मधुमेह (डायबिटीज) एक ऐसी बीमारी हैं, जिसकी वजह से खून में शुगर (Sugar) की मात्रा अधिक हो जाती है। डायबिटीज की वजह से आँखों की भी समस्या होती है, जिसका अधिक असर अमेरिका में देखने को मिला है। अमेरिका में नेत्रहीनता की तीसरी बड़ी वजह मधुमेह (डायबिटीज) है। पहले के समय में यह बीमारी अधिक उम्र के लोगो में देखने को मिलती थी, लेकिन अब छोटे बच्चे और युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं।
आजकल जिन लोगो को मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या होती है उन्हें इस बीमारी का पता भी नहीं चल पाता है। मधुमेह रोगियों पर हुए एक शोध से यह पता चला है कि 15 से 49 आयु वर्ग के केवल आधे वयस्क अपनी इस बीमारी के बारे में जानते हैं। कई बार तो इस बीमारी को पहचानने में इतनी देर हो जाती है कि लोगों की दृष्टि चली जाती है और साथ ही किडनी की बीमारी की समस्या भी होने लगती है।
अध्यनो के अनुसार
- अध्ययन के जरिये यह बात सामने आई है कि देश में डायबिटीज के 75 प्रतिशत से अधिक मरीजों में शुगर (Sugar) नियंत्रित नहीं है। वहीं, यह बात भी सामने आई की बहुत से मरीजों को इस बात की जानकारी ही नहीं रहती कि उन्हें मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या है।
- और जब मधुमेह (डायबिटीज) होने की समस्या के कारणों की जांच की गयी तो यह बात सामने आयी है कि दरअसल जीवनशैली में बदलाव की वजह से लोग इस बीमारी के शिकार होते जा रहे है। घर के खाने की बजाय बाहर का खाना, जंक फूड (junk food), फास्ट फूड (Fast food) पर जोर देने लगे हैं। इन बदलावों के कारण लोगो में मोटापा बहुत तेजी से बढ़ने लगा हैं और और कारणों की वजह से डायबिटीज की समस्या होने लगी है।
मधुमेह (डायबिटीज) तीन प्रकार की होती हैं
टाइप-1 डायबिटीज
इस टाइप की डायबिटीज बचपन में या किशोर अवस्था में शरीर में इंसुलिन (Insulin) की कमी की वजह से होती है। इसे काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। इस प्रकार के मधुमेह (डायबिटीज) में पैन्क्रियाज (pancreas) की बीटा कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं और इंसुलिन (Insulin) का बनना सम्भव नहीं होता है। शरीर में ग्लूकोज (Glucose) की बढ़ी हुई मात्रा को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन (Insulin) के इंजेक्शन (Injection) की जरूरत होती है।
टाइप-2 डायबिटीज
जेस्टेशनल डायबिटीज
जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भकालीन डायबिटीज) गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाली एक समस्या है। गर्भवती महिला के शरीर में ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) का स्तर अधिक बढ़ जाने के कारण यह समस्या होती है, जिस वजह से गर्भवती महिला और उसके बच्चे के सेहत पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
मधुमेह (डायबिटीज) के लक्षण
- बार बार प्यास लगना
- लगातार भूख लगना
- धुंधली दृष्टी होना
- थकावट महसूस होना
- अकारण वजन कम होना
- जल्दी घाव ठीक न होना या देर से घाव ठीक होना
- बार बार पेशाब या रक्त में संक्रमण होना
मधुमेह (डायबिटीज) से बचाव के तरीके
- रोजाना 30-45 मिनट का वर्कआउट मधुमेह (डायबिटीज) के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है।
- अधिक शुगर और प्रोसेस्ड फ़ूड (Sugar and processed food) और मैदा से बने ब्रेड या बन (Bread or Bun) खाने से परहेज करें।
- मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों को आलू, सफेद चावल, अधिक मसाला व तला-भुना खाना, अरबी और शकरकंद का सेवन कम करना चाहिए।
अगर आप मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित हैं तो –
- नियमित रूप से व्यायाम करे
- वर्कआउट में टहलना, साइक्लिंग, स्विमिंग और योग को भी शामिल करें
- 40 की उम्र के बाद शुगर और लिपिड प्रोफाइल (Sugar and lipid profile) की जांच कराएं
- किडनी फंक्शन टेस्ट और लिवर फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test and Liver Function Test) भी करवाएं
- टीएमटी और रेटिना (TMT and Retina) की जांच कराएं, जरूरत हो तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करे
खान-पान में रखें ध्यान
- आसानी से पचने वाला भोजन करें।
- जिन लोगो को डायबिटीज की समस्या होती है उन्हें रसदार फलों का सेवा करना चाहिए और साथ में ड्राई फ्रूट्स भी लें।
- मल्टीग्रेन आटा और गुनगुना पानी, छाछ, जौ का दलिया इन खाद्य पदार्थो का सेवन करे।
- मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों को मल-मूत्र आदि नहीं रोकना चाहिए, नहीं तो समस्या बढ़ सकती है।
- मांसाहार, शराब और धूम्रपान आदि से दूरी बनाएं रखें।
- अधिक से अधिक पानी पीएं आप चाहे तो नींबू पानी भी लें सकते है।
इन चीजों से बनाएं दूरी
- बासी भोजन का सेवन न करे
- अधिक मात्रा में डिब्बा बंद आहार न खाये
- फास्ट फूड से परहेज करे
- जंक फूड के सेवन से भी बचे
- ज्यादा तेल-मसाले वाले भोजन का भी सेवन न करे
अगर आप चाहते है की आप और आपका परिवार मधुमेह (डायबिटीज) से बचा रहे और शुगर कण्ट्रोल में रहे, तो उसके लिए डॉक्टरों से संपर्क करते रहे।
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