सिगरेट (Cigarette) पीने वालों को हड्डी का इलाज कराना पड़े तो मुश्किल आती है, क्योंकि उनकी हड्डी ठीक होने में लंबा समय लग सकता है. ऐसा एक नए अध्ययन में सामने आया है. यह समस्या बुजुर्गो और महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है. आंकड़े बताते हैं कि तंबाकू (Tobacco) का लंबे समय तक उपयोग करने के कारण हर सप्ताह 13,000 से अधिक भारतीय पुरुष और 4,000 महिलाओं की मौत हो जाती है. धूम्रपान स्पष्ट रूप से एक जन-स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है. ऐसे में युवकों और युवतियों को इस लत से बचाने के उपायों पर एक बार फिर से विचार करने की जरूरत है. खासकर वे युवा, जो धूम्रपान (Smoking) के दुष्प्रभावों के लिए विशेष रूप से संवेदनशील हैं.
हड्डियों में कमज़ोरी
शराब (Alcohol) की लत की तरह ही धुम्रपान से भी ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) का खतरा बढ़ जाता है। इसमें हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती है और कुछ भी हादसा होने पर हड्डियों (Bones) के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादातर स्मोकिंग करने वाले बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों में इसका खतरा ज्यादा होता है।
कम उम्र में धुम्रपान करने वाली महिलाओं के शरीर का एस्ट्रोजन लेवल कम हो जाता है। जिसके कारन कम उम्र में ही मेनोपौस (Menopause) हो जाता है जो ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा देता है।
धूम्रपान छोड़ने से ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना भी कम हो जाती है
एचसीएफआई के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “इस लत को किसी भी समय छोड़ देने से दिल की बीमारी और फेफड़ों के कैंसर (Cancer) से मरने का भय कम हो जाता है. धूम्रपान छोड़ने से ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना भी कम हो जाती है. धूम्रपान (Smoking) छोड़ने से व्यक्ति के चेहरे पर रौनक लौटने लगती है और पुरुषों एवं महिलाओं दोनों के लुक्स में सुधार होता है.”
उन्होंने कहा कि इसके लिए जो पांच कदम जरूरी हैं, उन्हें अंग्रेजी के स्टार्ट शब्द से याद रखा जा सकता है, जहां एस अक्षर का अर्थ है धूम्रपान छोड़ने की तारीख सैट करना, टी का मतलब है परिवार के सदस्यों, दोस्तों और लोगों को बताना या टैलिंग कि आप सिगरेट छोड़ रहे हैं. ए का अर्थ है निकोटीन (Nicotine) छोड़ने से पैदा होने वाले मुश्किल समय को एंटीसिपेट करना यानी उसकी कल्पना करना, आर का अर्थ है घर से तंबाकू के उत्पादों को रिमूव करना यानी हटाना, और अंतिम टी का अर्थ है टेकिंग हैल्प, यानी अपने व्यवहार, परामर्श और दवाओं के लिए डॉक्टर से मदद लेना।
परामर्श या काउंसलिंग से धूम्रपान की लत को त्यागने में मदद मिलती है
परामर्श या काउंसलिंग से धूम्रपान की लत को त्यागने में मदद मिलती है. इससे आपको अन्य विकल्प पता चलते हैं. यह लालसा को दूर करने में मदद करता है और यह समझने में भी आपकी सहायता करता है कि जब-जब आप धूम्रपान (Smoking) छोड़ना चाहते थे तब क्या गड़बड़ हो जाती थी।
कम उम्र में धुम्रपान करने वाली महिलाओं के शरीर का एस्ट्रोजन लेवल कम हो जाता है। जिसके कारन कम उम्र में ही मेनोपौस (Menopause) हो जाता है जो ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा देता है।
डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया, “सिगरेट एक वासना है जो रामायण में कैकेई से शुरू होकर बाद में बाली पर जाकर समाप्त होती है. जब वासना नियंत्रित होती है, तो दस इंद्रियांे (दशरथ) की मृत्यु होती है और राम, सीता व लक्ष्मण (आत्मा, शरीर और मन) का नियंत्रण खोता है. रामायण में, वासना बाली की प्रतीक है, जिसे राम (चेतना) द्वारा मार दिया गया, न कि लक्ष्मण (दिमाग) द्वारा. बुद्धिमत्ता (सुग्रीव) से वासना (बाली) नहीं मारा जा सकता. इसे केवल पीछे से मारा जा सकता है, न कि सामने से, जो पतंजलि (Patanjali) के योग सूत्र में प्रतिहार के सिद्धांत पर आधारित है. हम जिस जगह रहते हैं, वहां से तंबाकू उत्पादों को हटाना रामायण और पतंजलि योग में वर्णित उपर्युक्त सिद्धांत पर ही आधारित है।”
धूम्रपान के नुक्सान
अगर हम धूम्रपान या सिगरेट पीने की बात करते हैं, तो हम सभी जानते है कि धूम्रपान हमारी सेहत (Health) के लिए कितना ही खतरनाक होता है, इससे हमारे फेफड़ों (Lungs) में कैंसर और ह्रदय की बीमारी होती है। हम जानते हैं कि धूम्रपान या सिगरेट पीने से हमें ऐसे रोग लगते हैं जिसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन फिर भी हम अपने आप को धूम्रपान से दूर नहीं कर सकते। सिगरेट पीने के नुकसान जानते हुए भी इसको छोड़ने की जहमत बहुत कम लोग उठाते हैं, लेकिन अगर आप भी है सिगरेट या धूम्रपान के शौकीन तो तुरंत इसको करें ना।
धूम्रपान करने से लाखों लोग कैंसर के शिकार हो रहे हैं, लेकिन जब हमें धूम्रपान या किसी प्रकार के नशे की लत लग जाती है, तो उसे हम आसानी से नहीं छोड़ सकते। यह तभी संभव हो सकता है जब हम अपना मन बना लेते हैं अन्यथा हम इससे छुटकारा नहीं पा सकते। धूम्रपान करने से हमारे शरीर को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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