क्या इओसिनोफिलिया का घरेलू उपचार से ठीक होना संभव हैं

मौसम के बदलने से कई बीमारियां उत्पन्न होने लगती हैं जिसका प्रभाव सभी व्यक्तियों पर पड़ता हैं,तथा इन बीमारियों में से एक है इओसिनोफिलिया। यह बीमारी बच्चे, बड़ो या बूढ़े को प्रभावित कर सकती है। इओसिनोफिलिया है तो कुछ घरेलु उपाय की मदद से ठीक किया जा सकता है। लेकिन गंभीर रूप से पीड़ित है तो आपको चिकित्सक उपचार की आवश्यकता होती है। आज हम इस लेख में इओसिनोफिलिया के लक्षण, कारण, उपचार के बारे में बात करेंगे।

 

 

 

इओसिनोफिलिया क्या हैं ?

 

 

इओसिनोफिल्स एक प्रकार के सफ़ेद कोशिकाएं हैं, यह शरीर में जब यह बढ़ने लगती हैं, उसे ‘इओसिनोफिलिया’ के नाम से जाना जाता है। सफ़ेद रक्त कोशिकाएं इम्युनिटी सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इनका मुख्य कार्य शरीर में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस व संक्रमण से लड़ना है और इसके प्रभाव से शरीर को बचाना है, परन्तु इसकी संख्या जब बढ़ जाती हैं तो इओसिनोफिलिया की समस्या उतपन्न हो जाती हैं।

 

 

 

इओसिनोफिलिया के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?

 

 

इओसिनोफिलिया की समस्या के कारण कुछ लक्षण विकसित होते हैं जैसे की-

 

 

  • सांस फूलना
  • घबराहट
  • पेट दर्द
  • पेट का खराब होना
  • डायरिया
  • बुखार
  • अस्थमा
  • खांसी
  • त्वचा पर लाल चकत्ते
  • लिम्फ नोड्स के आकार का बड़ा होना
  • रैशेज
  • खुजली

 

 

 

इओसिनोफिलिया के कारण होने वाली गंभीर बीमारियां कौन-सी हैं ?

 

 

अगर इस्नोफिलिया बीमारी का इलाज समय से नहीं हुआ तो इससे ये बीमारी हो सकती हैः-

 

 

  • इओसिनोफिलिया ओलोफैगिटिस
  • इओसिनोफिलिया गैस्ट्रिटिस
  • इओसिनोफिलिया एन्टराइटिस
  • इओसिनोफिलिया कोलाइटिस
  • हाइपेरोसिनोफिलिक सिंड्रोम

 

 

 

 

इओसिनोफिलिया के निदान क्या हैं और उनकी लागत कितनी हैं ?

 

 

निदान लागत
लिवर फंक्शन टेस्ट ₹ 350- 1500
छाती का एक्स-रे ₹ 350-750
टिशू और बोन मैरो बायोप्सी ₹ 4000-10,000
स्टूल सैंप्ल टेस्टिंग ₹ 500-1000
यूरिन टेस्ट ₹ 350-500
ब्लड टेस्ट ₹ 300-500

 

 

 

इओसिनोफिलिया को ठीक करने के घरेलू उपाय क्या हैं ?

 

 

इओसिनोफिलिया की समस्या को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय हैं जैसे की –

 

 

नीम के रस: नीम का रस शरीर के लिए अधिक फायदेमंद रहता हैं, यह हमे कई बीमारियों से बचाता हैं। यह शरीर से संक्रमण को दूर करने के साथ रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है। इओसिनोफिलिया होने पर नीम के रस का सेवन अवश्य करना चाहिए।

 

 

प्याज़ का रस: प्याज में बहुत से पोषक तत्व होता है जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इओसिनोफिलिया का उपचार प्याज के रस का उपयोग किया जाता है।इस प्रक्रिया से इओसिनोफिलिया से आराम मिलता है।

 

 

अदरक की चाय: अदरक में कई तरह के औषधीय गुण होता है जो स्वास्थ्य की समस्या को ठीक करने में सहायक होता है। इओसिनोफिलिया को ठीक करने के लिए अदरक को पीसकर चाय बनाकर पीना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति को आराम मिलता है।

 

 

मेथी: मेथी शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। मेथी का उपयोग करना शरीर के लिए अच्छा होता हैं और गले के सूजन को कम करने के लिए भी फायदेमंद होता है। इओसिनोफिलिया की समस्या को कम करने में सहायक होता है।

 

 

भाप: इओसिनोफिलिया से आराम पाने के लिए भाप लेना फायदेमंद होता है। भाप लेने के लिए नीलगिरी तेल की कुछ बूंदो का उपयोग करना चाहिए।

 

 

भार्गी: भार्गी एक तरह की औषधि है जिसका उपयोग काढ़ा के रूप में किया जाता है। अस्थमा व इओसिनोफिलिया के उपचार में फायदेमंद होता है।

 

 

शहद और पानी: इओसिनोफिलिया के स्तर को कम करने के लिए शहद व पानी का उपयोग लाभदायक होता है। रोजाना सुबह एक ग्लास पानी में शहद मिलाकर पीना चाहिए। जैसा की आपको मालूम शहद में एंटीबायोटिक गुण होता है जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। रक्त में सफ़ेद कोशिकाओं की मात्रा को सामान्य करता है।

 

 

 

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