ऐसी बहुत सी बीमारियां हैं जो जन्मजात होती हैं और कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जो समय के साथ व्यक्ति को बीमार बना देती है। आज हम ऐसी ही एक बीमारी के बारे में बताएंगे जिसे सेरेब्रल पाल्सी कहा जाता है। किसी को यह समस्या जन्म के समय से हो जाती है तो किसी को जीवन में किसी दुर्घटना के कारण सेरेब्रल पाल्सी हो जाती है। इसका नाम कुछ अलग है इसलिए लोगों को समझ नहीं आता है कि यह बीमारी क्या है। यही वजह है की लोगों को सही समय पर इसका इलाज नहीं मिल पाता है। पहले आपको ये जानना जरूरी है कि सेरेब्रल पाल्सी क्या होता है?
सेरेब्रल पाल्सी क्या होता है? (What is cerebral palsy in Hindi)
सेरेब्रल पाल्सी विकारों का एक समूह है जो संतुलन, मूवमेंट और बॉडी के पोस्चर में समस्याएं पैदा कर सकता है। दरअसल सेरेब्रल का अर्थ है ब्रेन से संबंधित होना है और पाल्सी का अर्थ है कमजोरी या मांसपेशियों की समस्या है। सेरेब्रल पाल्सी की जटिलता के कारण सेरेब्रल मोटर कॉर्टेक्स (मस्तिष्क का एक हिस्सा) भी प्रभावित होता है। सेरेब्रल कॉर्टेक्स मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो मांसपेशियों की गति को निर्देशित करता है। सेरेब्रल पाल्सी कई प्रकार की होती है और इसका इलाज भी इसके प्रकार पर निर्भर करता है।
सेरेब्रल पाल्सी का इलाज कैसा होता है? (Treatment of Cerebral Palsy in Hindi)
जब डॉक्टर को पता चलता है की व्यक्ति या बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी है तो डॉक्टर जल्द-से-जल्द इसका इलाज कराने की सलाह देते हैं। दरअसल सेरेब्रल पाल्सी का इलाज उसके प्रकार पर निर्भर हो सकता है:
- सह होने की स्थिति (Co-occurring conditions)
- हानि का स्तर कितना है (Level of impairment)
- मूवमेंट होने में किस स्थान पर समस्या है (Location of movement problems)
- सेरेब्रल पाल्सी का प्रकार
डॉक्टर शुरुआती इलाज के तौर पर मरीज को दवाइयां देते हैं। लेकिन जब दवाओं से आराम नहीं मिलता है तो डॉक्टर अन्य उपचार के विकल्प का सुझाव भी देते हैं।
थेरपीज़
- फिजिकल थेरेपी
- ऑक्यूपेशनल थेरेपी
- स्पीच और लैंग्वेज थेरेपी
- रेक्रीशनल थेरेपी
सर्जरी
मांसपेशियों की जकड़न को कम करने या स्पास्टिसिटी के कारण होने वाली हड्डी की असामान्यताओं को ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इन उपचारों में शामिल हैं:
आर्थोपेडिक सर्जरी : गंभीर मामलों में बच्चों को बाह, रीढ़, कूल्हों या पैरों को उनकी सही स्थिति में रखने के लिए हड्डियों या जोड़ों पर सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सर्जिकल प्रक्रियाएं भी मांसपेशियों को लंबा कर सकती हैं और टेंडन को लंबा या रिपोजिशन कर सकती हैं जो संकुचन द्वारा छोटा हो जाता है। ये सुधार दर्द को कम कर सकते हैं और गतिशीलता में सुधार कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के बाद मरीज को वॉकर, ब्रेसिज़ या बैसाखी का उपयोग भी करने की सलाहदी जाती है।
तंत्रिका तंतुओं को काटना (Cutting nerve fibers) : अधिक गंभीर मामलों में आपका डॉक्टर इस सर्जरी की सलाह देता है। सर्जन चयनात्मक पृष्ठीय राइज़ोटॉमी नामक प्रक्रिया (selective dorsal rhizotomy) में विशिष्ट स्पास्टिक मांसपेशियों की नसों को काट देते हैं। यह पैरों की मांसपेशियों को आराम देता है और दर्द को कम करता है, लेकिन यह सुन्नता पैदा कर सकता है।
जाने सेरेब्रल पाल्सी के कारण (Cause of cerebral palsy in Hindi)
अक्सर, सेरेब्रल पाल्सी विकासशील मस्तिष्क की असामान्य वृद्धि या क्षति के कारण होता है। यह नीचे वर्णित परिस्थितियों में हो सकता है।
- भ्रूण के विकास के दौरान सेरेब्रल मोटर कॉर्टेक्स का असामान्य विकास
- जन्म से पहले, जन्म के दौरान या बाद में मस्तिष्क की चोट लगना
- मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में कमी
सेरेब्रल पाल्सी के कारणों को जानने के बाद, सेरेब्रल पाल्सी के लक्षणों के बारे में भी जानना जरुरी है। सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण क्या हैं?
सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण (Symptoms of Cerebral Palsy in Hindi)
जब किसी व्यक्ति को सेरेब्रल पाल्सी होती है, तो इस बीमारी से जुड़े कई लक्षण होते हैं।
- सिर झुका कर चलना
- बच्चे के विकास में देरी होना
- पैर की उंगलियों पर चलना
- हाथ, पैर, या तलवों में झटके
- अचानक बेकाबू हो जाना
- कुछ भी निगलने या बोलने में परेशानी
- मुंह से लार टपकना
- लुढ़कना, बैठना, खड़े होने या चलना देर में सीखने
- असामान्य मांसपेशी टोन, ये कठोर या बहुत नरम महसूस कर सकते हैं
- गतिभंग का अर्थ है चलते समय मांसपेशियों के समन्वय का नुकसान
- लोच, कठोर और तंग मांसपेशियां
सेरेब्रल पाल्सी के विभिन्न प्रकार क्या हैं? (Types of Cerebral Palsy in Hindi)
सेरेब्रल पाल्सी के विभिन्न प्रकार होते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं।
- डाइकिनेटिक सेरेब्रल पाल्सी: इस प्रकार के कारण हाथ, पैर और पैरों की गति को नियंत्रित करने में समस्या होती है। इससे बैठना और चलना मुश्किल हो सकता है।
- स्पास्टिक सेरेब्रल पाल्सी: यह सीपी का सबसे आम प्रकार है। इसके परिणामस्वरूप टोंड मांसपेशियां, तंग मांसपेशियां और अजीब हरकतें होती हैं।कभी-कभी यह शरीर के केवल एक हिस्से को प्रभावित करता है। अन्य मामलों में, यह हाथ और पैर, धड़ और चेहरे दोनों को प्रभावित कर सकता है।
- अटैक्सिक सेरेब्रल पाल्सी: इसमें व्यक्ति को संतुलन और समन्वय की समस्या होती है।
- मिक्स्ड सेरेब्रल पाल्सी : इस दौरान प्रभावित व्यक्ति में एक से अधिक प्रकार के सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण दिखाई देते हैं।
सेरेब्रल पाल्सी के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल (Best Hospital for the treatment of Cerebral Palsy in Hindi)
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सेरेब्रल पाल्सी का निदान कैसे होता है? (How is cerebral palsy diagnosed in Hindi)
- डेवलपमेंटल मॉनिटरिंग: इस प्रक्रिया के दौरान बच्चों की वृद्धि और विकास को ट्रैक किया जाता है।
- ब्रेन स्कैन: इसमें एमआइआई, क्रेनियल और अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
- ईईजी: दौरे पड़ना भी सेरेब्रल पाल्सी का एक लक्षण हाेता है। जिन बच्चाें काे अकसर दौरे पड़ते हैं, उनका ईईजी करवाया जाता है। इसमें बच्चे के मस्तिष्क की गतिविधियाें काे रिकॉर्ड किया जाता है।
- लेब टेस्ट: इसमें बच्चे काे रक्त और यूरिन संबंधित टेस्ट किए जाते हैं।
- डेवलपमेंटल स्क्रीनिंग: इस परीक्षण के दौरान बच्चों के शारीरिक विकास और किसी भी चीज को छूने की क्षमता (मोटर स्किल) में देरी को जांचा जाता है।
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