हृदय रोग एक ऐसी समस्या को दर्शाती है जो हृदय को प्रभावित करती है। दिल की बीमारी होने पर कोई भी व्यक्ति स्वस्थ नहीं रह सकता है। बल्कि हृदय रोग में कई तरह की समस्याएं होती हैं। हृदय की बीमारियां कई प्रकार की होती है और उन बीमारियों का इलाज इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्हें हृदय संबंधी कौन सी बीमारी है। तेज़ी से बदलते इस दौर में दिल की बीमारी युवाओं में भी देखने को मिल रही हैं। आज हम आपको डॉक्टर डॉ संजीव गेरा के बारे में बताएंगे जो एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट हैं। यदि आप डॉ संजीव गेरा से ऑनलाइन कंसल्ट करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें।
जाने डॉक्टर संजीव गेरा को कितना अनुभव है? (How much does have experience Dr.sanjeev Gera in Hindi)
- डॉ संजीव गेरा ने एएफएमसी, पुणे से एमबीबीएस, एमएस (जनरल सर्जरी) और एमसीएच (कार्डियक सर्जरी) की पढ़ाई की है। उन्होंने एनएचएस, यूके में कार्डियक सर्जरी में सीनियर रजिस्ट्रार के रूप में और रॉयल प्रिंस अल्फ्रेड हॉस्पिटल, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में कार्डियक सर्जरी में फेलो के रूप में काम किया है।
- उन्हें कार्डियक सर्जन के रूप में 26+ वर्ष का अनुभव है और उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों में पहली हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी की है।
- अब तक उन्होंने 8000 हृदय बाईपास सर्जरी सहित 12,000 से अधिक कार्डियक सर्जरी की हैं। उन्होंने कई हार्ट ट्रांसप्लांट और एन्यूरिज्म सर्जरी भी की हैं।
- वह आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर), दिल्ली में कार्डियक सर्जरी विभाग के प्रमुख थे और उन्होंने कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के प्रोफेसर और सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे के डीन के रूप में भी काम किया है।
- वह विभिन्न प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों की एमसीएच परीक्षा में एक परीक्षक के तौर पर भी नियुक्त रहे थे और कार्डियक सर्जरी में 11 छात्रों के लिए एक मार्गदर्शक रहे हैं। डॉ संजीव गेरा पर विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 22 पत्र प्रकाशित किये गए हैं और कार्डिएक सर्जिकल प्रबंधन पर व्यापक रूप से पढ़ी जाने वाली स्नातकोत्तर पुस्तक के लेखक भी हैं।
क्या है डॉ संजीव गेरा का रुचि का क्षेत्र? (What is Dr. Manoj’s area of interest in Hindi)
- डॉ संजीव गेरा कार्डियक सर्जरी जिसमें वयस्क और बाल चिकित्सा (adult & paediatric) करने में माहिर हैं। उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों में पहले हार्ट ट्रांसप्लांट का श्रेय दिया गया है और 30 से अधिक वर्षों के अपने कार्डियक सर्जिकल करियर में उन्होंने 15000 से अधिक मरीजों की सर्जरी की है। उनकी रुचि के क्षेत्रों में सर्जरी शामिल हैं:
- वयस्क और बाल चिकित्सा हृदय शल्य चिकित्सा (Adult and Pediatric Cardiac surgery)
- कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी)
- ऑफ पंप बीटिंग सीएबीजी लेफ्ट वेंट्रिकुलर रेस्टोरेशन
- हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी
- महाधमनी धमनीविस्फार सर्जरी (Aortic aneurysm surgery)
- कोरोनरी आर्टरी और वाल्व के लिए सुधार सर्जरी
- जटिल जन्मजात नवजात सर्जरी (Complex congenital neonatal surgery)
- एरोटिक वाल्व की रिपेयर और रिप्लेसमेंट
- कार्डिएक ट्यूमर सर्जरी
- वयस्कों के लिए एएसडी बंद
- एट्रिअल फिब्रिलेशन सर्जरी
- एरोटिक डिससेशन रिपेयर
- मिनिमली इनवेसिव कार्डिएक सर्जरी
हृदय रोग के कारण (Causes of Heart Disease in Hindi)
हृदय रोग के ये 5 मुख्य कारण हो सकते हैं:
- धूम्रपान: यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो आपको हृदय रोग हो सकता है।
- मधुमेह होना: मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को हृदय रोग होने का खतरा अधिक होता है।
- उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति को हृदय रोग हो सकता है।
- तनाव: हृदय रोग का मुख्य कारण अत्यधिक तनाव है। इसलिए जितना हो सके तनाव से बचना चाहिए।
- अधिक वजन होना: अधिक वजन वाले व्यक्ति को हृदय रोग भी हो सकता है। हालांकि, वे बेरियाट्रिक सर्जरी या लिपोसक्शन सर्जरी से अधिक वजन की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
हृदय रोग के लक्षण (Symptoms of Heart Disease in Hindi)
संकेत और लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- सीने में दर्द, सीने में जकड़न, सीने में दबाव और सीने में तकलीफ (एनजाइना)
- सांस लेने में कठिनाई
- यदि आपके शरीर के उन हिस्सों में रक्त वाहिकाओं को संकुचित किया जाता है, तो आपके पैरों या बाहों में दर्द, सुन्नता, कमजोरी या ठंडक
गर्दन, जबड़े, गले, पेट या पीठ में दर्द भी महसूस हो सकता है।
हृदय रोग का इलाज किन तरीकों से किया जा सकता है? (What ways can heart disease be treated in Hindi)
ऐसे बहुत से लोग हैं जो दिल की बीमारी को लाइलाज बीमारी मानते हैं, और इससे यह पता चलता है कि उन लोगों को दिल की बीमारी के इलाज के बारे में पता नहीं है। आज के इस दौर में अमूमन हर बीमारी का इलाज किया जाता है। लेकिन यह तब मुमकिन है जब बीमारी का पता समय रहते चल जाए। दिल की बीमारी का इलाज आसानी से किया जा सकता है।
- व्यायाम: हृदय रोग के इलाज का यह सबसे सामान्य तरीका है, जो बहुत अच्छे परिणाम देता है।
- दवा लेना: डॉक्टर दिल के मरीज को भी दवा देते हैं।
- ईसीजी या ब्लड टेस्ट : ईसीजी या ब्लड टेस्ट जैसे कुछ परीक्षण हृदय रोग को दूर करने में कारगर साबित होते हैं।
- पौष्टिक भोजन करें: कई बार डाइट प्लान में बदलाव करके हृदय रोग का इलाज किया जा सकता है।
- सर्जरी: जब किसी व्यक्ति को किसी भी तरह से आराम नहीं मिलता है तो डॉक्टर उसे सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।
हृदय रोग के इलाज में डॉक्टर ज्यादातर कोरोनरी एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं।
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