आधुनिक जीवनशैली और अनियमित खानपान के चलते फैटी लिवर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गयी है। इस समस्या को नकारात्मक प्रभावों से जूझ रहे लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में अतिरिक्त चर्बी का भण्डार हो जाता है, जिससे लिवर कार्य को प्रभावित किया जाता है। इस समस्या का प्रबल प्रभाव उन लोगों पर होता है जो अधिक मात्रा में अल्कोहल उपभोग करते हैं, जोखिममय भोजन प्रणाली का पालन करते हैं या मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं।
फैटी लिवर के लक्षण में पेट में भारीपन, पेट में गैस, थकान, और पेट के बड़े होने की समस्या शामिल होती है। यदि आप इन लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो समय रहते चिकित्सक की सलाह लेना उचित होगा। फैटी लिवर को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ आहार, व्यायाम, और अपनी जीवनशैली के संशोधन की आवश्यकता होती है। इससे बचने के लिए अल्कोहल की मात्रा को कम करें, स्वस्थ वाणिज्यिक तेलों का उपयोग करें, और नियमित व्यायाम करें। इसके अलावा, अपने चिकित्सक की सलाह पर और दवाओं का प्रयोग करें। फैटी लिवर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, इसलिए सभी को इसे लेने या छोड़ने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
फैटी लिवर क्या होता हैं ?
फैटी लिवर या स्टीटोहेपेटाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है। यह अवस्था लिवर के स्वस्थ कोशिकाओं के संख्या में कमी और अधिकतम चर्बी का निर्माण करती है, जिससे लिवर कार्य को प्रभावित किया जाता है। यह समस्या आमतौर पर अधिक मात्रा में अल्कोहल सेवन, मोटापा, अस्वस्थ खानपान, और अन्य नियमित स्वास्थ्य संबंधी अनुशासनों के कारण होती है। यदि फैटी लिवर समस्या को नजरअंदाज किया जाता है, तो यह गंभीर रूप में लिवर संबंधी रोगों जैसे कि सिरोसिस और किरकिरी रोग का कारण बन सकता है।
अधिकतम चर्बी के कारण लिवर की कोशिकाएं इन्हें समायोजित करने में समर्थ नहीं होतीं और इससे लिवर के कार्य प्रभावित हो सकते हैं। अधिक चर्बी का जमाव भी इंसुलिन प्रतिरोध के विकास को बढ़ा सकता है, जो मधुमेह और अन्य मेटाबोलिक संबंधी समस्याओं के लिए रिस्क बढ़ाता है। फैटी लिवर का सही समाधान योग, नियमित व्यायाम, स्वस्थ खानपान और डॉक्टर की सलाह के अनुसार इलाज करना होता है। इससे यह समस्या प्रबंधित की जा सकती है और संभावित समस्याओं का सामना किया जा सकता है।
फैटी लिवर के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?
फैटी लिवर होने पर निम्नलिखित लक्षण नज़र आते हैं जैसे की-
- पैरों में सूजन
- थकान और कमजोरी महसूस करना
- भूख कम लगना
- वजन घटना
- त्वचा में एलर्जी और खुजली होना
- पाचन तंत्र से सम्बंधित समस्या अधिक बढ़ जाती हैं
- पेट के दाँए भाग के ऊपरी हिस्से मैं अधिक दर्द
फैटी लिवर के चार चरण कौन-कौन से होते हैं ?
फैटी लिवर के चार प्रमुख चरण होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- संग्रहणीय फैटी लिवर (स्टीटोहेपेटोसिस): इस चरण में, लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा होती है, लेकिन इसका प्रभाव अभी तक कोशिकाओं के स्वास्थ्य पर नहीं होता है। यह स्थिति अक्सर निर्दोषी हो सकती है और लक्षणों का अभाव होता है।
- नॉन-अल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटोहेपेटाइटिस (NASH): इस चरण में, लिवर में अतिरिक्त चर्बी के साथ-साथ लिवर की सेल्स में संवेदनशीलता और जलन जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह स्थिति अक्सर अल्कोहोलिक और अल्कोहोलिक दोनों प्रकार के फैटी लिवर के लिए गंभीर हो सकती है।
- नॉन-अल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटोहेपेटाइटिस सिरोसिस (NASH Cirrhosis): यह चरण उन व्यक्तियों में विकसित होता है जिनमें NASH के लक्षण लंबे समय तक असंवेदनशील होते हैं। इसमें लिवर की सेल्स का नुकसान होता है और स्थायी रूप से लिवर में स्कार विकसित होता है।
- हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा (Liver Cancer): यह चरण वहां पर पहुंचता है जहां लिवर के कोशिकाओं में कैंसर के रोगी रूप में बदलाव आता है। यह चरण बहुत ही गंभीर होता है और सामान्यतः इलाज मुश्किल हो सकता है।
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