मधुमेह की शिकायत: डॉ. अमित सचदेवा

 

क्या मधुमेह बहुत बड़ी समस्या है? हां, कुछ मामलों में यह बड़ी समस्याएं पैदा करती है, जो अंगों को बहुत बुरी तरह से प्रभावित करती है। यह आमतौर पर तब होती है जब आपके शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है और शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है। आज हम जानेंगे मधुमेह क्या है और इससे कौन- कौन सी बीमारियां होती है, जो अंगों को बुरी तरह प्रभावित करती हैं।

 

 

मधुमेह क्या है?

 

 

आजकल मधुमेह की समस्या बहुत ही सामान्य हो गयी है। पहले यह बीमारी सिर्फ 50 साल से अधिक उम्र के लोगो को होती थी, पर अब ये बीमारी, आज के समय में बच्चो में भी पायी जाने लगी है। मधुमेह के होने से शरीर में और भी बहुत सारी बीमारियाँ होने लगती है। जिन लोगो को मधुमेह की शिकायत होती है, उनके आँखों में दिक्कत, लिवर और किडनी में बीमारी और पैरों में दर्द की भी समस्या होती है।

 

 

मधुमेह कैसे होती है

 

 

  • पहले से परिवार में किसी को मधुमेह है, तो आपको भी मधुमेह होने का ख़तरा हो सकता है।

 

 

  • अगर आप रोजाना व्यायाम या कोई शारीरिक श्रम नहीं करते है तो यह भी मधुमेह होने का कारण बन सकता है।

 

  • अधिक मीठा खाना।

 

  • ह्रदय से संबंधित बीमारी होने पर मधुमेह हो सकती है।

 

  • अगर गर्भावस्था के दौरान मधुमेह हुई हो या शिशु का वज़न 9 पौंड से ज्यादा हो तो आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज़ (मधुमेह) होने की

          आशंका बढ़ जाती है।

 

  • व्यस्को में मधुमेह की समस्या अधिक होती है

 

 

मधुमेह रोग के लक्षण क्या हैं?

 

 

  • अधिक प्यास और भूख का लगना

 

 

  • घाव का जल्दी ना भरना और खुजली करने पर जख्म का बनना

 

 

  • वजन का अचानक से बढ़ना और कम होना

 

  • थकान महसूस करना

 

  • मसूड़ों से खून निकलना

 

 

 

उच्च रक्त शर्करा के स्तर से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जैसे की – हृदय रोग, आंखों की समस्या, किडनी की विफलता, तंत्रिकाओं और दांतों को प्रमुख रूप से प्रभावित करता है। इसके अलावा, मधुमेह वाले लोगों में भी संक्रमण विकसित होने का खतरा अधिक होता है। मधुमेह हृदय रोग, अंधापन और किडनी की विफलता का मुख्य कारण है।

 

 

 

मधुमेह रोग से होने वाली बीमारियां 

 

 

  • हृदय रोग

 

  • किडनी की बीमारी (मधुमेह संबंधी नेफ्रोपैथी)

 

  • तंत्रिका रोग (मधुमेह न्यूरोपैथी)

 

  • नेत्र रोग (मधुमेह रेटिनोपैथी)

 

  • मसूड़ों की सूजन

 

  • ब्रश करते समय खून आना

 

 

  • आंखों में समस्या होना

 

  • पैर की नसों में कुछ खराबी होना

 

 

मधुमेह का पता लगाने वाले टेस्‍ट

 

 

डायबिटीज का पता लगाने के लिए परीक्षण करना बहुत ही महत्‍वपूर्ण होता है। आइए जानें डायबिटीज का पता लगाने के लिए किस तरह के टेस्‍ट किये जाते हैं –

 

ग्लूकोज फास्टिंग टेस्ट

 

इसे फास्टिंग प्‍लाज्‍मा ग्‍लूकोज (एफपीजी) भी कहते है। यह टेस्‍ट खाली पेट में कराना चाहिए।

 

ओरल ग्‍लूकोज टॉलरेंस टेस्‍ट

 

इस टेस्‍ट को ओजीटीटी के नाम से भी जाना जाता है। इस टेस्ट से करीब 2 घंटे पहले करीब 75 ग्राम एनहाइड्रस ग्लुकोज़ को पानी में मिला कर पीना होता है तभी शुगर के सही लेवल की जांच की जा सकती है। ओजीटीटी टेस्‍ट करने के लिए कम से कम 8 से 12 घंटे पहले कुछ नही खाना होता है।

 

ए 1 सी टेस्ट

 

इस टेस्ट के जरिये हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं से जुड़ी ग्लूकोज की मात्रा का पता चलता है। आमतौर पर टाइप 1 मधुमेह या गर्भावधि मधुमेह के लिए ए 1 सी टेस्‍ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, प्री डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज का पता लगाने के लिए इस टेस्‍ट का इस्‍तेमाल किया जाता है।

 

रैंडम प्लाज्मा ग्लूकोज

रैंडम प्लाज्मा ग्लूकोज (आरपीजी) टेस्‍ट का प्रयोग कभी कभी एक नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान पूर्व मधुमेह या मधुमेह का निदान करने के लिए किया जाता है। अगर आरपीजी 200 लिटर का दशमांश प्रति माइक्रोग्राम या उससे ऊपर दिखाता है तो व्यक्ति में मधुमेह के लक्षणों का पता चलता है, तो चिकित्सक डायबिटीज का पता लगाने के लिए अन्‍य टेस्‍ट करता है।

 

 

मधुमेह एक गंभीर स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति जिसे मधुमेह है वह दिन-प्रतिदिन कमजोर होता जाता है और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करता है जैसे वजन कम होना, किडनी की विफलता और याददाश्त का कम होना। यदि आप उपरोक्त लक्षणों में से किसी का सामना करते हैं। मधुमेह का इलाज करने के लिए अनुभवी और पेशेवर डॉक्टर (डायबिटीजोलॉजिस्ट) की सलाह ले

 

 

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