर्च 5 से 6 लाख रूपए है, तो शायद कुछ लोग सर्जरी करा भी लेते हैं।

 

 

तो हमने आपको ब्लड कैंसर (Blood Cancer) का इलाज कैसे होता है इसके बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है यदि आप ब्लड  कैंसर (Blood Cancer) का इलाज करवाना चाहते हैं तो आप GoMedii को इसके लिए चुन सकते हैं। हम भारत में एक चिकित्सा पर्यटन कंपनी के तौर पर काम करते हैं और हम शीर्ष श्रेणी के अस्पतालों और डॉक्टरों से जुड़े हैं। यदि आप उपचार प्राप्त करना चाहते हैं तो आप अपने प्रश्नों को हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर  (+91 9599004311) पर भेज सकते हैं या हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल करें, हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।