किडनी सिस्ट एक थैली जैसी संरचना है जो किडनी के अंदर या उसके ऊपर बन सकती है। यह अक्सर तरल पदार्थ से भरी होती है और आकार में छोटी या बड़ी हो सकती है। किडनी सिस्टें कभी-कभी स्वतः ठीक हो जाती हैं, लेकिन अगर वे बढ़ जाएं या लक्षण पैदा करें, तो इनका इलाज करना जरूरी हो सकता है।
किडनी सिस्ट खतरनाक होती हैं या नहीं?
अधिकतर किडनी सिस्ट खतरनाक नहीं होतीं और इनमें से कई किसी प्रकार की परेशानी नहीं देतीं। लेकिन कुछ मामलों में, ये सिस्ट अन्य समस्याओं जैसे दर्द, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई), या उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती हैं। दुर्लभ मामलों में, बड़ी या संक्रमित सिस्ट गंभीर परेशानी पैदा कर सकती हैं।
किडनी सिस्ट के लक्षण क्या हैं?
हालांकि कई किडनी सिस्ट किसी प्रकार का लक्षण नहीं देतीं, लेकिन बड़ी या संक्रमित सिस्ट निम्नलिखित लक्षण पैदा कर सकती हैं:
- पीठ और पेट में दर्द: किडनी के आसपास, खासकर पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है।
- पेट में सूजन: बड़ी सिस्ट के कारण पेट के उस हिस्से में सूजन दिख सकती है।
- यूटीआई: किडनी सिस्ट यूटीआई के खतरे को बढ़ा सकती है, जिससे पेशाब में जलन या बार-बार पेशाब का आना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
- पेशाब में खून आना: सिस्ट के फटने से या उसमें चोट लगने से पेशाब में खून आ सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर: बड़ी सिस्ट किडनी पर दबाव डाल सकती है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है।
- बुखार और थकान: संक्रमित सिस्ट के कारण बुखार और थकान महसूस हो सकती है।
किडनी सिस्ट के कारण क्या हो सकते हैं?
किडनी सिस्ट के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- जेनेटिक बदलाव: आनुवंशिक कारणों से किडनी सिस्ट हो सकती है। पॉलीसिस्टिक किडनी डिसीज (पीकेडी) एक ऐसा ही जेनेटिक विकार है।
- उम्र: उम्र बढ़ने के साथ किडनी में सिस्ट बनने का खतरा बढ़ता है।
- लंबे समय तक किडनी में खराबी: लंबे समय तक किडनी की बीमारी के कारण भी किडनी सिस्ट हो सकती है।
- चोट या आघात: कभी-कभी किसी चोट के कारण भी किडनी सिस्ट बन सकती है।
- अन्य अज्ञात कारण: कुछ सिस्ट बिना किसी स्पष्ट कारण के भी बन जाती हैं।
किडनी सिस्ट का उपचार कैसे किया जाता है?
किडनी सिस्ट का उपचार उसके आकार, स्थान और इससे होने वाली परेशानी पर निर्भर करता है। यदि सिस्ट छोटी है और परेशानी नहीं पैदा कर रही है, तो उसका इलाज नहीं किया जाता; केवल नियमित जाँच की जाती है। यदि सिस्ट परेशानी पैदा कर रही है, तो निम्नलिखित उपचार किए जा सकते हैं:
- ड्रेनेज: इस प्रक्रिया में, एक पतली सुई के जरिए सिस्ट से तरल पदार्थ को बाहर निकाला जाता है। इससे दर्द और सूजन में राहत मिल सकती है।
- स्क्लेरोथेरेपी: इसमें सिस्ट को छोटी करने के लिए एक विशेष दवा का उपयोग किया जाता है, जिससे तरल को हटाने के बाद दोबारा भरने की संभावना कम हो जाती है।
- सर्जरी: यदि सिस्ट बहुत बड़ी है या दर्दनाक है, तो इसे सर्जरी द्वारा हटा दिया जाता है। सर्जरी का निर्णय तभी लिया जाता है जब सिस्ट में संक्रमण हो या यह किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रही हो।
- मॉनिटरिंग: यदि सिस्ट छोटी है और परेशानी नहीं दे रही है, तो डॉक्टर इसकी वृद्धि और अन्य परिवर्तनों को मॉनिटर करने के लिए समय-समय पर इमेजिंग परीक्षण करवाने की सलाह देते हैं।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न-
1. किडनी सिस्ट क्या होती है?
