डिप्रेशन (depression) हमारी जिन्दगी में जहर घोलने वाला मन एक महत्वपूर्ण भाव है जो हमारे दैनिक जीवन में कई तरह की समस्याओं के लिए हमारे शरीर द्वारा की गयी एक बायोलॉजिकल क्रिया (Biological function) है जिसे हम तनाव (Tension) कहते है जो थोड़े समय के लिए सामान्यत हर किसी में पाया जाता है लेकिन लम्बे समय तक किसी परेशानी के चलते यह अगर हमारी आदत (Habit) में शामिल हो जाये तो हमारे लिए घातक हो सकता है आज हम इस बारे में ही जानकारी यंहा आपसे शेयर कर रहे है कि आखिर डिप्रेशन के लक्षण क्या है और ये क्यों होता है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है तो चलिए इस पर बात करते है .
डिप्रेशन के लक्षण जानिए और उसे दूर करिए
डिप्रेशन के सामान्य संकेत
हालाँकि हमेशा डिप्रेशन के लक्षण और संकेत समय रूप से सामने आ पाते है ऐसा सोचना सही नहीं होगा क्योंकि बहुत बार ऐसा होता है कि इसके कुछ स्पष्ट संकेत नहीं होते यह अल्पकालीन (Short term) किसी विषय को लेकर हमारी चिंता हो सकती है या फिर दीर्घकालीन हो सकता है इसलिए हमे कुछ सावधानी से अपने व्यवहार में आये बदलावों को नोटिस (notice) करना होता है वैसे कुछ सामान्य संकेत होते है जिस से हम अपने अंदर जमा हो रही घुटन को समझ सकते है जैसे कि नींद में कमी , किसी आने वाली समस्या के लिए हमारी जरुरत से अधिक चिंता , बीमार होने पर किसी भयानक बीमारी की कल्पना करना और किसी अपराध (guilt) जैसी अनुभूति (feeling) में खुद को अक्षम महसूस करना जिसकी वजह से खुद को नुकसान पहुँचाने या जीवन खत्म करने की इच्छा होना आदि कुछ डिप्रेशन के लक्षण है जिनसे हम समझ सकते है कि हम डिप्रेशन के शिकार होने लगे है |
अत्यधिक सिर दर्द
किसी बात के लिए जरुरत से अधिक हमारी चिंता हमारे दिमाग पर बुरा असर डालती है और इसी वजह से हमे सिर दर्द होने लगता है जब हमे किसी समस्या के लिए लगता है कि सब दरवाजे बंद है और कोई समाधान नहीं दिखता है तो अक्सर हम इसके शिकार हो जाते है जिसे सघन उदासी छा जाती है |
पाचन क्रिया में असंतुलन
जानकार और बुजुर्ग मानते है हमारी सभी तरह की बीमारियों की शुरुआत हमारे पेट से होती है और जब हम मानसिक (Mental) तौर पर स्वस्थ नहीं होते तो इसका असर हमारे पाचन क्रिया पर भी पड़ता है इसलिए तो अपने देखा होगा कि लम्बे समय तक डिप्रेशन के दौर से गुजरने वाले लोग अक्सर अपनी सेहत खोने लगते है और यह भी एक डिप्रेशन के लक्षण है |
लोगो से मिलने में असहज महसूस करना
ऐसा होता है जब व्यक्ति किसी गहरी चिंता में होता है तो वो बाहरी दुनिया से खुद को तोड़ देना चाहता है और बहुत हद तक कुछ अंतर्मुखी (introvert) हो जाता है वो दुनिया की और अपने आस पास घटित हो रही चीजों में फिर चाहे वो अच्छी सलाह हो या कोई बुरी घटना रस खोने लगता है और खुद में ही रहने लगता है और यह भी डिप्रेशन के लक्षण है |
इन्टरनेट का अधिक इस्तेमाल
इन्टरनेट हमारी जीवनशैली का एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट पार्ट बन गया है जिसके बिना जिन्दगी में हमे सहूलियत कम दिखती है और तनाव से ग्रस्त लोग अपनी जिन्दगी का अकेलापन दूर करने के लिए सोशल साइट्स (Social sites) का इस्तेमाल करते है और धीरे धीरे वो इनकी आदत में शुमार हो जाती है और वो अपना बहुत सा समय इन्हें देने लगते है | ऐसे में व्यक्ति को रियल लाइफ की अपेक्षा वर्चुअल वर्ल्ड को अधिक प्राथमिकता देने लगता है जिसकी वजह से उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है | यह भी डिप्रेशन के मुख्य लक्षण है |
नींद की आदत में बदलाव
डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति की नींद की आदत में बहुत तरह के बदलाव देखने को मिलते है या तो उसे बिलकुल नींद नहीं आती या फिर वो अपनी चिन्ताओ को दूर करने के लिए अधिक नींद का सहारा लेता है और दोनों ही स्थितियां खतरनाक होती है |
अत्यधिक संवेदनशील हो जाना
डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति छोटी छोटी चीजों के लिए अजीब तरह से रियेक्ट करने लगता है और वह छोटे छोटे कारणों की वजह से रोने लगता है या चीखने चिल्लाने लगता है यह भी डिप्रेशन के लक्षण है |
दुनिया से कटाव
डिप्रेशन में व्यक्ति पूरी तरह दुनिया से खुद को संबंधित (relate) ही नहीं कर पाता है और वो कुछ चीजों के प्रति बिलकुल उदासीन हो जाता है जैसे उसे किसी चीज़ से कोई मतलब ही नहीं हो |
आदतों में बदलाव
डिप्रेशन में व्यक्ति खुद की सार सभाल में भी कोताही बरतने लगता है वो कई हफ़्तों तक शेव नहीं करता है और अपने पहनावे और रहन सहन से कोई अधिक मतलब नहीं रखता है |
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।