गेस्ट्राइटिस के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव

आज के समय में  जंक फूड का अधिक सेवन, शारीरिक श्रम में कमी और बढ़ते तनाव को इंसान के शरीर को कई बीमारियों का घर बना दिया है। जिनमें से गैस्ट्राइटिस भी एक समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए परेशानी बन सकती है। आज, गैस्ट्राइटिस से ज्यादातर लोग परेशान हैं। गैस्ट्राइटिस के होने का सबसे बड़ा कारण है आपका गलत खान पान जो आपके पूरे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।

 

 

गेस्ट्राइटिस क्या है?

 

 

गैस्ट्राइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट की परत में सूजन हो जाती है। म्‍यूकोस में शामिल कोशिकाएं एसिड और अनाज का बहुत अच्छे तरीके से मिलती है, जो आपके द्वारा खाए हुए भोजन को पचाने में मदद करती है। लेकिन गैस्ट्राइटिस होने पर इस क्रिया में दिक्कत आने लगती है। इसका काम होता है भोजन के एक बड़े हिस्से को छोटे-छोटे भाग में विभाजित करना।

यह बलगम, एसिड की एक क्रिया को भी संक्रमित करता है। गैस्ट्राइटिस के कारण एसिड, हार्मोन और म्‍यूकोस के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। दरअसल गैस्ट्रिटिस पेट की परत की सूजन, जलन, या बेचैनी है। यह अचानक (तीव्र) या धीरे-धीरे (क्रोनिक) हो सकता है।

 

 

गेस्ट्राइटिस के लक्षण

 

 

निम्नलिखित लक्षणों में से कोई भी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

 

  • खून की उल्टी होना,

 

  • ज्यादा मात्रा में पीले या हरे रंग की उल्टी आना,

 

  • मल त्याग काला या उसमें खून निकलना,

 

  • बुखार के साथ पेट दर्द होना,

 

  • चक्कर आना और बेहोशी,

 

  • दिल की धड़कन तेज होना,

 

  • बहुत ज़्यादा पसीना आना,

 

 

गेस्ट्राइटिस के कारण

 

 

अत्यधिक शराब का सेवन करना इसके कारणों को पैदा करता है, तनाव या कुछ दवाओं का सेवन गैस्ट्राइटिस के कारणों को जन्म देता है।  गैस्ट्राइटिस जलन के कारण हो सकता है। यह निम्न में से कोई भी एक कारण हो सकता है।

 

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) : एक बैक्टीरिया जो पेट की परत में रहता है, यदि इसका उपचार सही समय पर नहीं क्या गया तो ये, अल्सर के संक्रमण को जन्म दे सकता है, और कुछ लोग पेट के कैंसर का भी शिकार हो जाते है।

 

बिली रिफ्लक्स (Bile reflux) : गॉलब्लेडर से पेट में पित्त का प्रवाह (जो यकृत और पित्ताशय को जोड़ता है)

 

बैक्टीरिया और वायरस के कारण संक्रमण होना।

 

 

गेस्ट्राइटिस के प्रकार?

 

 

एक्यूट गैस्ट्राइटिस (तीव्र जठरशोथ) : ऐसा होने पर अचानक पेट फूलता है। नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स या अल्कोहल के सेवन से एक्यूट गैस्ट्राइटिस की समस्या पैदा होती है। जो व्यक्ति के उपचार के दौरान पूरी तरह से ठीक हो जाती हैं, वो भी बिना किसी जटिलता के। इसके सामान्य लक्षणों में ऊपरी पेट में दर्द, पेट में जलन जैसी समस्या शामिल हो सकती है।

 

 

क्रोनिक गैस्ट्रिटिस (पुरानी गैस्ट्रिटिस) : पुरानी गैस्ट्रिटिस (पुरानी गैस्ट्रिटिस) की स्थिति में सूजन शामिल है, जो उपचार के बिना ठीक नहीं होती। क्रोनिक गैस्ट्र्रिटिस में पेप्टिक अल्सर, आंतरिक रक्तस्राव, खून की कमी, गैस्ट्रिक कैंसर, किडनी की समस्याएं और मृत्यु आदि तक हो सकती हैं। पूर्व उपचार प्राप्त करना क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस की जटिलताओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।

 

 

इरोसिव गैस्ट्राइटिस (इरोसिव गैस्ट्रिटिस) : इरोसिव गैस्ट्राइटिस (इरोसिव गैस्ट्राइटिस) पेट के फूलने की एक बहुत ही सामान्य स्थिति है। इस स्थिति में गंभीर सूजन नहीं होती है, लेकिन यह पेट की परत में अल्सर और रक्तस्राव का कारण बन सकता है।

 

 

गेस्ट्राइटिस का इलाज

 

 

गैस्ट्राइटिस में, पेट के एसिड को कम करके ऐन्टैसिड और अन्य दवाओं के साथ प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। अन्य एसिड भी सूजन वाले क्षेत्रों और बहुत जलन पैदा करते है। इसके अलावा, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि गैस्ट्राइटिस के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई लेने की कोशिश न करें।

 

 

गेस्ट्राइटिस से बचाव

 

 

एलोवेरा : ये तो आज कल सभी के घर में आसानी से मिल जाता है। दो चम्मच ताजा एलोवेरा जेल को एक गिलास पानी के साथ मिलकर इसका सेवन करें, एलोवेरा जेल पेट में गैस के कारण होने वाली जलन को कम करने में बहुत मददगार साबित होता है। एलोवेरा में ऐसे गुण होते हैं, जो पेट की मांसपेशियों की सूजन को कम करते हैं। यह एक अच्छा एंटीसेप्टिक एजेंट भी है, यह संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को ख़त्म करने में सक्षम होता है।

 

 

नारियल पानी : आपको बता दें की नारियल पानी विभिन्न विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें ऐसे गुण भी होते हैं, जो गैस के कारण पेट की सूजन को कम कर सकते हैं। गैस के दर्द के मामले में दवा खाने के बजाय इसे लें।

 

 

खाने को चबाकर खाएं : यदि आप इस समस्या से बचना चाहते है, तो खाना खाते समय खाने को पूरी तरह से चबाकर खाएं इससे आपके पेट से जुड़ी कोई भी समस्या नहीं होगी। सबसे जरुरी बात के खाने के तुरंत बाद लेटें नहीं क्योंकि ये इसके कारणों को बढ़ाती है।

 

 

खाते वक़्त पानी ना पिएं : यदि आप पेट से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या से परेशान है तो अपना भोजन करते वक़्त पानी बिल्कुल भी ना पिएं। ऐसा करने से आपके खाना पचने में दिक्कत हो सकती है और आपको ऐसी बीमारी भी हो सकती है।

 

 

इस तरह की कोई भी समस्या होने पर लापरवाही ना करें ऐसा बहुत बार होता है की आप कुछ बीमारियों को छोटा समझ कर नज़रअंदाज़ कर देता है जो आगे चलकर आपको बहुत दिक्कत देती है। लेकिन आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इस समस्या के होने पर आप हमारे डॉक्टर से भी सलाह लें सकते है

 

The blogs are well-reviewed and discussed by Dr. Nomita


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।