किडनी सिस्ट गुर्दे में बनने वाली द्रव से भरी थैली होती है। ये ज्यादातर मामलों में हानिरहित होती हैं और लक्षण उत्पन्न नहीं करतीं। हालांकि, कुछ मामलों में यह बड़ी हो सकती है या समस्या पैदा कर सकती है।
2. किडनी सिस्ट के कारण क्या होते हैं?
किडनी सिस्ट के विकसित होने के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। उम्र बढ़ने के साथ इसके होने की संभावना बढ़ती है। पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) एक अनुवांशिक स्थिति है, जो किडनी सिस्ट का कारण बन सकती है।
3. क्या किडनी सिस्ट खतरनाक होती है?
साधारण किडनी सिस्ट आमतौर पर खतरनाक नहीं होतीं और किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन अगर सिस्ट बड़ी हो जाए, दर्द पैदा करे या अन्य समस्याएँ उत्पन्न करे, तो उपचार की आवश्यकता हो सकती है। पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज अधिक गंभीर होती है और इसे समय पर उपचार की आवश्यकता होती है।
4. किडनी सिस्ट के लक्षण क्या होते हैं?
अधिकतर किडनी सिस्ट कोई लक्षण उत्पन्न नहीं करतीं। हालांकि, यदि सिस्ट बड़ी हो जाए या कोई समस्या उत्पन्न करे, तो निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
पीठ या पेट में दर्द
पेशाब में खून आना
बार-बार पेशाब आना
गुर्दे में सूजन या संक्रमण
उच्च रक्तचाप
5. किडनी सिस्ट का पता कैसे चलता है?
किडनी सिस्ट का पता आमतौर पर अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई से चलता है। ये टेस्ट सिस्ट की स्थिति, आकार और गंभीरता का पता लगाने में मदद करते हैं।
6. क्या किडनी सिस्ट का उपचार आवश्यक होता है?
यदि सिस्ट छोटी है और लक्षण उत्पन्न नहीं कर रही है, तो उपचार की आवश्यकता नहीं होती। सिस्ट को डॉक्टर समय-समय पर मॉनिटर करते रहते हैं। यदि सिस्ट बड़ी हो या लक्षण उत्पन्न कर रही हो, तो डॉक्टर पंक्चर या सर्जरी जैसी चिकित्सा प्रक्रियाओं की सलाह दे सकते हैं।
7. किडनी सिस्ट का इलाज कैसे किया जाता है?
किडनी सिस्ट के इलाज के मुख्य विकल्पों में शामिल हैं:
निगरानी (Observation): छोटी सिस्टों के लिए।
पंक्चर और स्क्लेरोथेरेपी: द्रव निकालकर सिस्ट को खत्म करने की प्रक्रिया।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: बड़ी सिस्टों को हटाने के लिए।
गुर्दा प्रत्यारोपण: पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के गंभीर मामलों में।
8. क्या किडनी सिस्ट से बचा जा सकता है?
किडनी सिस्ट का विकास रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, खासकर अगर यह आनुवांशिक हो। लेकिन स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त पानी पीने से गुर्दे की सेहत को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
9. क्या किडनी सिस्ट से कैंसर का खतरा होता है?
साधारण किडनी सिस्ट से कैंसर होने की संभावना बहुत कम होती है। हालांकि, कुछ जटिल और अनियमित सिस्टों में जोखिम बढ़ सकता है। यदि किसी सिस्ट में असामान्य बदलाव दिखाई दे, तो डॉक्टर अतिरिक्त परीक्षणों की सलाह दे सकते हैं।
10. किडनी सिस्ट और पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) में क्या अंतर है?
साधारण किडनी सिस्ट आमतौर पर हानिरहित होती हैं और बिना किसी लक्षण के होती हैं। दूसरी ओर, पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) एक अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें गुर्दों में कई सिस्ट बन जाती हैं, जो गुर्दे की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।
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