आमतौर पर किडनी की बीमारी के लक्षण खराब जीवन शैली की वजह से होती है। लेकिन किडनी खराब होने के संकेत जरूर देता है, जैसे की – बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों को ध्यान में रखकर डॉक्टर से परामर्श जरूर करे और भूलकर भी किडनी के लक्षणों को नजरअंदाज न करे।
आइए जानें ऐसे लक्षणों के बारे में जिनको अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं।
किडनी खराब होने के संकेत
- पेशाब करने की अधिक मात्रा और बार- बार पेशाब आना
- यूरिन के रंग में बदलाव
- पेशाब करते वक्त दर्द होना और साथ ही जलन महसूस होना
- पेशाब करते वक्त रक्त का आना
- किडनी में सूजन आना
- अतिरिक्त थकना और कमजोरी आना
- चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी
- हर समय ठंड महसूस होना
- त्वचा में रैशेज़ और खुजली
किडनी खराब होने के कारण
ज़्यादा नमक खाना
नमक के अंदर बहुत सारा सोडियम होता है और जब हम खाने में ज़रूरत से ज़्यादा नमक डालते हैं, तो इसे बॉडी से बाहर निकालने में किडनीज़ को काफी मुश्किल होती है। इससे किडनीज़ पर प्रेशर पड़ता है।
ज़्यादा कैफीन लेना
ज़रूरत से ज़्यादा कॉफी और दूसरे कैफीन वाले ड्रिंक्स पीने से किडनी डैमेज हो सकती हैं, क्योंकि ज़्यादा कैफीन से ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
ज़्यादा पेनकिलर्स खाना
अगर आप लंबे समय से पेनकिलर्स खा रहे हैं, तो इससे किडनीज़ के फंक्शन पर असर पड़ता है। शरीर में खून की कमी भी हो सकती है।
ज़्यादा प्रोटीन खाना
ज़रूरत से ज़्यादा प्रोटीन का सेवन करने से भी किडनी पर बुरा असर पड़ता है। इसीलिए, किडनी को हेल्दी रखने के लिए सीमित मात्रा में ही प्रोटीन्स खाएं।
कोल्ड या फ्लू को इग्नोर कर देना
जब भी आपको कोल्ड या फ्लू हो, तो ज़्यादा काम ना करें। इस दौरान, अपनी बॉडी को पूरा रेस्ट दें। अगर बीमारी के दौरान, आप बॉडी को ज़्यादा थकाएंगे, तो इसका असर उल्टा किडनी के फंक्शन पर पड़ता है।
ज़्यादा अल्कोहल पीना
अगर आप बहुत ज़्यादा शराब पीते हैं, तो यह किडनी को पूरी तरह डैमेज कर सकती है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में टॉक्सिन्स होते हैं।
किडनी मजबूत करने के उपाय
- फिट और सक्रिय रहें, इससे आपका ब्लड प्रेशर कम होता है और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए टहलते रहें।
- नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर स्तर को काबू में रखें क्योंकि करीब आधे लोग किडनी डैमेज के शिकार वाले डायबिटीज की गिरफ्त में होते हैं।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें। खासकर जब आप डायबिटीज, उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय सम्बंधी बीमारियों से ग्रषित हों।
- पौष्टिक भोजन लें जिससे आपका वज़न संतुलित रहे और इससे मधुमेह, हृदय बीमारी और अन्य समस्याओं को रोकने में मदद मिलेगी।
- नियमित तौर पर ओवर द काउंटर दवाएं न लें।
किडनी खराब होने पर कराएं ये जांच –
किडनी रोग की जांच कैसे होती है –
यूरिन टेस्ट- यूरिन टेस्ट के द्वारा किडनी रोग का पता लगाया जा सकता है।
ब्लड टेस्ट- किडनी कितनी सही तरह काम कर रही है इसका पता ब्लड यूरिया और क्रिएटिनिन टेस्ट के द्वारा लगाया जा सकता है।
इमेजिंग टेस्ट- अल्ट्रासाउंड के द्वारा किडनी के आकार या स्थिति में परिवर्तन के बारे में पता लगाया जा सकता है।
किडनी बायोप्सी- किडनी कितनी खराब हो चुकी है, इस बात का पता लगाने के लिए किडनी का बायोप्सी टेस्ट किया जाता है।
किडनी रोग से बचाव के लिए क्या करें
- इस रोग से बचने के लिए सबसे जरूरी है किडनी खराब होने के संकेत दिखने पर तुरंत ही चिकित्सक से मिलें और किडनी की जांच करवाएं।
- हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं।
- किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है। हर व्यक्ति को दिन में कम से कम 1.5 से 2 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
- अधिक मात्रा में नमक का सेवन न करे।
- अपने आहार में फलों, सब्जियों, प्रोटीन आदि को शामिल करें। इसके सेवन से किडनी की समस्या दूर हो सकती है।
- अधिक धूम्रपान करने से धमनियां डैमेज हो जाती हैं, जिस कारण किडनी तक ठीक से रक्त नहीं पहुंच पाता है और अधिक मात्रा में तम्बाकू का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर और किडनी कैंसर का भी खतरा बढ़ता है।
- किडनियों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना बहुत ही आवश्यक है। एक्सरसाइज से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और शरीर का वजन कम होता हैं। इससे आपका स्टेमिना बढ़ता है और इम्यूनिटी भी बढ़ती है। इसलिए किडनी खराब होने के इस संकेत को पहचान कर तुरंत ही जांच शुरू करवा दे।
किडनी में सूजन के लक्षण
- अचानक बुखार आना
- पेशाब करते वक़्त दर्द और साथ ही खून आने की भी समस्या
- जी मिचलाना या उल्टी आना
- चक्कर आना
- कब्ज या दस्त होना
- शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना
- थकान महसूस होना
- गर्मी के मौसम में ठंड लगना
- मुंह का स्वाद कसेला होना
- सांसों से बदबू आना
- सूजन और सांस की तकलीफ होना
किडनी को खराब करने वाली दवाओं से बचें,जैसे – दर्द निवारक दवाएं (पेनकिलर्स) और अगर आपको किडनी खराब होने के संकेत नजर आ रहे हो, तो तुरंत ही किडनी रोग विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) से परामर्श लें।
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