पेशाब में जलन और दर्द हो तो हो सकते हैं ये कारण, जाने बचने के उपाय

पेशाब में जलन और दर्द होना एक आम समस्या है। यह समस्या हर किसी को कभी न कभी होती ही है। इसका मुख्य कारण पानी की कमी है। इस समस्या में पेशाब कम मात्रा में होता है, रुक रुक के, थोड़ा-थोड़ा आता है और साथ में जलन भी होता है। पेशाब में जलन या दर्द की समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में होती है। जिसके कई सारे कारण हो सकते हैं, इसलिए कुछ लक्षणों को ध्यान में रखकर इसका इलाज तुरंत करा लेना चाहिए नहीं तो बाद में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे की – किडनी की पथरी, यूरिन इन्फेक्शन और ब्लैडर कैंसर आदि। इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करे और तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

पेशाब में जलन और दर्द होने के कारण

 

 

 

  • शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)

 

  • पेशाब को अधिक देर रोककर रखना

 

  • बढ़ी हुई प्रोस्टेट

 

 

 

 

  • शुक्राणु या वीर्यकोष में संक्रमण

 

  • यौन संचारित रोग

 

  • तेज मिर्च मसालों का अत्यधिक सेवन

 

 

  • चाय, कॉफी, अम्ल पदार्थ,शराब का अत्यधिक सेवन

 

 

पेशाब में जलन और दर्द होने के और भी कई अन्य कारण हो सकते हैं

 

 

यूटीआई

 

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) पेशाब में जलन होने का सबसे सामान्य कारण है। मूत्र मार्ग में जब संक्रमण हो जाता है, तब जलन, चुभन और दर्द आदि की समस्या हो सकती है।

 

 

किडनी की पथरी

 

पेशाब में जलन हो और पेशाब सामान्य से कम हो या धीरे-धीरे हो तो ये मूत्र मार्ग में पथरी होने के संकेत हैं। आजकल के अस्वस्थ खान-पान की वजह से किडनी के पथरी के मरीजों की संख्या बहुत बढ़ गई है।

 

 

यूथेराइटिस

 

इस बीमारी में मूत्रमार्ग में सूजन की समस्या हो जाती है। इसमें पेशाब की नली में सूजन हो जाने की वजह से पेशाब करते समय तेज दर्द और पेशाब में जलन होती है। यह बीमारी वयस्कों में अधिक देखने को मिलती हैं। इस समस्या में मूत्र त्याग करते समय खून या वीर्य की बूंदें भी निकल सकती हैं।

 

 

ब्लैडर कैंसर

 

ब्लैडर हमारे शरीर में यूरिनरी सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ से मूत्र बाहर निकलता है। ब्लैडर में कैंसर होने की वजह से पेशाब में जलन और दर्द का कारण हो सकता है।

 

 

क्लैमाइडिया

 

यह एक तरह का यौन संचारित रोग यानि एसटीडी (STD) है। यह बीमारी क्लैमाइडिया ट्राकोमोटिस जीवाणु के कारण होता है। जो की महिलाओं की प्रजनन इंद्रियों को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इस बीमारी के कारण महिलाओं में पेशाब में जलन और दर्द की समस्या हो सकती है। ऐसे रोगों से बचाव के लिए संबंध बनाते समय सुरक्षा का खयाल रखना चाहिए और साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।

 

 

क्या हैं पेशाब में जलन के लक्षण

 

 

  • पेशाब करते वक्त पेशाब में जलन और दर्द की समस्या

 

 

  • पेशाब में पीलापन

 

  • बुखार

 

  • पेशाब में बदबु

 

  • पेशाब करने के लिए जोर लगाने की जरुरत पड़ना

 

  • जी मचलाना आदि

 

 

पेशाब में जलन और दर्द से बचने के उपाय

 

 

पर्याप्त मात्रा में पानी और नारियल पानी पीये

 

यह समस्या शरीर में पानी की कमी के कारण हो जाती है। जिस वजह से यूरिन का रंग पीला हो जाता है। इसलिए अधिक से अधिक पानी पीएं और साथ ही नारियल पानी का भी सेवन करें क्‍योंकि यह डिहाइड्रेशन और पेशाब में जलन की समस्या को भी ठीक करता है।

 

 

ककड़ी

 

ककड़ी में भरपूर मात्रा में पानी पाया जाता है। इसके रोज सेवन करने से पाचन क्रिया भी ठीक रहता है और डिहाइड्रेशन की भी कमी नहीं होती। ककड़ी में क्षारीय तत्व भी पाए जाते है, जो मूत्र की कार्यप्रणाली के सुचारु रूप से संचालन में सहायक होती हैं और पेशाब में जलन की समस्या भी ठीक रहती है।

 

 

विटामिन सी का सेवन करें

 

जिस फल में भरपूर मात्रा में विटामिन सी हो, उसका सेवन करना चाहिए। जैसे की – आंवला, संतरा आदि का सेवन कर सकते है। इसके अलावा आप इलायची और आंवले के चूर्ण समान भाग में मिलाकर पानी के साथ खाएं। इससे आपको लाभ मिलेगा।

 

 

इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

 

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।