थैलेसीमिया का नया उपचार: स्वस्थ जीवन की राह

थैलेसीमिया से ग्रस्त लोगों के लिए आशा की एक किरण जगी है। हाल ही में हुए शोध से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिली है कि यह रोग कैसे उत्पन्न होता है, और इससे भविष्य में होने वाले उपचारों का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इस नए शोध में, वैज्ञानिकों ने पाया है कि जीन उत्परिवर्तन (जीन म्यूटेशन) कैसे थैलीसीमिया को जन्म देते हैं। इस जानकारी का उपयोग करके, वे अब दवाओं को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं जो इन उत्परिवर्तनों को लक्षित कर सकें और रोग की प्रगति को रोक सकें। अभी तक, थैलेसीमिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है। रोगियों को नियमित रूप से रक्त संचार की आवश्यकता होती है, जो एक लंबी और थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है। यह नया शोध भविष्य में अधिक प्रभावी उपचारों की संभावना को जन्म देता है।

 

 

 

थैलेसीमिया क्या होता हैं ?

 

 

थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है जो लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रभावित करता है। हीमोग्लोबिन वह प्रोटीन होता है जो ऑक्सीजन को शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचाने का काम करता है। थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों में थकान, कमजोरी और बार-बार संक्रमण होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

 

 

 

थैलेसीमिया के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?

 

 

थैलेसीमिया के लक्षण रोग की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। कुछ मामलों में, लक्षण बहुत हल्के होते हैं और दिखाई नहीं देते हैं, जबकि अन्य मामलों में लक्षण गंभीर हो सकते हैं और जीवन को खतरे में डाल सकते हैं। थैलेसीमिया के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं-

 

 

  • थकान और कमजोरी: थैलेसीमिया से पीड़ित लोग अक्सर थकान महसूस करते हैं, क्योंकि उनके शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। यह थैलेसीमिया के प्रमुख लक्षण में से एक है, जो किसी भी कारण से बहुत ज्यादा थकावट महसूस करने के लिए कर सकता है।

 

  • बुखार: थैलेसीमिया के मरीजों में अक्सर बुखार आता है, जो इनकी रक्त की कमी के कारण हो सकता है।

 

  • हड्डियों का दर्द: थैलेसीमिया में अधिक रक्त की कमी होने के कारण, हड्डियों में दर्द और अधिकतर हड्डियों के अंतर्निहित इंफेक्शन हो सकते हैं। थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों में हड्डियों की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस।

 

  • बार-बार संक्रमण: थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को बार-बार संक्रमण हो सकता है, क्योंकि उनके शरीर में रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता कम होती है।

 

  • त्वचा में बदलाव: थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों की त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ सकता है। कुछ थैलेसीमिया के मरीजों में त्वचा में अधिक रक्त फ्लो और एक चमकीला रंग दिखाई देता है।

 

  • चक्कर आना: थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को चक्कर आ सकते हैं, खासकर जब वे खड़े होते हैं। थैलेसीमिया के मरीजों में ध्यान चकित की अधिकता होती है, जो उनके लक्षणों में से एक हो सकता है।

 

 

 

थैलेसीमिया का नया उपचार क्या हैं ?

 

 

थैलेसीमिया का नया उपचार वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार लगातार विकसित हो रहा है। यह नया उपचार कई प्रकार का हो सकता है, जैसे कि:

 

जीन थेरेपी: यह एक ऐसी तकनीक है जो रोगी के जीन में बदलाव करके थैलेसीमिया को ठीक करने का प्रयास करती है। यह उपचार अभी भी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन यह भविष्य में थैलेसीमिया का एक स्थायी इलाज बन सकता है।

 

 

बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन: कुछ मामलों में, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन (Bone Marrow Transplantation) भी थैलेसीमिया के इलाज के रूप में उपयोगी हो सकता है। इसमें रोगी के दुर्बल बोन मैरो को स्वस्थ दानकर्ता के बोन मैरो से बदल दिया जाता है।

 

 

नई दवाओं की विकास: और अधिक प्रभावी और सुरक्षित दवाओं का विकास भी चल रहा है, जो थैलेसीमिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

 

थैलेसीमिया के घरेलु उपचार क्या होते हैं ?

 

 

थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है, जिसके लिए कोई घरेलू उपचार नहीं है। थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को नियमित रूप से रक्त संचार की आवश्यकता होती है, जो एक लंबी और थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है। हालांकि, कुछ घरेलू उपचार थैलेसीमिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि:

 

 

  • आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाना: थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों में आयरन की कमी हो सकती है, इसलिए आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ सकता है। आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों में हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, लाल मांस और अंडे शामिल हैं।

 

  • फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाना: फोलेट एक विटामिन है जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, अंडे और नट्स शामिल हैं।

 

  • विटामिन बी 12 से भरपूर खाद्य पदार्थ खाना: विटामिन बी 12 एक विटामिन है जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी मदद करता है। विटामिन बी 12 से भरपूर खाद्य पदार्थों में मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पाद शामिल हैं।

 

  • पर्याप्त पानी पीना: थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को निर्जलीकरण से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए।

 

  • नियमित रूप से व्यायाम करना: थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, लेकिन उन्हें ज़ोरदार व्यायाम से बचना चाहिए।

 

  • तनाव से बचना: तनाव थैलेसीमिया के लक्षणों को खराब कर सकता है, इसलिए थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को तनाव से बचना चाहिए।

 

 

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