विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 2018- तंबाकू और धूम्रपान से लाखों जिंदगियां तबाह हो रही हैं।

पूरे विश्व के लोगो को तम्बाकू के खतरों से बचाने के लिए और सभी लोग तम्बाकू के खतरों जानकारी हो इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विश्व स्वास्थ्य संघटन (World Health Organization ) के स्थापना दिवस पर पहली बार विश्व स्वास्थ्य संघटन के सदस्यों द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस ( World No Tobacco Day) का शुभारम्भ किया गया फिर आगे चलकर 31 मई 1987 को पहली बार पूरे विश्व में (World No Tobacco Day) का आयोजन हुआ जिसके बाद हर साल पूरे विश्व के अलग अलग देशो में World No Tobacco Day मनाया जाने लगा.

 

तंबाकू (Tobacco) से लाखों लोग कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और समय से पहले ही बीमारियों का शिकार होने के साथ-साथ मौत के मुंह में चले जाते हैं। इसके बावजूद लाखों लोग यहां तक की किशोर भी तंबाकू खाने के आदी हैं। आज तंबाकू न सिर्फ किशोरों के दिमाग (Mind) को प्रभावित कर रहा है बल्कि नई पीढ़ी को खासा नुकसान पहुंचा रहा है। तंबाकू और धूम्रपान (Smoking) करने वालों को जागरूक करने और उनकी नशे की इस आदत को छुड़ाने के लिए कई अभियान चलाए गए, जिनमें से एक है विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day)

 

आज के समय में धूम्रपान करना एक आम बात हो गई है। धूम्रपान का ऐसा नशा लोगों में चढ़ा है कि स्कुल के बाहर चोरी से और कॉलेज के कैंपस में दोस्तों के साथ लोग पीते नजर आ ही जातें हैं। लेकिन क्या आप जानतें हैं की सिगरेट पीने की लत या धूम्रपान करना आपके कई सपनों को चकना चूर कर सकती हैं जिनकी आप को भनक तक नहीं होगी। प्रतिदिन सिगरेट पीने से आपके स्पर्म की शक्ति कमजोर होने लगती है, जिसका परिणाम लोग संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में कई लोग विक्की डोनर (Vicky Donor) की सेवाओं का सहारा लेने पर मजबूर हो जाते हैं। चलीये हम आपको बतातें हैं कि सिगरेट पीने से महिलाओं और पुरुषो पर क्या दुष्प्रभाव होता है।

 

तो अब बात करते है विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर आखिर हम सभी इतने पढ़े लिखे होने के बावजूद आखिर विश्व स्वास्थ्य संघटन (World Health Organization ) को आखिर विश्व के लोगो को जागरूक करने की ऐसी आवश्यकता क्यू पड़ जाती है जिसके चलते पूरे विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस  (World No Tobacco Day) मनाना पड़ता है तम्बाकू में जिस रसायन की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती है वो है निकोटिन (Nicotine), निकोटिन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है यह इन्सान को नशे का आदी तो बनाता ही है साथ में इसके प्रभाव से मानव शरीर में अनेको प्रकार के कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों को जन्म भी देती है निकोटिन के प्रभाव के चलते व्यक्ति को भूख, प्यास, दिमाग आदि का काम करना बंद कर देता है जिसके चलते धीरे धीरे व्यक्ति पूर्ण रूप से बिना नशे के जीवित नही रह पाता है और वही नशा एक दिन व्यक्ति के जीवन के अंत का कारण भी बनता है

 

तो ऐसे में एक तरफ जहा व्यक्ति खुद को नशे के चलते बर्बाद तो करता ही है और नशे के कारण उसके साथ के रहने वाले परिवार तथा आसपास के लोग भी बहुत अधिक प्रभावित होते है खासतौर पर अक्सर देखा जाता है की जिन घरो में कोई भी व्यक्ति चोरी छिपे या खुले रूप किसी भी प्रकार से नशे का सेवन करता है तो निश्चित ही उस घर के बच्चे भी उन बड़े व्यक्तियों के नशे करते हुए देखते है तो कही न कही बच्चे की सिखने की ललक भी उन्हें बचपन से गलत रास्ते पर ले जाने में सहायक होने लगती है और यही बच्चा आगे चलकर खुलेआम नशे का सेवन करने लगता है जिसके लिए उस बच्चे के घर परिवार के सदस्य या वे वे मित्र दोस्त ही लोग जिम्मेदार होते है जिन जिन लोगो के सम्पर्क में वो बच्चा रहता है

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